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Zero FIR क्या है और Zero FIR का उद्देश्य क्या है ?

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नमस्कार मित्रों,

आज के इस लेख में हम जानेंगे कि Zero FIR क्या है और इसका प्रावधान कहाँ है ? Zero FIR  यह शब्द कानून की किसी किताब / अधिनियम में लिखा नहीं मिलेगा। अपराध के प्रकृति की घटना के अनुसार इसकी उत्पति हुई। गंभीर प्रकृति के अपराध जैसे कि हत्या, बलात्संग, अपहरण, आदि गंभीर प्रकृति के अपराध। ऐसी ही गंभीर प्रकृति के अपराध घटने की स्थिति में अपराध किस थाने के क्षेत्राधिकार में हुआ है इसका विचार किये बिना , पीड़ित द्वारा संज्ञेय अपराध की सूचना दी जाती है , तो थाने के भर साधक अधिकारी को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करनी ही होगी। 

Zero FIR क्या है और  Zero FIR का उद्देश्य क्या है ?



Zero FIR को लेकर आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे जैसे कि :-
  1. Zero FIR क्या है ?
  2. Zero FIR का प्रवधान कहाँ है ? 
  3. Zero FIR का उद्देश्य क्या है ?
इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानते है। 

1. Zero FIR क्या है ?

Zero FIR जो कि Juridiction Free FIR के नाम से भी जानी जाती है। Zero FIR से तात्पर्य यह है कि संज्ञेय अपराध यानी ऐसे अपराध जो कि गंभीर प्रकृति के है जिसमे पुलिस अधिकारी अभियुक्त को बिना किसी वारण्ट के गिरफ्तार करने का पूर्ण अधिकार रखता है , ये अपराध जैसे कि हत्या, बलात्संग, डकैती, अपहरण दहेज़ हत्या अन्य गंभीर अपराध होने की सूचना मौखिक , लिखित या इलेक्ट्रॉनिक रूप से पीड़ित व्यक्ति के द्वारा थाने के भारसाधक अधिकारी को दी जाती है , तो ऐसे में थाने के भारसाधक अधिकारी द्वारा घटना के क्षेत्र पर बिना विचार किये प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करनी होगी।  

हत्या डैकती बलातसँग अपरहण जैसे गंभीर अपराध की सूचना प्राप्त होने पर थाने के भारसाधक अधिकारी को बिना विचार किये कि अपराध किस थाने के क्षेत्राधिकार के भीतर हुआ है, प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर उसकी एक कॉपी पीड़िता / शिकायतकर्ता को निःशुल्क देना ही होगा। 

Zero FIR दर्ज कर उसे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा के तहत सम्बंधित थाने में ट्रांसफर किया जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। 

2012 निर्भया मामले के बाद न्यायमूर्ति वर्मा समिति ने Zero FIR की सिफारिश की ताकि न्याय में देरी न हो। 

2. Zero FIR का प्रावधान कहाँ है ? 

Zero FIR के सम्बन्ध में प्रावधान भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 173 में दिया गया है , जहाँ साफ साफ लिखा है कि धारा 173 के तहत संज्ञेय  अपराध के किये जाने से सम्बंधित प्रत्येक सूचना , उस क्षेत्र पर विचार  किये बिना जहाँ अपराध किया गया है , मौखिक रूप से या लिखित रूप से या इलेक्ट्रॉनिक संसूचना द्वारा पुलिस  थाने के भारसाधक अधिकारी को दी जाएगी और सूचना का सार ऐसी पुस्तक में अभिलिखित किया जायेगा जो उस अधिकारी द्वारा ऐसे रूप में रखी जाएगी जिसे राज्य सरकार इस निमित्त नियमों द्वारा विहित करें। 

3. Zero FIR का उद्देश्य क्या है ? 

Zero FIR  के उदेश्य निम्न प्रकार से है ;-
  1. अपराध घटने के क्षेत्र पर बिना विचार किये प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करना। 
  2. पीड़ित / पीड़िता को संज्ञेय अपराध के लिए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए भटकना न पड़े , खासकर महिलाओं से सम्बंधित अपराधों के मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट तत्काल प्रभाव से दर्ज  जाये। 
  3. अपराध घटित होने के क्षेत्र पर विचार किये बिना पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर सम्बंधित पुलिस थाने को ट्रांसफर कर सुनिश्चित करना है। 
  4. पीड़ित व्यक्ति को न्याय प्राप्ति में देरी न हो सके , ताकि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज पुलिस कार्यवाही आरम्भ कर सके , दोषी व्यक्ति को बिना देरी के गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर किया जाये , आरोप तय हो और न्यायालय में न्यायिक कार्यवाही शुरू हो सके। 


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