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नमस्कार मित्रों ,
आज के इस लेख में हम जानेंगे कि " पुलिस कब किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार रखती है ?
जब किसी व्यक्ति के द्वारा कोई ऐसा कार्य किया गया जाता है , जो कानून की नजरों में अपराध है और यह अपराध गंभीर प्रकृति का होता है जैसे कि हत्या, अपहरण, बलात्संग डैकेती अन्य गंभीर अपराधों की दशा में पुलिस अधिकारी व्यक्ति को बिना वारंट गिरफ्तार करने का पूर्ण अधिकार रखती है, इसके अलावा कुछ ऐसी दशा है जिनमे पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती ैहै , जिनका उल्लेख भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में दिए गया है।
पुलिस कब किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का पूर्ण अधिकार रखती है।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अध्याय 5 व्यक्तियों की गिरफ़्तारी प्रावधानों के तहत पुलिस अधिकारी किसी भी व्यक्ति को वारण्ट के बिना गिरफ्तार करने का पूर्ण अधिकार रखती है जो कि निम्न है :-
1. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 35 पुलिस वारंट के बिन्स कब गिरफ्तार कर सकेगी इसका प्रावधान करती है , जिसके तहत पुलिस अधिकारी बिना वारंट के या मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार का पूर्ण अधिकार रखती है। ये दशा निम्न हो सकती है :-
(1). जब कोई व्यक्ति पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में संज्ञेय अपराध करता है , ऐसा अपराध जो कि गंभीर प्रकृति का होता है जैसे की :-
- हत्या,
- डैकेती,
- बलात्संग अन्य गंभीर अपराध।
(2). किसी व्यक्ति के विरुद्ध उचित परिवाद किया जा चूका है या विश्ववसनीय सूचना प्राप्त हो चुकी है या उचित संदेह है कि उसने 7 वर्ष से कम या 7 वर्ष तक करवास की सजा जो कि जुर्माने सहित या जुर्माने के बिना दण्डनीय संज्ञेय अपराध किया है , पुलिस अधिकारी के ऐसे परिवाद , सूचना या संदेह के आधार पर यह विश्वास करने का कारण है कि उस व्यक्ति ने उक्त अपराध किया है।
(3). पुलिस अधिकारी का यह समाधान हो गया है कि ऐसी गिरफ़्तारी आवश्यक है और पुलिस अधिकारी ऐसी गिरफ़्तारी करते समय अपने कारणों को लेखबद्ध करेगा, परन्तु कोई पुलिस अधिकारी ऐसे सभी मामलों में जहाँ किसी व्यक्ति की गिरफ़्तारी इस उपधारा के अधीन अपेक्षित नहीं , गिरफ़्तारी न करने के कारणों को लेखबध्द करेगा :-
- ऐसी गिरफ़्तारी ऐसे व्यक्ति कोई कोई और अपराध करने से रोकने के लिए।
- ऐसी गिरफ़्तारी अपराध के समुचित अन्वेषण के लिए।
- ऐसी गिरफ़्तारी ऐसे व्यक्ति को ऐसे अपराध के साक्ष्य को गायब करने या ऐसे साक्ष्य के साथ किसी भी रीति में छेड़छाड़ करने से रोकने के लिए।
- ऐसी गिरफ़्तारी उस व्यक्ति को , किसी ऐसे व्यक्ति को जो मामले के तथ्यों से परिचित है , उत्प्रेरित करने , उसे धमकी देने या उसको वचन देने से जिससे उसे न्यायालय या पुलिस अधिकारी को ऐसे तथ्यों को प्रकट न करने के लिए मनाया जा सके या रोकने के लिए।
- ऐसी गिरफ्तारी जब तक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता है , न्यायालय में उसकी उपस्थिति जब भी अपेक्षित हो सुनिश्चित नहीं की जा सकती।
(4). जिस व्यक्ति के विरुद्ध विश्वसनीय सूचना प्राप्त हुई है कि उसने 7 वर्ष से कारावास से दंडनीय अपराध किया है चाहे जुर्माने सहित या जुर्माने के बिना या मृत्युदण्ड से दण्डनीय संज्ञेय अपराध किया गई और पुलिस अधिकारी के पास ु सूचना के आधार पर विश्वास करने का कारण है कि उस व्यक्ति ने अपराध किय है।
(5). भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अधीन या राज्य सरकार के आदेश द्वारा अपराधी उद्घोषित किया जा चूका है।
(6). जिस व्यक्ति के कब्जे में ऐसी चीज पाई जाती है , जिसके चुराई हुई संपत्ति होने का उचित रूप से संदेह किया जाता है औरत जिस पर ऐसी चीज के बारें में अपराध करने का उचित रूप से संदेह किया जा सकता है।
