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भारत में किसी हिन्दू द्वारा बच्चे को गोद लेने से सम्बंधित क्या कानून है

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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में आप सभी " भारत में किसी हिन्दू द्वारा बच्चे को गोद लेने से सम्बंधित क्या कानून है" इसके बारे में बताने जा रहा हु। 

जब किसी हिन्दू के द्वारा बच्चे को गोद लेने की बात आती है, तो हिन्दू दत्तक ग्रहण तथा भरण पोषण अधिनियम 1956 के उपबनधों का पालन करना अनिवार्य हो जाता है। किसी हिन्दू व्यक्ति के द्वारा किसी बच्चे को गोद लेते वक्त इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन किया जाता है तो वह दत्तक ग्रहण शून्य होगा। दत्तक ग्रहण यानी गोद लिया जाना इसके सम्बन्ध में अब आपके में मन में कई तरह एक सवाल भी उठ रहे होंगे जैसे कि :-
  1. एक दत्तक ग्रहण कब वैध होगा ?
  2. कब एक हिन्दू पुरुष बच्चे को गोद लेने के लिए सक्षम होगा ?
  3. कब एक हिन्दू महिला बच्चे को गोद लेने के लिए सक्षम होगी ?
  4. कौन व्यक्ति गोद देने के लिए सक्षम होगा ?
  5. यदि माता पिता जीवित हो तो क्या दत्तक देने में दोनों का सामान अधिकार होगा ?
  6. यदि माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गयी हो दत्तक देने के लिए कौन सक्षम होगा ?
  7. संरक्षक को दत्तक देने की अनुमति देने से पहले न्ययालय किन बातों पर ध्यान देगी ?
  8.  दत्तक लिया जाने वाला व्यक्ति कौन होगा ?
  9. दत्तक ग्रहण के सम्बन्ध में अन्य शर्ते क्या है ?
आपके मन में उठ रहे ऐसे सभी सवालो के जवाब विस्तार से जानते है, ताकि समझ में आसानी से आये। 

adoption law in hindu

1. क्या दत्तक ग्रहण इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार ही होगा। 
  1. हिन्दू दत्तक ग्रहण तथा भरण पोषण अधिनियम 1956  की धारा 5  के तहत  किसी हिन्दू के द्वारा कोई दत्तक ग्रहण यानी बच्चे को गोद लिया जा रहा है तो इस अधिनियम के प्रारंभ होने के बाद इस अधिनियम में लिखित प्रावधानों के अनुसार ही दत्तक ग्रहण किया जायेगा। यदि अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन होता है तो किया गया कोई भी दत्तक ग्रहण शून्य होगा। 
  2. धारा 5 उपधारा 2 के तहत दत्तक ग्रहण के प्रावधानों के उल्लंघन पर दत्तक ग्रहण जो शून्य है, गोद लिए जाने वाले व्यक्ति का गोद लेने वाले व्यक्ति के परिवार में कोई अधिकार नहीं होगा जो अधिकार वह गोद लिए जाने के कारण प्राप्त करता और न ही वह अपने जन्म लेने वाले परिवार में किसी भी अधिकार से वंचित होगा जो उसे जन्म लेने वाले परिवार से मिलते।  
2. एक दत्तक ग्रहण कब बैध होगा?
दत्तक ग्रहण तथा भरण पोषण अधिनियम की धारा 6 में उन शर्तों का उल्लेख किया गया है जिनके पुरे होने पर ही दत्तक ग्रहण यानी बच्चा गोद लिए जा सकता है अन्यथा नहीं, ये शर्ते निम्न है जो कि :-
  1. गोद लेने वाले व्यक्ति बच्चा गोद लेने में सामर्थ्य होना चाहिए व् बच्चा गोद लेने का अधिकार भी रखता है,
  2. गोद देने वाला व्यक्ति का गोद देने में सक्षम होना चाहिए ,
  3. जिस बच्चे को गोद लिया जा रहा है वह गोद लेने के लिए सक्षम होना चाहिए,
  4. बच्चा गोद लेते समय इस अधिनियम में वर्णित अन्य शर्तों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए,
यदि उपरोक्त व् अधिनियम की अन्य शर्तों का उललंघन किया जाता है तो ऐसा किया गया दत्तक मान्य नहीं होगा।  

