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GST क्या है GST किसको लेना चाहिए ? what is GST

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नमस्कार मित्रों ,

आज के इस लेख में हम जानेंगे कि " GST क्या है और GST का लाइसेंस किसको लेना चाहिए ?"  GST यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स, जो की वस्तु और सेवाओं के उपभोग व् उपयोग पर लगने वाला कर। GST को लेकर सबके मन में कई तरह के सवाल आते है जैसे कि :-
  1. GST  क्या है ?
  2. GST कितने प्रकार की होती है ?
  3. GST लइसेंस किसको लेना चाहिए ?
इन सभी के सवालों का जवाब हम विस्तार से जानेंगे। 

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1. GST  क्या है ? 

 टैक्स यानी कर जिसे मुख्यतः दो भागो में विभाजित किया गया है , जिसमें एक प्रत्यक्ष और दूसरा अप्रत्यक्ष। किसी वस्तु व् सेवा के उपयोग , उपभोग के लिए उसपर लगने वाला अप्रत्यक्ष कर जो कि वस्तु एवं सेवा कर ( goods and service tax ) के नाम से जाना जाता है। 

GST के आने से देश में जो वस्तु व् सेवा कर केंद्रीय सरकार व् विभन्न राज्यों की राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे करों को हटाकर पुरे भारत , केंद्रीय प्रशासित प्रदेश और राज्यक्षेत्र के राज्यों यानी सम्पूर्ण भारत वर्ष के लिए सेवा व् वस्तुओं में लगने वाले कर को एक ही अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागु कर दी गयी। 

संविधान के अनुच्छेद 366 (12 ए ) 101 संशोधन अधिनियम 2016 द्वारा संशोधित किया गया है। वस्तुओं एवं सेवाओं या दोनों की आपूर्ति  वस्तु एवं सेवा कर GST  के रूप में परिभाषित किया गया है। जिसमे मानव उपभोग के लिए मदिरा (अलकोहल ) की आपूर्ति को छोड़कर।  

  1. इस एक अप्रत्यक्ष कर की व्यवस्था को सम्पूर्ण भारत में लागु करने के लिए भारतीय संविधान में  संशोधन किया गया। यह संविधान का 101 संशोधन था। 
  2. इस एक अप्रत्यक्ष कर लो सम्पूर्ण भारत में लागु करने के लिए वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम पारित किया गया।
  3. वस्तु एवं सेवा कर परिषद् द्वारा संचालित होता है। 
  4. भारत के वित्तीय मंत्री इस कर परिषद के अध्यक्ष होते है। 
GST संख्या जो कि 15 अंकों की विशिष्ट संख्या है , जो कई भागों से मिलकर बनी है जिसमे :-
  1. भारतीय जनगणना कोड के अनुसार 15 अंकों में पहले 2 अंक राज्य कोड  प्रदर्शित करते है। 
  2. अगले 10 अंक व्यवसाय के पैन यानी स्थायी खाता संख्या है। 
  3. 13 वे अंक का उपयोग किसी राज्य के भीतर पंजीकरण की संख्या को दर्शाने के लिए किया जाता है। 
  4. 14 वाँ अंक डिफ़ॉल्ट रूप से Z जो कि अंग्रेजी वर्ण माला का अक्षर है। 
  5. अंतिम अंक को त्रुटियों का पता लगाने के लिए चेक कोड कहा जाता है इसे या तो वर्णमाला के एक अक्षर से दर्शाया जाता है।  

2. GST कितने प्रकार की होती है ?

GST के तहत वस्तुओं एवं सेवाओं पर निम्न दरों पर कर लगाया जाता है। वस्तु एवं सेवा कर मुख्यतः 4  प्रकार के  है :-
  1. सीजीएसटी। 
  2. सजीएसटी। 
  3. आईजीएसटी। 
  4. यूटीजीएसटी। 
इन सभी को विस्तार से जाने। 


