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राज्य के खिलाफ किये गए अपराधों के लिए सजा का प्रावधान क्या है ? Provision for Punishment for offences against the state in India

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नमस्कार दोस्तों,
आज के इस लेख में आप सभी को भारतीय दंड संहिता की धारा 121 से लेकर धारा 130 तक के बारे में बताने जा रहे जो की राज्य के विरुद्ध अपराधों के विषय में सजा का प्रावधान करती है। 
भारतीय दंड संहिता की धारा 121 से लेकर 130 तक राज्य के खिलाफ अपराधों के विषय में और ऐसे अपराधों के किये जाने पर दंड कर प्रावधान करती है। अब आप लोगो के मन में यह सवाल उठ रहा होगा की राज्य के खिलाफ अपराध से क्या मतलब है ये क्या होता है, तो हम आपको यह बहुत ही सरलता से समझाने का अपना पूरा प्रयाश करूँगा की आपको इस लेख की हर बात अच्छी तरह से समझ आये और आपके मन में आने वाले अधिकतम सवालो का जवाब यही मिल जाये।

राज्य के खिलाफ किये गए अपराधों के लिए सजा का प्रावधान क्या है ? Provision for Punishment for offences against the state in India.

सबसे से पहले समझ ले कि  राज्य के विरुद्ध अपराध क्या क्या हो सकते है ?
राज्य के विरुद्ध अपराध से साफ साफ यह मतलब है कि भारत सरकार के खिलाफ किये गए ग़ैरकाननूनी कार्य जैसे की :-

  1. राजद्रोह करना,
  2. राष्ट्रपति, राज्यपाल पर हमला करना,
  3. भारत सरकार के खिलाफ युद्ध करना, युद्ध करने का प्रयास करना, 
  4. भारत सरकार के खिलाफ युद्ध करने के लिए हथियारों को इकट्ठा करना,
  5. लोक सेवक द्वारा राज-कैदी या युद्ध कैदी को कैद से निकल भागने देना, 
  6. अदि गैरकानूनी कार्य जो भारत सरकार के खिलाफ गैरकानूनी तरीको से किये जाते है।  
भारतीय दंड संहिता धारा 121 से 130 तक राज्य के विरुद्ध अपराधों के विषय में और  ऎसे अपराधों के लिए दंड का प्रावधान।  

भारतीय दंड संहिता धारा 121 - भारत सरकार के खिलाफ युद्ध करना, युद्ध का प्रयास करना, युद्ध करने का दुष्प्रेरण करना।
जो कोई व्यक्ति भारत सरकार के खिलाफ युद्ध करेगा या युद्ध करने का प्रयास करता है या युद्ध करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति को उकसाता, बहकाता है, तो वह राज्य के खिलाफ अपराध करता है, जो कि एक दंडनीय अपराध है और ऎसा अपराध करने वाले व्यक्ति को भारतीय कनून द्वारा दण्डित किया जायेगा। 
दंड- मृत्यु दंड या आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा। 

भारतीय दंड संहित धारा 121 A - भारत सरकार के खिलाफ युद्ध करना, प्रयास, और उकसाना इन अपराधों को करने के लिए षड्यंत्र करना। 
जो कोई व्यक्ति भारत सरकार के खिलाफ युद्ध करेगा, युद्ध करने का प्रयास करेगा या किसी को युद्ध करने के लिए उकसाता है इन दंडनीय अपराधों में से कोई अपराध करने के लिए भारत देश के अंदर या बाहर षड्यंत्र करेगा या,
केंद्र सरकार या राज्य की सरकार के खिलाफ आपराधिक बल के द्वारा या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा आतंकित करने का षड्यंत्र करेगा तो वह व्यक्ति दण्डित किया जायेगा। 
दंड- आजीवन कारावास या 10 साल तक की कारावास की सजा इन दोनों में से किसी भी कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा। 
भारतीय दंड संहिता धारा 122 - भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करने के इरादे से शस्त्र आदि संग्रह करना। 
जो कोई भी व्यक्ति भारत सरकार के खिलाफ युद्ध करने या युद्ध करने की तैयारी के इरादे से पुरुष, शस्त्र और गोला बारूद का संग्रह करेगा या युद्ध करने की तैयारी करेगा  तो वह व्यक्ति दण्डित किया जायेगा। 
दंड- आजीवन करवास या 10 साल की कारावास की सजा जो की 10 साल से अधिक की नहीं होगी इन दोनों में से किसी भी सजा से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा। 

भारतीय दंड संहिता धारा 123 -युद्ध करने की परिकल्पना को सुन कर बनाने  के आशय से छिपाना। 
जो कोई भी व्यक्ति भारत सरकार के खिलाफ युद्ध करने की परिकल्पना के अस्तित्वों को किसी कार्य से या किसी गैरकानूनी लोप से इस इरादे से की इस प्रकार छिपाने से ऐसे युद्ध करने को सुनकर बनाये, या सम्भव जानते हुए कि इस प्रकार छिपाने के द्वारा ऐसे युद्ध करने को सुलभ बनाएगा, छिपायेगा तो वह व्यक्ति कारावास से दण्डित किया जायेगा। 
दंड- 10 साल तक कारावास की सजा दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा। 

भारतीय दंड संहिता धारा 124 - किसी विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग करने के लिए बाध्य करना या उसका प्रयोग अवरुद्ध करने के इरादे से राष्ट्रपति या राज्यपाल आदि पर हमला करना।
जो कोई भी व्यक्ति भारत के राष्ट्रपति या राज्य के किसी राज्यपाल की उसकी विधिपूर्ण शक्तियो में से किसी शक्ति का किसी प्रकार से प्रयोग करने के लिए या उस शक्ति के प्रयोग करने से रोकने के लिए उत्प्रेरित करने या बाध्य करने के इरादे से राष्ट्रपति या राज्य के राज्यपल पर हमला करेगा या गलत तरीके से रोकेगा या रोकने का प्रयास करेगा या आपराधिक बल से या आपराधिक बल के प्रदर्शन से आतंकित करेगा या आतंकित करने की कोशिश करेगा, तो ऐसे व्यक्ति को दण्डित किया जायेगा।
दंड- 7 साल तक कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।

