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जाने बीमा कंपनी के सर्वेक्षक द्वारा बनाई गयी रिपोर्ट में क्या क्या लिखा होता है

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नमस्कार दोस्तों,
आज के इस लेख में आप सभी को यह बताने जा रहा हु कि " बीमा कंपनी के सर्वेक्षक / सर्वेयर द्वारा बनाई गयी रिपोर्ट में क्या क्या लिखा होता है, क्योकि किसी भी दुर्घटना के घटित होने पर जब आप बीमा कंपनी से, दुर्घटना में हुई क्षति की क्षतिपूर्ति प्राप्ति का क्लेम करते है, तो बीमा कंपनी अपने सर्वेक्षक से घटना की रिपोर्ट तैयार करवाती है। अब इस सर्वेक्षक की रिपोर्ट में लिखा क्या होता आज आप इस लेख के माध्यम से जानेगे।

What is written in the report made by the surveyor of the insurance company.

क्या है बीमा कंपनी के सर्वेक्षक की रिपोर्ट ?

जब भी किसी व्यक्ति के द्वारा बीमा कंपनी के समक्ष  क्लेम पाने के लिए क्लेम प्रपत्र प्रस्तुत किया जाता है, तो बीमा कंपनी क्लेम देने से पहले सर्वेक्षक से एक रिपोर्ट तैयार करवाती है। जिसमे बीमा कमपनी के सर्वेक्षक द्वारा  रिपोर्ट निम्न प्रकार से तैयार की जाती है :-
  1. घटना का प्रकार। 
  2. प्रथम सुचना रिपोर्ट। 
  3. पुलिस स्टेशन रिकॉर्ड का विवरण। 
  4. नक्शा -नजरी का विवरण। 
  5. आरोप पत्र का विवरण। 
  6. आपराधिक न्यायालय का विवरण। 
  7. पंचनामा रिपोर्ट का विवरण। 
  8. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का विवरण। 
  9. मृतक का विवरण। 
  10. मृतक के वारिसान। 
  11. वाहन रजिस्ट्रेशन का विवरण। 
  12. बिमा का विवरण। 
  13. परमिट का विवरण। 
  14. आरोपित चालक का विवरण। 
  15. सर्वेक्षक के कथन। 
  16. निष्कर्ष 
  17. सर्वेक्षक के हस्ताक्षर। 
उपरोक्त सभी प्रकार के विवरण को हम विस्तार से जानेगे, ताकि अच्छे से समझ आये की इन उपरोक्त विवरण में क्या लिखा होता है। 

1. घटना का प्रकार -  सर्वेक्षक  रिपोर्ट तैयार करते समय घटना के प्रकार का उल्लेख अपनी रिपोर्ट में कुछ इस प्रकार से करता है। घटना का समय, सुबह या शाम, घटना के घटित होने का स्थान, घटना कैसे घटित हुई, घटना में चोटहिल हुए व्यक्ति को क्या चिकत्सालय ले जाया गया, क्या घटना में चोटहिल व्यक्ति जीवित है, क्या घटना में चोटहिल व्यक्ति की मृत्यु हो गयी, व्यक्ति की मृत्यु  क्या घटना स्थल में हुई या चिकत्सा उपचार के दौरान हुई आदि का विवरण सर्वेक्षक अपने शब्दों में लिखता है। 

2. प्रथम सूचना रिपोर्ट का विवरण - सर्वेक्षक रिपोर्ट तैयार करते समय प्रथम सूचना रिपोर्ट का विवरण कुछ इस प्रकार से करता है। उक्त घटना के घटित होने की प्रथम सूचना रिपोर्ट थाने ( थाने का नाम व्स्थान) में वाहन संख्या (वाहन की संख्या ) के चालक के (वाहन चालक का नाम पता व् स्थान यदि ज्ञात है तो अन्यथा अज्ञात के नाम से ) के खिलाफ शिकायकर्ता ( शिकायतकर्ता का पूर्ण नाम व् निवास स्थान ) द्वारा दिनांक ( प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने की तारीख) को घटना के घटित होने के दिन (यहाँ दिन से मतलब जब रिपोर्ट दर्ज की गयी ) कराया गया। 
जिसमे यह कथन किया गया कि ( यहाँ पर सर्वेयर प्रथम सूचना रिपोर्ट में दर्ज विवरण का उल्लेख करता है  )