3. कब एक हिन्दू पुरुष बच्चे को गोद लेने के लिए सक्षम होगा ?
दत्तक ग्रहण तथा भरण पोषण अधिनियम की धारा 7 के अंतर्गत हिन्दू पुरुष द्वारा बच्चे को गोद लेने की सक्षमता के सम्बन्ध में प्रावधान किया गया है, जो की यह बताता है कि कब एक हिन्दू पुरुष बच्चे को गोद लेने सक्षम होगा। हिन्दू पुरुष द्वारा बच्चे को गोद लेने के लिए निम्न सक्षमता का होना अनिवार्य है जो की :-
  1. व्यस्क होना चाहिए,
  2.  मानसिक स्थिति स्वस्थ होनी चाहिए,
  3. दत्तक ग्रहण द्वारा पुत्र या पुत्री को लेने में सक्षमता का होना अनिवार्य है,
  4. यदि पत्नी जीवित हैं तो बच्चे को गोद लेने से पहले पत्नी की सहमति अनिवार्य है,
  5. यदि पत्नी ने पूर्ण रूप से सन्यास ले लिया हो या हिन्दू धर्म छोड़कर कर कोई अन्य धर्म अपना लिया हो या सक्षम क्षेत्राधिकर वाले न्यायालय द्वारा पत्नी के सम्बन्ध में यह घोषित कर दिया गया हो कि उसकी मानसिक स्थिति सही नहीं है, तो इन परिस्थितियों में पत्नी की सहमति आवश्यक नहीं है। 
4. कब एक हिन्दू महिला बच्चे को गोद लेने के लिए सक्षम होगी ?
दत्तक ग्रहण तथा भरण पोषण अधिनियम 1956 की धारा 8 के अंतर्गत हिन्दू महिला द्वारा बच्चे को गोद लेने की सक्षमता के सम्बन्ध में प्रावधान किया गया है। जो यह बताती है कि कब एक हिन्दू महिला बच्चे को गोद लेने  सक्षम होगी। हिन्दू महिला द्वारा बचे को गोद  निम्न सक्षमता का होना अनिवार्य है जो कि :-
  1. व्यस्क होनी चाहिए,
  2. मानसिक स्थिति स्वस्थ होनी चाहिए,
  3. दत्तक ग्रहण द्वारा पुत्र व् पुत्री को लेने में सक्षमता का होना अनिवार्य है,
  4. यदि पति जीवित है तो उसकी सहमति पर ही वह किसी पुत्र व् पुत्री को गोद ले सकेगी,
  5. यदि पति ने पूर्ण रूप से सन्यास ले लिया हो या अंतिम रूप से संसार त्याग दिया हो या हिन्दू धर्म छोड़कर किसी अन्य धर्म को अपना लिए हो या सक्षम क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय द्वारा उसके सम्बन्ध में यह घोषित कर दिया गया हो कि उसकी मानसिक स्थिति सही नहीं है,तो इन परिस्थितयों में पति की सहमति आवश्यक नहीं है। 
5. कौन व्यक्ति दत्तक (गोद) देने के लिए सक्षम होगा ?
दत्तक ग्रहण तथा भरण पोषण अधिनियम की धारा 9 उपधारा 1 के अंतर्गत उन लोगो का जिक्र किया गया है जो दत्तक (गोद) देने के लिए सक्षम है अर्थात वे व्यक्ति जो बच्चे को गोद देने के लिए सक्षम है व् अधिकार रखते है। अधिनियम के तहत बच्चे के माता-पिता या उस बच्चे के संरक्षक ही बच्चे को गोद देने के लिए सक्षम है इसके सिवाय कोई व्यक्ति बच्चे को दत्तक (गोद) देने   सक्षम नहीं है। 

6. यदि माता पिता जीवित हो तो क्या दोनों का दत्तक देने में सामान अधिकार होगा ?
दत्तक ग्रहण तथा भरण पोषण अधिनियम 1956 की धारा 9 उपधारा 2 के अंतर्गत यदि माता-पिता जीवित है तो पुत्र या पुत्री को दत्तक (गोद) देने के लिए दोनों का सामान अधिकार होगा। लेकिन पुत्र या पुत्री को दत्तक देने के लिए ऐसे अधिकार का उपयोग दोनों की सहमति से ही किया जायेगा अन्यथा नहीं।  यदि माता पिता दोनों में से किसी एक ने पूर्ण रूप से सन्यास ले लिया हो या अंतिम रूप से संसार त्याग दिया हो या हिन्दू धर्म छोड़कर किसी अन्य धर्म को अपना लिया हो या सक्षम क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय द्वारा उन दोनों में से किसी एक के पक्ष में यह घोषित कर दिया गया हो कि उनकी मानसिक स्थिति सही नहीं है, तो इन परिस्थितियों में गोद देने के लिए सहमति आवश्यक नहीं है। 

