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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में आप सभी को "बाल मजदूरी" के बारें में बताने जा रहा हु। आप सभी लोगो ने इस बल मजदूरी शब्द को कई बार सुना होगा और जानते भी होंगे की बॉल मजदूरी क्या होती है ? यानी कम उम्र के बालकों द्वारा किसी ऐसे कार्य को करना जिसके बदले नियुक्त द्वारा उसको कुछ धनराशि का भुगतान लिए करना जिसको वह कर रहा है। लेकिन बाल मजदूरी को लेकर आपके मन कई प्रकार के सवाल भी उठ रहे होंगे जैसे कि
- बाल मजदूरी क्या है ?
- बाल मजदूरी रोकने का तरीका क्या हो सकता है ?
- बाल मजदूरी करवाता कोई पकड़ा जाता है तो उसको सजा क्या होगी ?
- बाल मजदूरी के अभियुक्त की जमानत कैसे होगी ?
- बाल मजदूरी अधिनियम के तहत किन बच्चो को बाल मजदूरी के लिए छूट है ?
बाल मजदूरी जैसा कि इसके नाम से ही मालूम पड़ रहा है कि बालको द्वारा किये जाने वाला कार्य। इसको और आसानी से समझे, बाल जिसका अर्थ बालक, बच्चे और मजदूरी जिसका अर्थ किसी कार्य के किये जाने पर मिलने वाला मेहनताना यानी ऐसी धनराशि जो की काम करवाने वाले द्वारा उस कार्य के पूर्ण हो जाने पर दी जाती है।
बाल मजदूरी वह होती है, जहाँ किसी कारखाने, माइन, ज्वलनशील पदाथों या विस्फोटक वाली जगहों पर 14 वर्ष से कम उम्र के बालकों से ऐसी जगह पर काम करवाया जाता है, तो ऐसे कार्य में लगे बालको द्वारा किये जाने वाले कार्य को बाल मजदूरी कहा जायेगा।
बाल मजदूरी के लिए बने कानून ?
भारतीय संविधान का अनुछेद 24 बाल मजदूरी पर रोक और प्रतिबन्ध लगाता है। जहाँ अनुच्छेद 24 ,के अनुसार किसी भी कारखाने, माइन, ज्वलनशील या विस्फोटक वाली जगह पर 14 साल से कम उम्र के किसी भी बालक को ऐसी जगह पर कार्य करने के लिए नियुक्त नहीं किया जायेगा।
बाल श्रम निषेध और विनियम अधिनियम 1986 एक ऐसा कानून है जो कि बाल मजदूरी पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाता है और बाल मजदूरी करवाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कानून कार्यवाही कर उनको दण्डित किये जाने का भी प्रावधान करता है। इस अधिनियम के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बालको को कारखानों, माइन और ज्वलनशील और विस्फोटक पदार्थों वाली जगहों पर बालको को कार्य पर लगाने के लिए नियोक्ता पर प्रतिबन्ध लगाता है कि ऐसे स्थान पर 14 वर्ष से कम उम्र किसी भी बालक को कार्य पर नहीं रखा जायेगा।
बाल मजदूरी कैसे रोकी जा सकती है ?
- बाल मजदूरी रोकने का एक उपाय यह भी है कि देश में गरीबी रेखा पर नियंत्रण किया जाये।
- देश में कार्य कर रहे मजदूरों को उनकी मेहनत का भुगतान उनकी मेहनत को और उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए किया जाये।
- मजदूरों को उनकी मेहनत का सही भुगतान सही समय पर किया जाये तो वे भी अपने बच्चों शिक्षित करने के लिए विद्यालय भेज सके ताकि बच्चे अपना समय पढाई पर दे न की बाल मजदूरी में।
- बाल मजदूरी को रोकने का एक उपाय यह भी है की देश में मुफ्त शिक्षा का प्रसार व् प्रचार करना होगा और खास उन मध्यम वर्गी और निचले वर्गों के लोगो को शिक्षा के प्रति जागरूकता का बढ़ावा देना होगा उनको शिक्षा के महत्व को समझाना होगा की उनको शिक्षा का महत्व समझ आये और ज्ञान हो।
- देश में बाल मजदूरी को लेकर एक कड़ा कानून होना चाहिए यदि कोई भी व्यक्ति बाल मजदूरी करवाता हुआ पकड़ा जाता है तो उसको कड़ी से कड़ी सजा के साथ दण्डित किया जाये और उसको उस बाल मजदूर की पढ़ाई का पूर्ण खर्चा उठाना होगा।
यदि कोई बाल मजदूरी में किसी बालक को लगाता है या पकड़ा जाता है तो क्या सजा होगी ?