भारतीय दंड संहिता धारा 124 A - राजद्रोह -
जो कोई भी व्यक्ति मौखिक, लिखित या संकेतो के जरिये या चित्रों के माध्यम से भारत में विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा या अवमान पैदा करेगा या पैदा करने की कोशिश करेगा अप्रीति प्रदीप्त करेगा या प्रदीप्त करने की कोशिश करेगा वह व्यक्ति दण्डित किया जायेगा।
दंड- आजीवन कारावास जिसमे जुर्माना जोड़ा जा सकेगा या 3 साल तक कारावास से दण्डित किया जायेगा जिसमे जुर्माना जोड़ा जा सकेगा या जुर्माने से दण्डित किया जायेगा।

भारतीय दंड संहिता धारा 125 - भारत सरकार से मित्रता का सम्बन्ध रखने वाली किसी एशियाई शक्ति के खिलाफ युद्ध करना -
जो कोई व्यक्ति भारत सरकार से मित्रता या शांति का सम्बन्ध रखने वाली किसी एशियाई शक्ति की सरकार के खिलाफ युद्ध करेगा या युद्ध करने की कोशिश करेगा या युद्ध के लिए उकसायेगा, ऐसे व्यक्ति को दण्डित किया जायेगा।
दंड-आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा जिसमे जुर्माना जोड़ा जा सकेगा या 7 साल तक के कारावास से दण्डित किया जायेगा जिसमे जुर्माना जोड़ा जा सकेगा या जुर्माने से दण्डित किया जायेगा।

भारतीय दंड संहिता धारा 126 -भारत सरकार के साथ शांति का सम्बन्ध रखने वाले शक्ति के राज्यक्षेत्र में लूटपाट करना -
जो कोई व्यक्ति भारत सरकार के साथ शांति का सम्बन्ध रखने वाली शक्ति के राज्य्क्षेत्र में लूट -पाट करेगा, लूट-पाट करने की कोशिश करेगा वह व्यक्ति दण्डित किया जायेगा। ऐसी लूटपाट करने के लिए इस्तेमाल में लाई गयी या इस्तेमाल में लायी जाने के इरादे से या ऐसी लूट पाट के जरिये प्राप्त संपत्ति के समपहरण से भी दण्डित  किया जायेगा।
दंड- 7 साल की कारावास से दण्डित किया जाएग जिसमे जुर्माना जोड़ा जा सकेगा या जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।

भारतीय दंड संहिता धारा 127 - धारा 125, 126 में वर्णित युद्ध या लूट पाट के जरिये ली गयी संपत्ति प्राप्त करना। 
जो कोई व्यक्ति किसी ऐसी संपत्ति को प्राप्त करेगा यह जानते हुए भी की उसके द्वारा प्राप्त की गयी संपत्ति भारत सरकार के साथ मित्रता या शांति का सम्बन्ध रखने वाले किसी एशियाई सरकार के खिलाफ युद्ध करके या लूट पाट के द्वारा प्राप्त की गयी है तो ऐसी संपत्ति प्राप्त करने वाले व्यक्ति को दण्डित किय जायेगा।
दंड-  7 साल तक कारावास से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।  इस प्रकार प्राप्त की गयी सम्पति के समपहरण से भी दंडनीय होगा।

भारतीय दंड संहिता धारा 128 -  लोक सेवक का स्वेछया राज कैदी या युद्ध कैदी को निकल भागने देना। जो कोई लोक सेवक होते हुए किसी राज कैदी या युद्ध कैदी को हिरासत में रखते हुए अपनी इच्छा से ऐसे कैदी को किसी ऐसे स्थान से जिसमे ऐसा कैदी कैद में है निकल भागने देगा तो ऐसा करने वाले लोकसेवक को दण्डित किया जायेगा।
दंड- आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा या 10 साल तक की कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।

भारतीय दंड संहिता धारा 129 - उपेक्षा से लोक सेव क का ऐसे कैदी का निकल भागना सहन करना। 
जो कोई लोक सेवक होते हुए और किसी राजकैदी  युद्ध कैदी को हिरासत में रखते हुए उपेक्षा में ऐसे कैदी को किसी ऐसे कैद के स्थान से जिसमे ऐसा कैदी कैद है निकल भागना सहन करेगा, ऐसा करने वाले लोक सेवक को दण्डित किया जायेगा।
दंड- सादे कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा जो कि 3 साल तक की कारावास की सजा हो सकेगी और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा। 

भारतीय दंड संहिता धारा 130 - ऐसे कैदी के निकल भागने में सहायता देना, उसे छुड़ाना या संश्रय देना।
जो कोई व्यक्ति जानते हुए किसी राज कैदी या युद्ध कैदी को विधिपूर्ण हिरासत से निकल भागने में मदद या सहायता करेगा, या किसी ऐसे कैदी को छुड़ाएगा, या छुड़ाने की कोशिश करेगा या ऐसे कैदी को जो विधिपूर्ण हिरासत से निकल भागा है उसे संश्रय देगा, छिपायेगा या पकडे जाने पर विरोध करेगा या करने की कोशिश करेगा ऐसे व्यक्ति को दण्डित किया जायेगा।
दंड-आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा या 10 साल तक की कारावास की सजा से दण्डित किया और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।



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