7. यदि माता पिता दोनों की मृत्यु हो गयी है तो दत्तक देने के लिए कौन सक्षम होगा ?
दत्तक ग्रहण तथा भरण पोषण अधिनियम 1956 की धारा 9 उपधारा 4 के अंतर्गत यदि पुत्र व् पुत्री के माता पिता दोनों की मृत्यु हो गयी हो या दोनों ने अंतिम रूप से सन्यास ले लिया हो या पुत्र व् पुत्री को त्याग दिया हो या सक्षम क्षेत्राधिकर वाले न्यायालय द्वारा दोनों के सम्बन्ध में यह घोषणा कर दी हो कि उनकी मानसिक स्थिति सही नहीं या पुत्र व् पुत्री को को जन्म देने वाले माता पिता का पता नहीं है तो इन परिस्थितयों में पुत्र व् पुत्री के संरक्षक को दत्तक की सक्षमता होगी। लेकिन दत्तक देने से पहले संरक्षक को पहले न्यायालय से अनुमति लेनी होगी फिर पुत्र व् पुत्री को दत्तक (गोद) दे सकेगा। यदि संरक्षक स्वयं गोद लेने की सोच रहा है, तो उसको भी पहले न्यायालय से अनुमित लेनी होगी। 

8. संरक्षक को दत्तक देने की अनुमति से पहले न्यायालय की क्या भूमिका होगी ?
दत्तक ग्रहण तथा भरण पोषण अधिनियम 1956 की धारा 9 उपधारा 5 के अंतर्गत संरक्षक को दत्तक (गोद) देने की अनुमति देने से पहले न्यायालय निम्न बातो को ध्यान में रखेगी जो की :-
  1. पुत्र व् पुत्री की आयु क्या है और उनमे समझ-भूझ कितनी है,
  2. दत्तक दिए जाने के सम्बन्ध में पुत्र व् पुत्री की इच्छा क्या है इस पर विचार करके न्यायालय अपना यह समाधान कर लेगा कि दत्तक दिया जाना पुत्र व् पुत्री के लिए कल्याणकारी होगा या नहीं,
  3. दत्तक देने के प्रतिफलस्वरूप ऐसी किसी देनगी या पुरस्कार के सिवाय जैसा कि न्यायालय मंजूर करे,  कोई देनगी या पुरस्कार-प्राप्त या प्राप्त करने के लिए करार न तो अनुमति के लिए आवेदक ने किया  और न किसी व्यक्ति ने आवेदक को की है या न करने या देने के लिए ही उससे करार किया है। 
अधिनियम के अंतर्गत कुछ शब्दों के अर्थ को स्पष्ट करना चाहूंगा जिससे आपको समझने में कोई दिक्कत न हो। 

1. माता-पिता - अधिनियम में माता पिता के अंतर्गत जन्म देने वाले माता पिता ही आते न की गोद लेने वाली माता और न ही गोद लेने वाले पिता।

2.संरक्षक - वह व्यक्ति जो बालक के शरीर की देख-भाल रखता हो उसके शरीर और संपत्ति दोनों की देख -भाल करता हो और इसमें शामिल हो। 
  • बालक में माता या पिता के इच्छापत्र द्वारा नियुक्त एक संरक्षक,
  • एक न्ययालय द्वारा नियुक्त या घोषित एक संरक्षक। 
3. न्यायालय - न्यायालय के अंतर्गत नगर व्यवहार न्ययालय या जिला न्यायालय से अभिप्राय है जिसके क्षेत्राधिकर की स्थानीय सीमाओं के भीतर दत्तक लिया जाने वाला बालक मामूली तौर से निवास करता हो। 

