lawyerguruji

विक्रय अनुबंध कैसे लिखे ? विक्रय अनुबंध लिखते समय किन किन बातों का उल्लेख किया जाना अति आवश्यक है ?

www.lawyerguruji.com

नमस्कार मित्रों,

आज के इस लेख में हम जानेंगे की विक्रय अनुबंध (एग्रीमेंट फॉर सेल / agreement for sale ) कैसे लिखे ? विक्रय अनुबंध लिखते समय किन किन बातों का उल्लेख किया जाना अति आवश्यक है ?


स्थावर संपत्ति / अचल संपत्ति का विक्रय क्या है ?

संपत्ति अंतरण अधिनियम 1982 , के अध्याय 3 में स्थावर संपत्ति के विक्रय के विषय में प्रावधान किया गया है।  संपत्ति अंतरण अधिनयम 1982 की धारा 54 में विक्रय को परिभाषित किया गया है, जिसके तहत विक्रय ऐसी कीमत यानी धनराशि के बदले में स्वामित्व का अंतरण है जो कि कीमत दी जा चुकी हो या देने का वचन दिया गया हो या जिसका कोई भाग दे दिया गया हो या और किसी भाग के देने का वचन दिया गया हो। 

विक्रय अनुबंध कैसे लिखे ? विक्रय अनुबंध लिखते समय किन किन बातों का उल्लेख किया जाना अति आवश्यक है ?




स्थावर संपत्ति / अचल संपत्ति  का विक्रय अनुबंध क्या है ? 

जब कोई व्यक्ति अपनी किसी अचल संपत्ति की बिक्री को लेकर दूसरे व्यक्ति के समक्ष प्रस्ताव रखता है, और ऐसे प्रस्ताव को दूसरे पक्ष द्वारा स्वीकार किया जाता है, तो ऐसा प्रस्ताव और स्वीकृति अनुबंध कहा जायेगा। जब यही विक्रय अनुबंध लिखित होता है, तो ऐसे विक्रय को विक्रय अनुबंध कहा जाता है। 

विक्रय अनुबंध एक ऐसा लिखित दस्तावेज है, जिसमे प्रथम पक्ष जो विक्रेता है, वह अपनी अचल संपत्ति के सम्बन्ध में बिक्री को लेकर नियम व् शर्तो का उल्लेख करता है , इन नियम व् शर्तों को स्वतंत्र रूप से स्वीकार करने वाला द्वितीय पक्ष जो क्रेता है। इस विक्रय अनुबंध में संपत्ति से सम्बंधित विवरणों का उल्लेख किया जाता है, संपत्ति के विक्रय पर मिलने वाले प्रतिफल जो कि धनराशि है, इसका विवरण उल्लिखित होता है। 

सम्पति अंतरण अधिनियम 1982 की धारा 54 में विक्रय संविदा को परिभाषित किया गया है, जिसके तहत स्थावर संपत्ति की विक्रय संविदा वह संविदा है कि उस स्थावर संपत्ति का विक्रय पक्षकारों के मध्य तय हुए नियमो पर होगा।  

स्थावर संपत्ति का विक्रय अनुबंध लिखते समय किन किन बातों का उल्लेख किया जाना अति आवश्यक है ?

स्थावर संपत्ति का विक्रय अनुबंध दोनों पक्षकारों के लिए अति आवश्यक है , क्योकि यह लिखित दस्तावेज दोनों पक्षकारों के मध्य निर्धारित हुए नियम व् शर्तों पर स्थावर संपत्ति के विक्रय को पूर्ण करता है। इस विक्रय अनुबंध में निम्नलिखित तथ्यों का उल्लेख किया जाना अति आवश्यक है जैसे कि :-
  1. प्रथम पक्ष जो कि विक्रेता है उसका का नाम , उम्र, पिता / पति का नाम, निवास स्थान स्पष्ट रूप से लिखा जाना चाहिए। 
  2. द्वितीय पक्ष जो कि क्रेता है उसका नाम , उम्र।, पिता / पति का नाम, निवास स्थान स्पष्ट रूप से लिखा जाना चाहिए।  
  3.  संपत्ति के विक्रय मूल्य में लगने वाले स्टाम्प ड्यूटी की राशि,
  4. संपत्ति के विक्रय मूल्य का स्पष्ट व् सही रूप से लिखा जाना ,
  5. सम्पति का स्पष्ट विवरण , जैसे कि गाटा संख्या, खसरा न०, संपत्ति की स्थिति, संपत्ति का क्षेत्रफल , संपत्ति किस क्षेत्र, गावं, क़स्बा, शहर, परगना, तहसील में स्थिति है , संपत्ति की चौहद्दी।  
  6. भुगतान का प्रकार - नगद, RTGS, NEFT , चेक। 
  7.  गवाहों के नाम पूर्ण व् स्पष्ट रूप से लिखें। 
  8. अन्य संपत्ति व् विलेख से सम्बंधित मत्वपूर्ण बातों का उल्लेख करें।  





 


No comments:

lawyer guruji ब्लॉग में आने के लिए और यहाँ पर दिए गए लेख को पढ़ने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद, यदि आपके मन किसी भी प्रकार उचित सवाल है जिसका आप जवाब जानना चाह रहे है, तो यह आप कमेंट बॉक्स में लिख कर पूछ सकते है।

नोट:- लिंक, यूआरएल और आदि साझा करने के लिए ही टिप्पणी न करें।

Powered by Blogger.