बाल मजदूरी की रोकथाम व् इस पर नियंत्रण लगाने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाये गए है और कई ऐसे कानून भी पारित किये जा चुके है जिंसके तहत सजा व् जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है, इन्ही एक कानून में से एक कानून बाल श्रम निषेध और विनियम अधिनियम 1986 जो कि बाल मजदूरी की रोकथाम व् नियंत्रित करने को लेकर सजा व् जुर्माने का प्रावधान करता है।
बाल श्रम निषेध व् विनियम अधिनियम की धारा 14 बाल श्रम में बालको को नियुक्त करने वालो को दण्डित व् उनपर जुर्माना आरोपित करने का प्रावधान करता है।
1.अधिनियम की धारा 14 की उपधारा 1 के तहत कोई भी व्यक्ति अधिनियम की धारा 3 का उल्लंघन कर उसमें उल्लिखित पेशो और क्रिया कलापों के किये जाने के लिए किसी भी बालक को नियुक्त करेगा या ऐसे कार्यों को किये जाने के लिए आज्ञा देगा तो ऐसा करने वाले व्यक्ति यानी नियोक्ता को 6 महीने की कारावास की सजा से या 2 साल तक कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा और 20000 रु जुर्माने से या 50000 रु जुर्माने से दण्डित किया जायेगा या कारावास या जुर्माने दोनों से दण्डित किया जायेगा।
2. अधिनियम की धारा 14 की उपधारा 2 के अनुसार जो कोई भी व्यक्ति अधिनियम की धारा 3 का उल्लंघन कर उसमे उल्लिखित पेशो और क्रियाकलापों में किसी बालक को लागता है या कार्य करने की आज्ञा देता है ऐसा करने के लिए वह व्यक्ति पहले से दोषी पाया गया है और दण्डित किया जा चुका है, फिर से दुबारा ऐसा ही उल्लंघन करता है तो दोषी पाए जाने पर उस व्यक्ति को 3 महीने की कारावास की सजा से या 10 साल तक कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा।
3. अधिनियम की धारा 14 की उपधारा 3 के खंड क के तहत यदि कोई भी व्यक्ति अधिनियम की धारा 9 के तहत किसी कारखाने या ऐसे स्थान में जहाँ किसी बालक को कार्य पर लगाया जाता है वह चाहे इस अधिनियम के पारित होने से पहले किसी बालक लगाया जाता है या अधिनियम के पारित होने के बाद इस तरह किसी बालक को कार्य पर जाता है इस सम्बन्ध में ऐसी सूचना ऐसे स्थापना की तिथि से 30 दिन के भीतर उस स्थापना से सम्बंधित निम्न जानकारी की सूचना उस क्षेत्रीय सीमाओं के भीतर के निरीक्षक को ऐसे स्थापना के सम्बन्ध में ऐसी निम्न सूचना लिखित में नहीं देता है यानी :-
- स्थापन यानी ऐसी जगह जहाँ कोई उपत्पादन या अन्य कोई कार्य होता है ऐसे स्थापन का नाम या उस स्थापन के स्थापित होने का स्थान,
- ऐसे स्थापन का प्रबंध यानी देख-रेख करने वाले असली व्यक्ति का नाम,
- स्थापन का सही पता जहाँ पर ऐसे स्थापन से सम्बंधित कोई सूचनाएँ भेजी जानी है,
- उपजीविका यानी ऐसे स्थापन के व्यवसाय में किये जाने वाले कार्य की प्रकृति या ऐसे स्थापन में कार्य किये जाने वाली प्रक्रिया।
इन निम्न सूचना देने में असफल रहता है तो ऐसा करने वाले उस स्थापना के व्यक्ति को धारा 9 के उल्लंघन करने पर 1 महीने तक कारावास की सजा से या 10000 रु जुर्माने से या दोनों से दण्डित किया जायेगा।
4. अधिनियम की धारा 14 की उपधारा 3 के खंड ख के तहत अधिनियम की धारा 11 के अनुसार ऐसे स्थापन में काम करने के लिए नियुक्त किये गए बालको या ऐसे बालको को जिनको कार्य करने की अनुमति दी गयी है ऐसे बालको के सम्बन्ध में एक रजिस्टर के रख रखाव किये जाने का प्रावधान किया गया है जहाँ ऐसे रजिस्टर में निम्न लिखित जानकारी का दर्ज किया जाना अनिवार्य है जैसे कि :-
- कार्य पर नियुक्त किये गए बालको या ऐसे बालको को जिनको कार्य करने की अनुमति दी गयी है हर एक बालक का नाम और जन्म तिथि रजिस्टर में लिखी जाएगी,
- कार्य पर लगे बालको के सम्बन्ध में उनके कार्य करने का समय और आराम करने के समय के अंतर् जो वह पाने का अधिकार रखता है ऐसे अवधि का विवरण रजिस्टर में लिखा जायेगा,
- बालको के द्वारा कार्य किये जाने वाले कार्य की प्रकृति,
- ऐसी अन्य जानकारी जो कि निर्धारित की जाये।
ऐसी निम्न जानकारी से सम्बंधित रजिस्टर बनाए रखने में व्यक्ति असफल रहता है या ऐसी कोई गलत जानकारी रजिस्टर में दर्ज करता है तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को 1 महीने तक कारावास की सजा से या 10000 रु जुर्माने से या दोनों से दण्डित किया जायेगा।
5. अधिनियम की धारा 14 की उपधारा 3 के खंड ग के तहत अधिनियम की धारा 12 के अनुसार धारा 3 और धारा 14 के तहत उसमे लिखित सूचना व् दंड को हर एक रेलवे प्रशासन, हर एक बंदरगाह का अधिकारी और हर नियोक्ता अपने कार्य स्थल की सीमाओं के भीतर दिखने वाली जगह पर स्थानीय भाषा में और अंग्रेजी भाषा में इस अधिनियम की धारा 3 बालको का कुछ नियोजन में कार्य करने पर प्रतिबंधित सम्बंधित सूचना और धारा 14 के तहत दंड व् जुर्माने से सम्बंधित सूचना चिपकाई जाएगी।
यदि ऐसा करने में असफल रहता है तो 1 महीने तक कारावास की सजा से या 10000 रु जुर्माने से या दोनों किया जायेगा।
6. अधिनियम की धारा 14 की उपधारा 3 के खंड घ के तहत जो कोई इस अधिनियम या इसके अधीन बनाये गए किसी नियम का या अन्य किसी प्रावधानों का पालन करने में असफल रहेगा या इनका उल्लंघन करेगा तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को 1 महीने तक कारावास की सजा से या 10000 रु जुर्माने से या दोनों से दण्डित किया जायेगा।
Mujhe
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