नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में जानेंगे कि " पुलिस अधिकार या RTO अधिकारी द्वारा वाहन चालान काटने पर कानूनी तरीके से रद्द कैसे कराये ? "
अक्सर वाहन का चालान काटने का कारण वाहन से सम्बंधित दस्तावजों की वर्दीधारी पुलिस अधिकारी या RTO अधिकारी द्वारा द्वारा मांग करने पर उस समय प्रस्तुत न कर पाने के कारण कट जाता है। ऐसे वाहन चालक के पास वाहन से सम्बंधित सभी आवश्यक वैध दस्तावेज घर में तो होता है पर पास नहीं होता। अब ऐसी स्थिति में चालान का कट जाना वो भी चालान का जुर्माना इतना की एक आम आदमी के द्वारा दे पाना कठिन हो जाता है।
अब ऐसे में वाहन से संबंधित सभी वैध दस्तावेज घर में होने से आप तुरंत तो प्रस्तुत नहीं कर सकते है परन्तु आपके पास एक उपाय है , की चालान कट जाने के 15 दिनों के भीतर संबंधित अधिकारी के समक्ष सभी वैध दस्तावेज प्रस्तुत कर अपने वाहन के चालान को निरस्त करा सकते है।
इसको विस्तार से जानते है।
पुलिस अधिकारी ता RTO द्वारा वाहन का चालान काटे जाने पर निरस्त कैसे कराये ?
पुलिस अधिकारी या RTO द्वारा वाहन का चालान कर देने पर आपके पास दो विकल्प जिनके जिरए आप पाने वाहन का चालान निरस्त करवा सकते है, लेकिन इसमें शर्ते यह है कि आपके वाहन से सम्बंधित दस्तावेज वैध हो , वैधता बरकार हो। ये विअकल्प है :-
- सम्बंधित अधिकारी के कार्यालय में दस्तावेज़ प्रस्तुत कर।
- क्षेत्राधिकार न्यायालय में चालान के विरुद्ध आपत्ति दाखिल कर।
केंद्रीय मोटर यान नियम 1989 का नियम 139 के तहत मोटर वाहन चालक या कंडक्टर से वर्दीधारी पुलिस अधिकारी या राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत किसी अन्य अधिकारी द्वारा वाहन से सम्बंधित दस्तावेज मांगे जाने पर जैसे कि वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, बीमा, परमिट , फिटनेस और अन्य वाहन से सम्बंधित सुसंगत दस्तावेज प्रस्तुत करेगा , मांगे गए दस्तावेजों को वाहन चालक या कंडक्टर भौतिक रूप से या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दिखा सकेगा। यदि मांगे गए दस्तावेज में से एक या सभी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाता यानी उसके पास नहीं है , तो वह पुलिस अधिकारी या किसी अन्य अधिकारी द्वारा विधि के अनुसार सतयापित करा के सत्यापित दस्तावेजों का एक उद्धरण या उद्धरण स्वयं प्रस्तुत करेगा या मांगे जाने की तिथि से 15 दिनों के भीतर पंजीकृत डाक द्वारा दस्तावेजों की मांग करने वाले अधिकारी को भेजेगा।
केंद्रीय वाहन नियम 1989 का नियम 139 वाहन चालक और कंडक्टर को वाहन से सम्बंधित दस्तावेजों की मांग करने पर उस समय प्रस्तुत न कर पाने पर 15 दिनों का एक समय प्रदान करता है , वैध दस्तावेजों को प्रस्तुत कर चालान से बच सके।
पुलिस अधिकारी या RTO अधिकारी या अन्य जिसे राज्य सरकार द्वारा वाहन सम्बन्धी दस्तावेजों की मांग करने के लिए प्राधिकृत किया गया है , वह दस्तावेजों की वैधता जांचने के बाद दस्तावेजों के वैध पाए जाने पर चालान निरस्त कर सकेगा।
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है की जिस तारीख को दस्तावेजों की मांग करने पर प्रस्तुत न कर पाने के कारण जो चालान कटा है , अमुक दस्तावेजों की वैधता चालान काटे जाने की तिथि से पहले वैध हो यानि दस्तावेजों की वैधता तिथि समाप्त न हुई हो।
उदाहरण :-
पंजीकरण प्रमाणपत्र की वैधता है दिनांक 02/ 10 2025 और चालान कटा गया 02 /01 / 2025 , तो जब चालक द्वारा यह वैलिड दस्तावेज चालान काटे जाने के 15 दिनों के भीतर सम्बंधित अधिकारी को दिखा देता है , तो RC पर कटे इस चालान को रद्द कर सकेगा।
क्या वाहन से सम्बंधित दस्तावेजों को ऑनलाइन भी दिखा सकते है ?
केंद्रीय मोटर यान नियम 1989 के नियम 139 में संशोधन कर 2018 में एक शब्द स्थापित किया गया इलेक्ट्रॉनिक , जिसका तात्पर्य कि वाहन से सम्बंधित दस्तावेजों को ऑनलाइन भी दिखाया जा सकेगा , जब वर्दीधारी पुलिस पुलिस अधिकारी या राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत किसी अन्य अधिकारी द्वारा मांग की जाती है।
ऑनलाइन दिखाने के लिए व्यक्ति के पास सरकार की अधिकृत एप्लीकेशन M- Parivahan या DIGI -LOCKER पर अपलोड कर ऑनलाइन दिखा सकते है। जो कि 2018 के संसोधन में इलेक्ट्रॉनिक रूप से वाहन दस्तावेजों को प्रस्तुत किये जाने की मान्यता प्राप्त हो चुकी है , यानि अब ऑनलाइन दस्तावेज दिखये जा सकते है यदि भौतिक रूप से नहीं है , तो
वाहन से सम्बंधित दस्तावेज :-
- वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र।
- ड्राइविंग लाइसेंस।
- बीमा।
- परमिट।
- फिटनेस।
- प्रदुषण जाँच प्रमाण पत्र।
- अन्य सुसंगत दसितावेज।
2. सम्बंधित क्षेत्राधिकार न्यायालय में चालान के विरुद्ध आपत्ति दाखिल कर।
1. वाहन चालक या कंडक्टर से वर्दीधारी पुलिस अधिकारी या RTO द्वारा वाहन के दस्तावेज मांगे जाने पर उस समय प्रस्तुत न कर पाने की स्थिति में चालान काट जाने पर , और मोटर यान नियम 1989 के नियम 139 के तहत 15 दिनों के भीतर वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद भी सम्बंधित पुलिस अधिकारी या RTO द्वारा उस चालान के सम्बन्ध में निस्तारण नहीं किया जाता है , तो पीड़ित व्यक्ति अपने क्षेत्राधिकार न्यायालय की CJM कोर्ट यानि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की न्यायालय में उस चालान के विरुद्ध आपत्ति दाखिल कर निस्तारण करवा सकेगा।
2. 15 दिन का समय गुजर जाने के बाद सम्बंधित अधिकारी ऐसे चालान के निस्तारण के लिए चालान को क्षेत्राधिकार न्यायालय में भेज देते है।
3. न्यायालय में पीड़ित व्यक्ति प्रार्थना पत्र के साथ में उन सभी दस्तावेजों को लगाएगा जिनके आधार पर चालान हुआ था।
4. न्यायालय के समाधान हो जाने पर ऐसे चालान को निरस्त किये जाने का आदेश पारित किया जा सकेगा।



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