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प्रथम सूचना रिपोर्ट के सम्बन्ध में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश

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 नमस्कार मित्रों,

आज के इस लेख में हम जानेंगे प्रथम सूचना रिपोर्ट के सम्बन्ध में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बारे में। प्रथम सूचना रिपोर्ट के सम्बन्ध में उच्चत्तम न्यायालय द्वारा निर्देश पारित किये गए है। इन निर्देशों का अनुपालन पुलिस अधिकारी द्वारा किया जायेगा। 

प्रथम सूचना रिपोर्ट?

किसी संज्ञेय मामले की सूचना मिलने पर थाने के भार साधक पुलिस अधिकारी द्वारा उस संज्ञेय मामले की रिपोर्ट राज्य सरकार द्वारा निर्धारित देरी में दर्ज की जाएगी। संज्ञेय मामले की सूचना देने वाला व्यक्ति उक्त संज्ञेय मामले की सूचना मौखिक या लिखित रूप में दे सकता है। 
  1. ऐसी सूचना दर्ज हो जाने पर सूचना देने वाले व्यक्ति यानी प्रार्थी को अच्छे से पढ़कर सुनाई जाती है।  
  2. प्रथम सूचना रिपोर्ट में थाना अध्यक्ष की मुहर व् हस्ताक्षर होते है। 
  3. प्रथम सूचना रिपोर्ट की एक कॉपी निःशुल्क प्रार्थी को दी जाती है। 
ये तो बात रही, प्रार्थी की यानी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने वाले सूचनाकर्ता की।  अब बात आती है कि क्या जिसके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी है यानी अभियुक्त क्या उसको भी प्रथम सूचना रिपोर्ट की कॉपी मिलेगी ?

तो आज इसी के बारे में विस्तार से जानेंगे।  

direction of supreme court regarding fir - first information report  प्रथम सूचना रिपोर्ट के सम्बन्ध में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश

प्रथम सूचना रिपोर्ट के संबंध में निर्देश क्या है ?

माननीय उच्चतम न्यायालय ने प्रथम सूचना रिपोर्ट के सम्बन्ध में निम्न निर्देश जारी किये गए है :-
  1. अभियुक्त को प्रथम सचना रिपोर्ट की प्रति प्राप्त का हक़दार है। 
  2. संदिग्ध अभियुक्त को प्रमाणित प्रति  प्राप्त करने के लिए आवेदन करने का अधिकार। 
  3. प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति प्राप्ति के आवेदन की तिथि से दो कार्यदिवस में प्रतिलिपि का प्रदान किया जाना। 
  4. कुछ अपराधों के अलावा अन्य अपराधों की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकरण के 24 घंटे के भीतर वेबसाइट पर ऑनलाइन अपलोड की जानी चाहिए।  
इन सभी को विस्तार से समझे।   

1. अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति प्राप्त करने का हक़दार है। 

प्रथम सूचना रिपोर्ट के सम्बन्ध में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार अभियुक्त उसके पूर्व प्रक्रम पर प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति प्राप्त करने का हक़दार है, जैसा कि दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 207 के अधीन विहित है कि अभियुक्त को पुलिस रिपोर्ट या अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपि देना। ऐसे किसी मामले में जहाँ कार्यवाही पुलिस रिपोर्ट के आधार पर दर दाखिल की गयी है, वहाँ धारा 207 उपधारा 2 के तहत मजिस्ट्रेट, अभियुक्त को धारा 154 के अधीन लिखी गयी प्रथम सूचना रिपोर्ट की एक प्रतिलिपि बिना किसी देरी के निःशुल्क देगा।  

2. संदिग्ध अभियुक्त को प्रमाणित प्रति प्राप्त करने के लिए आवेदन करने का अधिकार। 

प्रथम सूचना रिपोर्ट के सम्बन्ध में उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार संदिग्ध अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति प्राप्त करना चाहता है तो संदिग्ध अभियुक्त को सम्बंधित पुलिस अधिकारी या पुलिस अधीक्षक के समक्ष निर्धारित फीस के भुगतान पर प्रथम सूचना  रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति की स्वीकृति के लिए आवेदन पेश करने का अधिकार है।  

3. प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति प्राप्ति के लिए आवेदन की तिथि से दो कार्यदिवस में प्रतिलिपि का प्रदान किया जाना। 

अभियुक्त की तरफ से प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति प्राप्त करने के लिए आवेदन दाखिल किये जाने की तिथि से 2 कार्यदिवस के भीतर सम्बंधित न्यायालय द्वारा प्रदान की जाएगी।  

यहाँ सम्बंधित न्यायालय से मतलब उस न्यायालय से है, जिसकी क्षेत्राधिकारिता की सीमा भीतर ऐसा अपराध किया गया।  

 4.कुछ  अपराधों के अलावा अन्य अपराधों  की प्रथम सूचना रिपोर्ट के पंजीकरण के 24 घंटे के भीतर वेबसाइट में अपलोड की जानी चाहिए। 

संवेदनशील मामलें जैसे कि लैंगिक अपराधों, राजद्रोह और आतंकवाद से सम्बंधित अपराधों की दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट के अलावा अन्य अपराधों में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रतियां पंजीकरण के 24 घंटे के भीतर पुलिस विभाग की अधिकृत वेबसाइट पर अपलोड की जानी चाहिए।  



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