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कार्यस्थल पर किसी महिला के साथ यौन उत्पीड़न हो तो वह उसकी शिकायत कहाँ और कैसे करे। Where and How to complaint against sexual harassment at workplace

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नमस्कार दोस्तों,  
आज के इस लेख में आप सभी को यह बताने जा रहा हु कि यदि कार्यस्थल पर किसी महिला के साथ यौन उत्पीड़न होता है तो वह इसकी शिकायत कहाँ और कैसे कैसे दर्ज कराये।  
हर साल देश में महिलाओ के साथ हो रहे यौनउत्पीडन की घटना को नजर में रखते हुए भरतीय सरकार ने कड़े कानून की व्यवस्था कर नए अधिनयम को पारित किया जो कि " कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न ( रोकथाम, निषेध और निवारण ) अधिनियम, 2013" के नाम से जाना जाता है।
कार्यस्थल पर किसी महिला के साथ यौन उत्पीड़न हो तो वह उसकी शिकायत कहाँ और कैसे करे।  Where and How to complaint against sexual harassment at workplace.

यौन उत्पीड़न किसे कहते है ?
यौन उत्पीड़न की कोई परिभाषा नहीं है इसे हम निम्न व्यवहार और कृत्यों से समझ सकते है यदि :-

1. किसी स्त्री को उसकी मर्जी खिलाफ छूना या छूने की कोशिश करना। 
 जैसे एक तैराकी सिखाने वाला कोच  तैराकी की क्लास खत्म होने के बाद उसको पूल के बाहर छूता है और उस स्पर्श से वह असहज महसूस करती है, तो वह यौन उत्पीड़न कहाँ जायेगा। 

2. अश्लील तस्वीरों, फिल्मो या अन्य प्रकार की अश्लील सामग्री को किसी महिला की ओर दिखाना। 
कार्यस्थल पर कार्य कर रही किसी स्त्री को उसके किसी सहकर्मी पुरुष द्वारा अश्लील तस्वीरें , अश्लील फिल्म या अन्य अश्लील सामग्री दिखाई जाती है , तो यह यौन उत्पीड़न कहा जायेगा। 

3. यौन स्वाभाव की अश्लील बात किसी महिला से करना। 
जैसे एक कंपनी का  वरिष्ठ कर्मचारी एक युवा स्त्री जिसकी नियुक्ति कंपनी में जल्द हुई है उससे यह कहता कि वह एक सफल कर्मचारी बन सकती है क्योकि वह शारीरिक रूप से आकर्षक है, तो यह यौन उत्पीड़न माना जायेगा। 

4.  शारीरिक रिश्ता या यौन सम्बन्ध बनाने की मांग करना या उसकी उम्मीद करना। 
यदि किसी विभाग का प्रमुख किसी जूनियर कर्मचारी को उसकी तरक्की का लालच या प्रलोभन दे कर उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाने की मांग करता है , तो यह यौन उत्पीड़न कहा जायेगा।  

क्या कारण उतपन्न हुए जो कि  इस अधिनयम को पारित किया गया ?
  1. साल दर साल देश में बढ़ते यौन उत्पीड़न के मामले। 
  2. महिलाओ के साथ कार्यस्थल पर होने वाला यौन उत्पीड़न । 
  3. कार्यस्थल पर महिलाओ का असुरक्षित महसूस करना। 
  4. अपमानजनक व्यवहार और वातावरण से महिलाओं की सुरक्षा के लिए। 
  5. पीड़िता को निवारण प्रदान  करने के लिए।  
  6. दोषी व्यक्ति को दण्डित करना। 
कार्यस्थल पर हुए यौन उत्पीड़न की शिकायत कहाँ करे ?