(7). जो कोई व्यक्ति पुलिस अधिकारी को उस समय बढ़ा पहुँचाता है जब वह अपना कर्त्यव कर रहा है या विधिपूर्ण अभिरक्षा से निकल भागा है या निकल भागने का कोशिस करता है।
(8). जिस पर संघ के सशत्र बालों किसी से अभित्यजक होने का उचित संदेह है , अभित्यजक का अर्थ हुआ कि भगोड़ा या त्याग करने वाला विशेषकर जो व्यक्ति सैन्य नौसेना की बिना अनुमति के अपनी सेवा को छोड़ कर भाग जाता है।
(9). जो व्यक्ति भारत से बाहर किसी स्थान में किसी ऐसे कार्य किये जाने से जो कि भारत में किया गया होता तो अपराध के रूप में दण्डनीय होता और जिसके लिए वह व्यक्ति प्रत्यर्पण सम्बन्धी किसी विधि के अधीन या अन्यथा भारत में पकडे जाने या अभिरक्षा में निरुद्ध किये जाने का भागी है , सम्बद्ध रह चूका है या जिसके विरुद्ध इस बारें में उचित परिवाद किया जा चुका है या विश्वसनीय सुचना प्राप्त हो चुकी है या उचित संदेह VIDYAMAAN है कि वह ऐसे सम्बद्ध रह चुका है।
(10). भारतीय नागरिक सरुक्षा अधिनियम 2023 की धारा 394 पूर्वतन दोषसिद्ध अपराधी को अपने पते की सूचना देने का आदेश के सम्बन्ध में प्रावधान करता है , जिसके तहत धारा 394 की उपधारा 5 के तहत राज्य सरकार , छोड़े गए सिद्धदोषों के निवास -स्थान की या निवास स्थान की परिवर्तन की या उससे उनकी अनुपस्थिति की सूचना से सम्बंधित इस धरा के उपबंधों को क्रियान्वित अधिसूचना द्वारा नियम बना सकेगी। उपधारा 5 के तहत पता बताने के नियम या किसी अन्य नियम को भंग करता है।
(11). जिस व्यक्ति की गिरफ़्तारी के किसी अन्य पुलिस अधिकारी से लिखित या मौखिक अध्यपेक्षा प्राप्त हो चुकीहै , परन्तु यह तब जब अध्यपेक्षा में उस व्यक्ति का जिसे गिरफ्तार किया जाना है , हुए उस अपराध का या अन्य कारण जिसके लिए गिरफ्तार किया जाना है , विनिर्देश है और उससे यह दर्शित होता है कि अध्यपेक्षा जारी करने वाले अधिकारी द्वारा वारण्ट के बिना वह व्यक्ति विधिपूर्वक गिरफ्तार किया जा सकता है।
2. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 39 नाम और निवास बताने से इंकार करने पर गिरफ्तार करने का प्रावधान , इस धारा के उपबंधों के अधीन रहते हुए , ऐसे किसी व्यक्ति को असंज्ञेय अपराध से सम्बद्ध है या जिसके विरुद्ध कोई परिवाद किया जा चूका है या विश्वसनीय सूचना प्राप्त हो चुकी है व उचित रूप से संदेह विद्यमान है कि वह ऐसे सम्बद्ध रह चूका है , मजिस्ट्रेट के वारण्ट या आदेश के सिवाय गिरफ्तार नहीं किया जायेगा।
3. पुलिस अधिकारी ऐसे सभी मामलों उपधारा 1 के अधीन किसी व्यक्ति की गिरफ़्तारी अपक्षित नहीं है उस व्यक्ति को जिसके विरुद्ध इस बारे में उचित परिवाद किया जा चूका है या विश्वसनीय सूचना प्राप्त हो चुकी है या उचित संदेह विद्यमान है कि उसने संज्ञेय अपराध किया है , उसके समक्ष या ऐसे अन्य स्थान पर , जो सूचना में विनिर्दिष्ट किया जाये उपस्थित होने के लिए निदेश देते हुए सूचना जारी करेगा।
4. जहाँ ऐसी सूचना किसी व्यक्ति को जारी की जाती है , वहां उस व्यक्ति का यह कर्तव्य होगा कि वह ऐसी सूचना के निबंधनों का अनुपालन करें।
5. . जहाँ ऐसा व्यक्ति सूचना का अनुपालन करता है और अनुपालन करता रहता है वहां उसे सूचना में निर्दिष्ट अपराध के सम्बन्ध में तब तक गिरफ्तार नहीं किया जायेगा जब तक लेखबद्ध किये जाने वाले कारणों में पुलिस अधिकारी की यह राय न हो कि उसे गिरफ्तार क्र लेना चाहिए।
6. ऐसा व्यक्ति जिसके सम्बद्ध में सूचना जारी की गयी है उपस्थित होने के लिए , किसी भी समय सूचना के निबन्धनों का नुपालन करने में असफल रहता है पहचान कराने का अनिच्छुक है वहां पुलिस अधिकारी ऐसे आदेशों के अधीन , जो इस निमित्त किसी सक्षम न्यायालय द्वारा पारित किये गए हो , सूचना में वर्णित अपराध उसे गिरफ्तार कर सकेगा।
7. कोई भी गिरफ़्तारी , ऐसे अपराध के मामले में जो तीन वर्ष से काम के अकरावास से दण्डनीय है ऐसा व्यक्ति जो शिथिलांग है या 60 वर्ष से अधिक की उम्र का है , ऐसे अधिकारी जो पुलिस उप अधीक्षक से निचे की पंक्ति का न हो पूर्व अनुमति के बिना गिरफ़्तारी नहीं।



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