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नमस्कार मित्रों ,
आज के इस लेख में हम जानेंगे कि " सड़क दुर्घटना में घायल हो जाने पर या मृत्यु हो जाने पर मुआवजा कैसे पाए ?" रोजाना सड़क दुर्घटना की खबर समाचार में सुनते पढ़त व् देखते है कि दुर्घटना इतनी गंभीर थी की चालक के साथ साथ सवारी भी नहीं बची या केवल चालक को क्षति हुई या सवार सभी की मृत्यु हो गयी।
ऐसे में यदि पीड़ित बच जाता है. या दुर्घटना स्थल में मृत्यु हो जाती है या चिकिस्ता के दौरान मृत्यु हो जाती है तो चिकित्सीय उपचार हेतु लगने वाले दवा, इलाज, डॉक्टर की फीस ,और आय की क्षति आदि अन्य खर्चो की पूर्ति के लिए मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 166 तहत मुआवजे के लिए मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के समक्ष पीड़ित व्यक्ति द्वारा या मृतक के आश्रितों द्वारा याचिका प्रस्तुत की जा सकती है।
मुआवजे को लेकर कई सवाल होंगे जैसे कि :-
- सड़क दुर्घटना होने पर क्या करें ?
- सड़क दुर्घटना में मुआवजा पाने के लिए क्या करना होगा ?
- सड़क दुर्घटना मुआवजा पाने के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी ?
- सड़क दुर्घटना मुआवजा के लिए कौन याचिका दायर कर सकता है ?
- सड़क दुर्घटना में मिलने वाली मुआवजे की धनराशि की गणना कैसे होती है ?
- सड़क दुर्घटना में मुआवज़ा देने की जिम्मेदारी किसकी होगी ?
- सड़क दुर्घटना के आरोपी व्यक्ति पर किस कानून के तहत क्या कार्यवाही होगी ?
इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानेंगे।
सड़क दुर्घटना में मुआवजा कैसे मिलता है ? क्या है कानूनी प्रक्रिया ?
1. सड़क दुर्घटना होने पर क्या करें ?
एम्बुलेंस और पुलिस को सूचना दे।
सड़क दुर्घटना होने पर यदि पीड़ित के साथ कोई व्यक्ति था तो सबसे पहले चिकित्सा उपचार के लिए एम्बुलेंस को कॉल करके बुलाये ताकि पीड़ित की जान बचाई जा सके
या पीड़ित ऐसी हालत में है की स्वयं सूचना दे सकता है तो स्वयं दे , ऐसे आमतौर पर नजदीक मौजूद व्यक्ति एम्बुलेंस बुला देते है मानवता के नाते।
दुर्घटना के समय ही पुलिस विभाग द्वारा जारी आपात्कालीन नंबर या पुलिस थाने के डायल नंबर 112 पर कॉल करके घटना की सुचना तुरंत दे।
मौके पर ही घटना स्थल पर पुलिस रिपोर्ट दर्ज करती है कि पीड़ित कौन है और टक्कर किसकी लापरवाही से हुई , अन्य विवरण पुलिस दर्ज कर प्रथम सुचना रिपोर्ट दर्ज करते है , यदि अस्पताल में चिकिस्ता के दौरान पुलिस पीड़ित से मिलती है , तो वह बयान दर्ज कर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करती है।
ऐसे में पीड़ित के घर वालो को पूरा सहयोग देना चाहिए।
2. सड़क दुर्घटना में मुआवजा पाने के लिए क्या करना होगा ?
मोटर दुर्घटना दावा न्यायधिकरण में याचिका दायर।
- सड़क दुर्घटना में मुआवजा पाने के लिए पीड़ित व्यक्ति या उसके आश्रितों द्वारा मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 166 के तहत मोटर दुर्घटनादावा न्यायाधिकरण में याचिका दायर करनी पड़ती है।
- याचिका के साथ आवश्यक दस्तावेज दाखिल करने होते है जो वाद के लिए आवश्यक है।
- याचिका दायर करते समय वाहन चालक , वाहन स्वामी और बीमा कंपनी को पक्षकार बनाया जाता है।
- समन जारी होते पक्षकार को कि अमुक वाद में , अमुक तारीख को मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण न्यायालय में हाजिर हो अपना पक्ष रखे और लिखित कथन दाखिल करें।
- लिखित कथन दाखिल होता है।
- लिखित बयान दाखिल होते है।
- साक्षियों की जिरह होती है।
- आर्गुमेंट होती है पक्षकारो के अधिवक्ता द्वारा न्यायाधीश के समक्ष।
- न्यायाधीश मेरिट पर या सुलहनामा के आधार पर निर्णय पारित करता है।
3. सड़क दुर्घटना में मुआवजा पाने के लिये किन दस्तावेजों की आवश्यतका पड़ती है ?
