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डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीरण कार्यक्रम ( DLRM ) क्या है ?

 नमस्कार मित्रो,

आज के इस लेख में हम जानेंगे की " DLRM क्या है ? यानी डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन क्या है ? डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीरण कार्यक्रम क्या है ?

भारत में भूमि रिकार्ड्स को अधुनिकीरकण की दिशा में लाने के लिए DLRM कार्यक्रमन को लाया गया, ताकि भूमि के डिजिटल रिकॉर्ड को बना कर और आधुनिकीरण किया जा सके , इसके चलते कई सुधार व् सुविधा होगी। इसको विस्तार से समझते है। 

डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीरण कार्यक्रम ( DLRM ) क्या है ?

1.डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीरण कार्यक्रम ( DLRM ) क्या है ?

भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग के द्वारा जारी प्रोग्राम जो कि डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्क्रम है , इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य भूमि सम्बंधित पारदर्शिता लाना, भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, जलग्रहण प्रक्रिया, भूमि उत्पाकदों में वृद्धि, भूमि सुधार , भूमि अधिग्रहण, पुर्नवास , पुनर्स्थापना, उचित मुआवजा , जय ईंधन वृक्षारोपण अन्य भूमि सुधार का शरू किया जाना। 

इस डिजिटलीकरण के जरिये निम्न विकास होगा :-

  1. पारदर्शिता के सटीकता और अद्यतन की स्थिति के साथ भूमि अभिलेखों का डिजिट अलीकरण ताकि जनता द्वारा आसानी से ऑनलाइन मोड जरिये जानकारी पहुंच सके। 
  2. डिजिटल इंडिया भूमि रिकार्ड् आधुनिकीकरण कार्यक्रम के जरिये भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में लाके भूमि/संपत्ति विवादों के मामलों में रोकथाम लाना।  
  3.  सभी राज्यों की राजस्व न्यायालयों का कम्प्यूटरीकरण और भूमि रिकॉर्ड के साथ उनका एकीकरण और अधिकारों और अधिकारों के रिकॉर्ड क साथ आधार संख्या सहमति आधारित को जोड़ना।  
2. डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण प्रोग्राम के उद्देश्य ?

डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण प्रोग्राम के तहत भूमि / संपत्ति सुधार को लेकर इसके उद्देश्य निम्न है :-
  1. भूमि / संपत्ति विवादों को कम करना। 
  2. भूमि / सम्पति धोखाधड़ी वाले लेनदेन की जाँच करना।  
  3. निति एवं योजनाओं में सहायता करना। 
  4. भूमि संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करना। 
  5. एक एकीकृत भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली विकसित करना। 
  6. आधुनिक, व्यापक और पारदर्शिता भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली विकसित करना। 
  7. विस्थापित लोगो के पुनर्वास और पुनर्स्थापना हेतु निति अपनाने में सहायता करना। 
  8. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 का प्रशासन और भूमि अधिग्रहण और पुनर्स्थापना में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 और संघ एवं पंजीकरण अधिनियम 1908 के प्रयोजनों के लीये भूमि अधिग्रहण से सम्बंधित मामले। 
  9. भूमि पर वास्तविक समय ( real time ) की जानकारी में सुधार करने की एक अहम पहल। 
  10. भूस्वामियों और भविष्यवक्ताओं दोनों को लाभ।
  11. निर्णायक स्वामित्व प्रणाली को लागु करने के लिए राज्यों के प्रयासों में सहायता करना। 
  12. राजस्व / पंजीकरण कार्यालयों में भौतिक (physical ) दौरे की जरुरत को कम करना। 
  13. वर्षा सिंचित / अवक्रमित क्षेत्रों के विकास हेतु वाटरशेड कार्यक्रम को चालू करना। 
  14. भूमि सुधर , भू - स्वामित्व , भूमि अभिलेख जोतो की चकबंदी और अन्य सम्बंधित मामले। 
  15. वृक्षारोपण के आकलन के आधार पर बंजर भूमि पर जैवईंधन वृक्षारोपण के प्रचार के साथ राष्ट्रीय जैव डीजल मिशन के प्रदर्शन का शुभारम्भ करना। 
  16. विभिन्न संगठनों / एजेंसियों के साथ जानकारी साझा करने में सक्षम बनाया जाना। 

 3.डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम के कार्य क्या है ?
 
डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम के कार्य निम्न होंगे :-
  1. भूमि अभिलेखों से सम्बंधित दस्तावेजों, अधिकार रिकॉर्ड, भूकर मानचित्र का एकीकरण का कम्प्यूटरीकरण कर राज्य स्तर पर डाटा केंद्र की स्थापना। 
  2. उपरजिस्ट्रार कार्यालयों, उप- पंजीयक कार्यालयों और तहसीलों के मध्य कनेक्टिविटी और पंजीकरण और भूमि अभिलेखों का एकीकरण करना। 
  3. सर्वेक्षण / पुनासर्वेक्ष्ण एवं निपटान रिकॉर्ड का अद्यतन करना। 
  4. तहसील स्तर पर आधुनिक रिकॉर्ड रूम / भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन केंद्र स्थापित करना। 
  5. प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों और राज्यों के सर्वेक्षण / राजस्व / पटवारी प्रशिक्षण संस्थानों में डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड कार्यक्रम कक्षों का निर्माण। 
  6. डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड कार्यक्रम के विभिन्न घटकों के प्रभावी कार्यों की शुरुआत  सहायता  करने  संसाधन  बुनियादी ढांचा प्रदान करना। 
  7. देश के सभी राजस्व न्यायालयों का कम्प्यूटरीकरण और भूमि अभिलेखों के साथ उनका एकीकरण। 
  8. स्वैछिक आधार पर भूमि रिकॉर्ड डेटाबेस के साथ आधार संख्या का एकीकरण आधार संख्या को रिकार्ड्स ऑफ़ राइट्स से जोड़ना। 
4.भूमि संसाधन विभाग के कार्य क्या होंगे ?

भूमि संसाधन विभाग के कार्य निम्न है :-
  1. एकीकृत जलग्रहण प्रबंधन की प्रक्रिया के माध्यम से वर्षा आधारित / क्षरित भूमि की उत्पादक में वृद्धि करना। 
  2. एकीकृत भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली नमक एक व्यापक भूमि प्रशासन प्रणाली के उद्देश्य से डिजिटल भूमि अभिलेखों का आधुनिकीकरण के हेतु राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों की सहायता। 
  3. भूमि सुधर और भूमि से सम्बंधित अन्य मामलों जैसे कि भूमि अधिग्रण, पुनर्वास, पुनर्स्थापना में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 , राष्ट्रीय पुर्नवास और पुनर्स्थापना निति 2007 पंजीकरण अधिनियम 1908 का प्रशासन करना। 
  4. देश में पहले से किये जा रहे वृक्षारोपण के लिए मूल्यांकन के आधार पर मुख्य रूप से बंजर भूमि पर जैव ईंधन वृक्षारोपण के प्रचार प्रसार के साथ राष्ट्रीय जैव डीजल मिशन के प्रदर्शन के चरण का शुभारंभ करना। 

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