1. आंतरिक शिकायत समिति। 
 ऐसे वे सभी संगठन या संस्थान जिसमे 10 से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे हो ऐसे हर संगठन या संस्थान में आंतरिक शिकायत समिति गठित करना अति आवश्यक है और बाध्य भी है। 
यदि किसी महिला कर्मचारी के साथ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की घटना घटित होती है, तो वह अपने संगठन या संस्थान में गठित आंतरिक शिकायत समिति में इस यौन उत्पीड़न की घटना की शिकायत करे। 

2. स्थानीय शिकायत समिति। 
असंगठित क्षेत्र या ऐसी संस्था जहा 10 से कम कर्मचारी होने के कारण आंतरिक शिकायत समिति का गठन नहीं हुआ है और यौन उत्पीड़न की शिकायत नियुक्ता खिलाफ है तो ऐसे मामलो में यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जाँच और उनका निवारण करने के लिए स्थानीय शिकायत समिति गठित की जाएगी।

स्थानीय शिकायत समिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए जिला कलेक्टर, मजिस्ट्रेट, के कार्यालय से संपर्क किया जाये।

3. शी- बॉक्स। 
केंद्र सरकार के किसी मंत्रालय, विभाग, सार्वजानिक क्षेत्र के उपक्रम, सम्बद्ध कार्यालय आदि में यौन उत्पीड़न से पीड़ित स्त्री शी बॉक्स नाम की ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली इस्तेमाल कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है।

यौन उत्पीड़न की शिकायत पीड़िता के अलावा और कौन कर सकता है ?
  1. यदि यौन उत्पीड़न से पीड़ित स्त्री खुद शिकायत करने में असमर्थ है, तो उसके साथ हुए यौन उत्पीड़न की शिकायत उसके मित्र, सहकर्मचारी, परिवार, रिश्तेदार, या जो उस घटना के बारे में जनता हो और पीड़िता की सहमति ली हो। 
  2. राष्ट्रीय या राज्य स्तर के महिला आयोग अधिकारी के द्वारा शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। 
  3. यदि यौन उत्पीड़न की शिकार हुयी महिला की मानसिक स्थिति सही नहीं है तो उसके रिस्तेदार, मित्र, मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक या उसके संरक्षक या उसकी देख भाल करने वाले व्यक्ति द्वारा शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। 
  4. यदि यौन उत्पीड़न की शिकारहुई पीड़ित महिला की मृत्यु हो गई है तो उसके कानूनी उत्तराधिकारी के द्वारा  शिकायत दर्ज की जा सकती है।
यौन उत्पीड़न की शिकायत कैसे करे ?
जब कोई भी स्त्री कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का शिकार होती है, तो वह उस यौन उत्पीड़न की शिकायत करने की सोचती है किस कैसे करे;-
  1. पीड़िता द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत लिखित रूप में की जानी चाहिए। 
  2. यदि किसी कारण से पीड़िता लिखित रूप से शिकायत देने में असमर्थ है तो शिकायत समिति के सदस्यों को पीड़िता की लिखित रूप में शिकायत देने में मदद करे। 
  3. यौन उत्पीड़न से पीड़ित स्त्री घटना घटने के 3 माह के भीतर उसके साथ हुए यौन उत्पीड़न की शिकायत को शिकायत समिति के पास दर्ज करा सकती है। 
  4. यदि किसी कारण के शिकायत 3 माह के भीतर पीड़ित स्त्री के द्वारा दर्ज नहीं कराई गयी हो तो 3 माह के बाद भी शिकायत समिति के अनुमति मिलने पर दर्ज कराई जा सकती है। 
  5. कार्यस्थल पर महिलाओ का यौन उत्पीड़न निवारण निषेध अधिनियम के तहत संपर्क अधिकारी बनाये गए है। नोडल अधिकारी ,स्थानीय शिकायत सिमित सदस्य और जिला अधिकारी। 
  6. शिकायत समिति द्वारा यौन उत्पीड़न की जाँच 90 दिनों के भीतर पूरी कर ली जानी चाहिए। 
क्या  यौन उत्पीड़न के मामले में समझौता हो सकता है ?
कार्यस्थल पर महिलाओ के साथ यौन उत्पीड़न निवारण निषेध अधिनियम में समझौते का प्रावधान भी किया गया है।  लेकिन इस विकल्प का प्रयोग केवल पीड़िता के अनुरोध पर ही  किया जायेगा। 

2 comments:

  1. यदि किसी कार्यस्थल पर कोई महिला किसी पुरुष से पीड़ित है तो क्या दोषी पाए गए पुरुष के साथ पीड़ित महिला का स्थानांतरण किया जाना सही है इससे सामज में महिला का ससक्तिकरण होगा या असक्तिकरण

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    Replies
    1. क्या स्थानांतरण एक ही जगह किया गया है ?

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