सड़क दुर्घटना में मुआवजा पाने के लिए मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के समक्ष याचिका दायर करते समय पीड़ित या उसके आश्रितों द्वारा निम्न दस्तावेजों ो लगाना पड़ता है।
- प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति।
- मेडिकल रिपोर्ट और चिकित्सीय रसीद।
- मृतक व्यक्ति की पोस्टमार्टम रिपोर्ट।
- पुलिस द्वारा किया गया पंचनामा रिपोर्ट।
- वाहन का बीमा।
- वाहन का पंजीकरण प्रमाण पत्र।
- वाहन का चालक ड्राइविंग लाइसेंस।
- वाहन प्रदुषण प्रमाण पत्र।
- घायल या मृतक की आय से सम्बंधित प्रमाणपत्र जैसे कि पेस्लिप , आईटीआर या अन्य आय सम्बन्धी।
नोट :- पीड़ित या मृतक व्यक्ति यदि सड़क पर स्वयं चल कर जा रहा था या सड़क किनारे खड़ा था या सड़क किनारे किसी दुकान में था तो ऐसे में वाहन सम्बन्धी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
4. सड़क दुर्घटना मुआवजा पाने के लिए याचिका कौन दायर कर सकता है ?
सड़क दुर्घटना मुआवजा पाने के लिए मोटर दुर्घटना न्यायाधिकरण में याचिका दायर करने के लिए आवेदन निम्न व्यक्तियों द्वारा किया जा सकेगा :-
- उस व्यक्ति द्वारा जिसे क्षति हुई है यानी घायल व्यक्ति।
- सम्पति के स्वामी द्वारा।
- सड़क दुर्घटना के कारण मृत्यु हुई है तब मृतक के सभी या किसी विधिक प्रतिनिधि द्वारा।
- जिस व्यक्ति को सड़क दुर्घटना के कारण क्षति पहुंची है उसके द्वारा।
- सड़क दुर्घटना कारण जिस व्यक्ति को क्षति पहुंची है उसके द्वारा प्राधिकृति किसी अभिकर्ता द्वारा।
5. सड़क दुर्घटना में मिलने वाली मुआवजे कि धनराशि की गणना कैसे होती है ?
सड़क दुर्घटना के पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा निम्न आधार पर तय हो सकता है :-
- पीड़ित व्यक्ति की मासिक / वार्षिक आय और उम्र।
- पीड़ित / मृतक पर आश्रित की संख्या।
- चिकित्सीय उपचार के दौरान लगने वाले खर्चे।
- स्थायी विकलांगता जो प्रतिशत के आधार पर मुआवजा।
- पीड़ित का दर्द पीड़ा और मानसिक संताप।
- पीड़ित के वैवाहिक जीवन की संभावनाएं।
6. सड़क दुर्घटना में मुआवजा देने की जिम्मेदारी किसकी हो सकेगी ?
सड़क दुर्घटना में मुआवजा देने की जिम्मेदारी निम्न को हो सकेगी :-
- यदि वाहन चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस, वैध बीमा, वैध वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र है , तो बीमा कंपनी मुआवजा देने को जिम्मेदार होगी।
- यदि वाहन चालक के पास वैध बीमा नहीं है तो बीमा कंपनी किसी भी दायित्व की जिम्मेदार नहीं होगी , सारा दायित्व वाहन चालक / वाहन स्वामी पर होगा मुआवजा देने का।
7. सड़क दुर्घटना के आरोपी व्यक्ति पर किस कानून के तहत क्या कार्यवाही होगी ?
सड़क दुर्घटना के आरोपी व्यक्ति पर आपराधिक कार्य के सम्बन्ध में क्रिमिनल कोर्ट में मुकदमा दर्ज होगा और दोषी पाए जाने पर सजा से दण्डित किया जायेगा जो कि :-
1. भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 106 - उपेक्षा द्वारा मृत्यु कारित करना।
- लापरवाही से वाहन चलाने पर मृत्यु कारित होने पर सजा -5 साल तक कारावास की सजा और जुर्माना से भी दण्डित होगा
- यदि लापरवाही से वाहन चलाने के कारण मृत्यु कारित करके घटना स्थल से भाग जाता है बिना पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित किये तो 10 साल तक करवास की सजा और जुर्माने से भी दण्डित होगा।
2. भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 125 - कार्य जिससे दूसरे का जीवन या वैयक्तिक सुरक्षा संकटापन्न हो।
- लापरवाही से वाहन चलाने पर मानव जीवन या दूसरों का वैयक्तिक सुरक्षा संकटापन्न होती है 3 महीने तक कारावास की सजा या 2500 रूपये तक जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जायेगा।
- लापरवाही से वाहन चलाने पर चोट आती है तो 6 महीने तक कारावास की सजा या 5000 रूपये तक जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जायेगा।
- लापरवाही से वाहन चलाने पर गंभीर चोट कारित की जाती है तो 3 साल तक कारावास की सजा या 10000 रूपये तक जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जायेगा।
लोक मार्ग पर उतावलेपन से वाहन चलाना या हाँकना जिससे मानव जीवन संकट में आ जाये या किसी अन्य व्यक्ति को चोट या क्षति होना सम्भव हो तो 6 महीने की सजा या 1000 रूपये तक जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जायेगा।



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