9.  किस बालक को दत्तक (गोद ) लिया जा सकता है ? 
दत्तक ग्रहण तथा भरण पोषण अधिनियम की धारा 10 के अंतर्गत उन शर्तो का उल्लेख किया गया जिनके पूर्ण होने पर ही यह तय होगा कि कोई बालक दत्तक (गोद) लिए जाने के लिए योग्य है या नहीं है, ये शर्ते निम्नलिखित है जिनका पूरा किया जाना आवश्यक है जैसे कि:-
  1. बालक हिन्दू हो,
  2. वह पहले से ही दत्तक नहीं लिया गया हो या ली गयी हो,
  3. वह विवाहित न हो, यदि पक्षकारो पर लागु होने वाली रूढ़ि या प्रथा यह अनुमति देती हो कि विवाहित व्यक्तियों का दत्तक लिया जा सकता है ,तो उनके विवाहित होने पर भी दत्तक लिया जा सकता है। 
  4. उन्होंने पंद्रह वर्ष की आयु पूरी न कर ली हो, यदि पक्षकारो पर लागु होने वाली रूढ़ि या प्रथा यह अनुमति देती हो कि जिसने पंद्रह वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो उसे गोद लिया जा सकता है तो पंद्रह वर्ष की आयु पूर्ण होने पर भी गोद लिया जा सकता है। 
10.  दत्तक ग्रहण यानी गोद लिए जाने के सम्बन्ध में अन्य शर्ते क्या है जो कि गोद लेने वाले व्यक्तियों द्वारा पूरी करना अनिवार्य है ?
दत्तक ग्रहण तथा भरण पोषण अधिनियम 1956 की धारा 11 के अंतर्गत उन शर्तो का उल्लेख किया गया है जिनका हर एक दत्तक ग्रहण यानी गोद लेने में पूरा किया जाना अनिवार्य है इनका पूरा किया जाना चाहिए जो कि -
  1. यदि दत्तक ग्रहण किसी पुत्र का है तो जिस पिता या माता ने दत्तक ग्रहण किया है यानी गोद लिया है , उस गोद लेने वाले पिता या माता का कोई हिन्दू पुत्र, पुत्र का पुत्र या पुत्र के पुत्र का पुत्र चाहे जायज हो और खून के रिश्ते से हो या दत्तक ग्रहण से हो दत्तक ग्रहण के समय जवित न हो,
  2. यदि दत्तक ग्रहण किसी पुत्री का है तो जिस माता या पिता ने दत्तक ग्रहण किया है, उस गोद लेने वाले माता पिता की कोई हिन्दू पुत्री, पुत्री की पुत्री चाहे वह जायज हो या खून के रिश्ते से हो या दत्तक ग्रहण से हो दत्तक ग्रहण के समय जीवित न हो ,
  3. यदि दत्तक ग्रहण किसी पुरुष द्वारा किया जा रहा है और गोद लिए जाने वाली नारी है तो गोद लेने वाले पुरुष व्यक्ति आयु में कम से कम 21 वर्ष बड़ा होना चाहिए।  
  4. यदि दत्तक ग्रहण किसी महिला द्वारा किया जा रहा है और गोद लिए जाने वाला पुरष है तो गोद लेने वाली महिला आयु में कम से कम 21 वर्ष बड़ी होनी चाहिए। 
  5. एक ही बालक को एक साथ दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा गोद नहीं लिया जा सकेगा। 

16 comments:

  1. मै ६० साल का और मेरी पत्नी ५० साल की है। मुझे २ लड़कियां है। मै मेरे साले को दत्तक लेना चाहता हूं जो की ४४ साल का है। मेरे साले की बीवी मर चुकी है और साले को १० साल की लड़की है। इसमें सभी की सम्मति है। क्या मै कानूनन दत्तक ले सकता हूं। कृपया मदत करे।

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    1. आप यह लेख एक बार पुनः पढे वो भी ध्यान से, इसी लेख मे आपके सवाल का जवाब है जो कि स्पष्ट रूप से लिखा है । किस बालक को गोद लिया जा सकता है ? इस लाइन को पढे ।

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  2. Sir mera Naam movassir Ali mjhe meri bua ne 2001 year me notary dwara goodnaama dwara good Liya tha goodnaama notere ke fifty rs ke stamp pe likha hua he kya woh valid he plz help me 9760265676

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  3. दत्तक लेने के बाद दत्तक माता पिता की मृत्यु हो गया और दत्तक पुत्र के पास दत्तक का कोई लिखित प्रमाण नहीं है उस स्थिति क्या करना चाहिए

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    1. जिस समय बालक को गोद लिया गया उस समय बालक की उम्र क्या थी ?

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    2. Sir mere bhi yhi problem h aur age us time meri thi 1 sal jb unhone mujhe liya

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    3. लालन पालन किसने किया ?

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  4. सर मुझको 20 20रुपए के 5 स्टांप कुल 100रुपए के स्टांप पर गोद लिया गया है क्या वैध है

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    1. क्या गोदनामा पंजीकृत है ?

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  5. Mere cacha God Gaya hai phir bhi hamare property mai nam dala hai nama hatwane ke lay Kay kare

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    1. गोदनामा पंजीकृत है या ऐसे ही गोद गया है ?

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  6. MERI WIFE SE MERA DIVORCE HO GAYA HE MERE 11 SAL KA BETA HE JO NANA NANI NE LE LIYA HE DIVORCE ME BACHHA PAPA K SATH RAHEGA ESA LIKHAYA HE. NANA NANI MERI MARJI K BINA DATAK LE SAKTE HE KYA

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    1. डाइवोर्स की डिक्री मे क्या लिखा है ?

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  7. Sir mere pita ji ko unke mama ne god liya tha gav ke mandir me bitha kr unke pas god jane ka koi likhit praman nhi h or pita ji sari umar pitaji ke pitaji or mama mami sath rahe h ,ab mama mami nhi rhe h unki propati me pitaji ka adhikar hai ki nhi

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    1. किस उम्र मे गोद लिया ?
      अभी वर्तमान मे आपके पिता की क्या उम्र है ?
      स्कूल मे प्रवेश के दौरान पिता के नाम स्थान किसका नाम लिखा गया?
      अभी वर्तमान मे उपस्थित दस्तवेजों मे पिता के स्थान मे किसका नाम है ?

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