3. पुलिस स्टेशन रिकॉर्ड का विवरण - सर्वेक्षक रिपोर्ट तैयार करते समय पुलिस स्टेशन रिकॉर्ड का उल्लेख इस प्रकार से करता है। उक्त  घटना की सूचना थाना (उस थाने का नाम व् पता जहाँ  रिपोर्ट की गयी ) में घटना के दिन या दूसरे दिन या हफ्ते बाद वाहन संख्या ( जो वाहन संख्या है वह लिखेगा ) चालक के नाम पता अज्ञात के खिलाफ मुकदमा (वाद  संख्या ) अंतर्गत धारा  आईपीसी के तहत दर्ज पाया गया जो मृतक या चोटहिल व्यक्ति के पिता या नाते रिश्तेदार या जानने वाले के द्वारा दर्ज कराया जिसमे पुलिस द्वारा विवेचना के बाद आरोप पत्र पर वाहन संख्या व् चालक ( वाहन संख्या और वाहन चालक का नाम ) के खिलाफ किया गया। 

4. नकशा नजरी का विवरण :-

  1. घटना की तिथि,
  2. घटनास्थल,
  3. घटना की दिशा,
  4. पुलिस स्टेशन। 
5. आरोप पत्र का विवरण :-
  1. घटना की तिथि,
  2. आरोप पत्र की तिथि,
  3. आरोपित व्यक्ति,
  4. आरोपित वाहन,
  5. पुलिस स्टेशन। 
6. आपराधिक न्यायालय का विवरण :- 
  1. मुकदमा अपराध संख्या,
  2. वाद सन्दर्भ,
  3. न्यायालय,
  4. पुलिस स्टेशन।
7. पंचनामा रिपोर्ट का विवरण :-
  1. मृतक का नाम,
  2. मृतक के पिता का नाम,
  3. मृतक का निवास स्थान,
  4. मृत शरीर के पंचनामा की तिथि,
  5. थाने का नाम जिसके द्वारा पंचनामा कराया गया,
  6. चिकित्सालय का नाम जहाँ पंचनामा रिपोर्ट तैयार हुई,
  7. मृत्यु का कारण। 
8. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का विवरण :-
  1. पोस्टमार्टम संख्या ,
  2. मृतक का नाम,
  3. मृतक का पता,
  4. मृतक की उम्र,
  5. पोस्टमार्टम स्थल,
  6. पोस्टमार्टम दिनांक,
  7. मृत्यु का कारण। 
9. मृतक का विवरण :-
  1. मृतक का नाम,
  2. मृतक का पता,
  3. मृतक की उम्र,
  4. मृतक की विवाहित स्थिति,
  5. मृतक का व्यवसाय। 
10. मृतक के वारिसान का विवरण :-
  1. माता,
  2. पिता,
  3. पत्नी,
  4. पति,
  5. बच्चे। 
यदि है तो उपरोक्त के नाम। 

11. वाहन रेजिस्ट्रेशन का विवरण :-
  1. वाहन संख्या,
  2. वाहन स्वामी का नाम,
  3. वाहन का प्रकार,
  4. वाहन जारी कार्यालय,
  5. वैधता,
  6.  घटना की तिथि।
12. बीमा का विवरण :-
  1. पॉलिसी नंबर,
  2. वाहन संख्या,
  3. वाहन स्वामी,
  4. वाहन प्रकार,
  5. जारी कार्यालय,
  6. वैधता,
  7. घटना की तिथि।
13. परमिट का विवरण :-
  1. परमिट संख्या,
  2. वाहन स्वामी,
  3. वाहन का प्रकार,
  4. जारी कार्यालय,
  5. वैधता,
  6.  घटना की तिथि।
14. आरोपित चालक के डीएल का विवरण :-
  1. दी० एल ० संख्या,
  2. डी० एल ० धारक का नाम,
  3. जारी दिनांक,
  4.  जारी कार्यालय,
  5.  वैधता,
  6. प्रकार। 
15. सर्वेक्षक के कथन :- सर्वेक्षक घटना की सम्पूर्ण जानकारी घटना के आधार पर अभिलिखत करता है कि वह याची के कथति स्थान पर गया, घटना का विवरण, घटना में घटित होने वाले व्यक्ति का विवरण और चोटहिल व्यक्ति की चोटों का विवरण या मृतक का विवरण, पुलिस रिपोर्ट, न्यायालय में दायर वाद का विवरण अन्य जानकारी जो उस समय याची द्वारा बताई जाती है उन सबको वह अपनी रिपोर्ट में अभिलिखित करेगा। 

16. सर्वेक्षक द्वारा निष्कर्ष :- यहाँ पर सर्वेक्षक उपरोक्त विवरण के आधार पर अपना निष्कर्ष अभिलिखित करता है। 

17. सर्वेक्षक के हस्ताक्षर:- सर्वेक्षक द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट के अंतिम में सर्वेक्षक द्वारा हस्ताक्षर किये जायेंगे, जिससे यह ज्ञात होता है की सर्वेक्षण करने वाला व्यक्ति कौन है। 

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