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ग्राम कचहरी क्या है और ग्राम कचहरी की स्थापना के पीछे मुख्य उद्देश्य क्या है ?

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नमस्कार दोस्तों,
आज के इस लेख में आप सभी को " ग्राम कचहरी" के बारे में बताने जा रहा हु। जिसकी स्थापना का प्रावधान बिहार पंचायत राज अधिनियम में दिया गया है। 

  1. ग्राम कचहरी क्या है ? 
  2. ग्राम कचहरी के सरपंच, उपसरपंच और इसका कार्यकाल कब तक का है ? 
  3. ग्राम कचहरी की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या है? 
  4.  ग्राम कचहरी की अधिकारिता क्या है ?
ग्राम कहचरी क्या है ? ग्राम कहचरी के सरपंच, उपसरपंच और इसका कार्यकाल कब तक का है ? ग्राम कहचरी की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या है?  ग्राम कहचरी की अधिकारिता क्या है ?


ग्राम कचहरी क्या है ?
भारत देश की अधिकांश जनता गांवो में रह रही है और वही गुजर बसर कर रही है, क्योकि अभी भी कई परिवार गाँवो में रह  कर खेती बाड़ी और अन्य कार्यो से अपना जीवन व्यापन कर रहे है। गावों में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रत्येक गावो में "बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 " के तहत "ग्राम कचहरी " की स्थापना का प्रावधान किया गया है ताकि गांव में रह रहे लोगो को सुलभ और सस्ता न्याय प्रदान किया जाये। 
 भारतीय संविधान के अनुछेद 40 में यह  साफ साफ दिया गया है कि राज्य सरकार पंचायत का गठन करेगी और पंचायत को स्वराज्य इकाई के रूप में कार्य करने के लिए शक्ति एवं अधिकार पंचायत को दिए जायेंगे।
"बिहार ग्राम पंचायत अधिनियम" की धारा 90 तहत के तहत ग्राम कचहरी की स्थापना का प्रावधान किया गया है। अधिनियम की धारा 91 के तहत ग्राम  कचहरी के कुल पंचो के कुल स्थानों 51 प्रतिशत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और पिछड़े वर्ग लिए आरक्षित किया गया है। 

अधिनियम की धारा 94 तहत सरपंच, उपसरपंच  पंचो को सरकार की तरफ से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। 

ग्राम  कचहरी के सरपंच का चुनाव  और कार्यकाल। 
  1. ग्राम कचहरी के सरपंच का चुनाव ग्राम पंचायत की मतदाता सूचि में नामांकित मतदाताओं के बहुमत से चुना जायेगा। 
  2. ग्राम कचहरी का कर्यकाल पांच साल तक का होगा और हर पांच साल में इसका पुनः मतदान होगा। 
  3. अधिनियम के अनुसार सरपंच के साथ साथ उपसरपंच का भी चुनाव होगा।
  4. सरपंच के पद के लिए कुल पदों के 50 प्रतिशत के निटकतम स्थान आरक्षित किये गए है ताकि समाज के अपेक्षित लोगो की भागीदारी मुख्य रूप से हो सके। 
  5. सरपंच ग्राम कचहरी का अध्यक्ष होगा।
  6.  ग्राम कचहरी में एक सचिव की नियुक्ति की जाएगी।
  7.  ग्राम कचहरी अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए न्याय मित्रो को नियुक करेगी जो की विधि स्नातक होंगे 
  8. किसी भी व्यक्ति के आवेदन और पुलिस रिपोर्ट पर केस दर्ज होगा। 
  9. जिस तरीके से न्यायालय में पक्षकारों और गवाहों की हाजिरी होती है ठीक इसी प्रकार से ग्राम कचहरी में पक्षकारों और गवाहों की हाजिरी होगी। 
ग्राम कचहरी की स्थापना के पीछे मुख्य उद्देश्य क्या है ?
जैसा की ग्राम कचहरी नाम से ही साफ मालूम हो रहा है की इसके स्थापना का मुख्य उद्देश्य  ग्राम वासियों को सुलभ  सस्ता न्याय प्रदान किया जाये। 
  1. ग्राम कचहरी की स्थापना का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि गांव में रहने वाले सभी लोगो के बीच मैत्रीपूर्ण वातावरण बनाये रखना। 
  2. ग्राम कचहरी की न्यायपीठ के समक्ष आने वाले हर मामले की सुनवाई करते वक़्त पक्षकारों के बीच सौहार्दपूर्ण समझौता कराने का प्रयास करेगी। 
  3. गावों में शिक्षा और गरीबी के कारण आये दिन कोई न कोई नया विवाद उत्पन्न हुआ करता है और  न्यायालय में मुकदमा दर्ज कर कानूनी प्रक्रिया में फॅसे रहते है बाद में चाहते हुए भी आपसी समझौता नहीं कर पाते ह,
  4. इसलिए इन मामलो को ध्यान में रखते हुए ग्राम कचहरी का यह दायित्व होगा कि यदि गावों  में कोई वाद विवाद उत्पन्न  तो पहले इन  विवादों के पक्षकारों के बीच मैत्रीपूर्ण वातावरण बनाये और समझौता कराये ताकि गांव के लोगो का उनकी मेहनत का पैसा उनके विकास पर लगे न की क़ानूनी प्रक्रिया में। 
  5. यदि ग्राम कहचरी विवादों का पूर्ण निपटारा करने में विफल रहती है तो ऐसी स्थिति में ग्राम कहचरी में ही जो ग्राम वासियों के पास होती है, वही कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए मामले की जाँच करते हुए अपना निर्णय लिखित रूप में देगा और इसपर सभी सदस्यों के हस्ताक्षर होंगे। 
 ग्राम कहचरी की अधिकारिता  क्या है ?
अधिनियम की धारा 106 ,107 और 110 के अंतर्गत ग्राम कहचरी को दो तरह की अधिकारिता दी गयी है। 

1. अधिनियम  की धारा 106 के तहत दाण्डिक अधिकारिता। 
  1. ग्राम कहचरी को भारतीय दंड संहिता की धारा:- 140, 142, 143, 144, 145, 147, 151, 153, 160, 172, 174, 178, 179, 269, 277, 283, 285, 286, 289, 290, 294, 294A, 332, 334, 336, 341, 352, 356, 357, 374, 403, 426, 428, 430, 447, 448, 502, 504, 506, और 510 तहत दिए गए अपराधों के मामलो को सुनने एवं निर्णय देने की अधिकारिता होगी। 
अधिनियम की धारा 107 के तहत जुर्माना लगाने की शक्ति।
  1. एक हजार रुपया तक जुर्माना करने की शक्ति दी गयी है। 
  2. झूठा, तुछ  या परेशांन करने वाला अभियोग लगाने पर प्रतिकर अदा करना का आदेश लगाया जा सकता है। 
2. अधिनियम की धारा 110 सिविल अधिकारिता। 
  1. दस हजार रूपये से कम की संपत्ति,
  2. लगान  वसूली,
  3. चल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर, 
  4. पशु अतिचार और,
  5. बॅटवारे के मामले से सम्बंधित सभी मामले सुने जाने की अधिकारिता होगी। 
अधिनियम की धारा 112 के तहत अपील करने का प्रावधान किया गया है , यदि कोई व्यक्ति ग्राम कचहरी निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो 30 दिनों के भीतर ग्राम कचहरी की पूर्ण पीठ के सामने अपील दायर कर सकता है। पूर्ण पीठ की सुनवाई सात पंचो के द्वारा की जाएगी। 

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