1.CGST / सीजीएसटी - केंद्रीय माल एवं सेवा कर। 

Central Goods and Tax यानी केंद्रीय माल एवं सेवा कर। किसी राज्य के भीतर वस्तुओं एवं सेवाओं की आंतरिक आपूर्ति पर लागु कर जो केंद्रीय सरकार द्वारा एकत्रित किया जाता है जिसे  सीजीएसटी कहा जायेगा। 

खरीद और बिक्री एक ही राज्य की सीमा के भीतर होती है, तो केंद्रीय सरकार GST वसूलती है जिसमे CGST +SGST +GST . इससे यह मालूम पड़ता है कि एक ही राज्य के भीतर वस्तुओं एवं सेवाओं के उपभोग एवं उपयोग पर दो तरह की GST देनी पड़ती है।  इस GST में CGST केंन्द्रीय सरकार के खाते में और SGST राज्य सरकार के खाते में जमा होती है। 

उदाहरण -

विक्रेता और खरीदार दोनों एक ही राज्य के होते है ,तो उनके द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं के उपभोग एवं उपयोग के बिल में GST = CGST +SGST  का पूर्ण रूप से उल्लेख होता है। 
 
बिल में CGST +SGST दोनों के प्रतिशत % एक सामान होते है और ग्राहकों से दोनों का योग वसूला जाता है। यह कर केंद्रीय सरकार एवं राज्य सरकार दोनों के वित्तीय खाते में बराबर जमा होता है। 

2. SGST /सजीएसटी - राज्य माल एवं सेवा कर।  

State Goods and Services Tax  यानी  राज्य वस्तु एवं सेवा कर। किसी राज्य के भीतर वस्तुओं एवं सेवाओं की आंतरिक आपूर्ति पर लागु कर जो की राज्य सरकार द्वारा एकत्रित किया जाता है , उसे सजीएसटी कहा जायेगा। 
  1. यह GST अपने भौगोलिक सीमाओं के भीतर लेनदेन पर लागु होता है। 
  2. अंतर्राजीय आपूर्ति पर लगाया जाने वाला एक एकल कर है। 
  3. यह GST केवल उत्पाद के लेनदेन मूल्य पर लगाया जाने वाला कर है, जिसका भुगतान खरीदार को करना होता है। 
  4. राज्य जीएसटी की एक मुख्य विशेषता यह है कि यह राज्य्वार भिन्न होते है क्योकि प्रत्येक राज्य सरकार अपने राज्य में GST  के अपने -अपने अधिनियम लागु करती है। 
  5. वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद बिक्री एक राज्य में होती है इसमें अंतर् इतना है कि जिस राज्य में खरीद होती है , उसी राज्य में इसकी खपत होती है। 
  6. राज्य में  वस्तुओं और सेवाओं के उपभोग एवं उपयोग पर दो तरह की GST लगती है। CGST + SGST . 

3. IGST / आईजीएसटी - एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर। 

Intregated Goods and Services Tax यानी एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर। किसी विभिन्न राज्यों या केंद्रीय शासित प्रदेशों के बीच वस्तुओं एवं सेवाओं के आंतरिक आपूर्ति पर कर जो केंद्रीय सरकार द्वारा एकत्रित किया जाता है , उसे आईजीएसटी कहा जायेगा। 
  1. यह IGST आयात निर्यात की जाने वाली वस्तुओं सेवाओं पर भी लगाया जाता है।  
  2. यह IGST = CGST + SGST  यानी केंन्द्र एवं राज्य दोनों कर को जोड़कर दोनों करों के योग के सामान GST को एक साथ में केंद्रीय सरकार द्वारा एकत्रित किया जाता है। 
  3. IGST में एकत्रित कर उस राज्य के खाते में जाता है , जहाँ वस्तुओं एवं सेवाएँ प्राप्त होती है और शेष IGST केंद्रीय सरकार के खाते में जाता है। 
  4. भारत से आयात या भारत में आयात पर भी IGST वसूला जाता है। 

उदाहरण :-
  
यदि कोई वस्तु एवं सेवा एक राज्य से ख़रीदा गया और उस वस्तु एवं सेवा की खपत के लिए सप्लाई किसी अन्य  राज्य में की जा रही है , तो ऊपर IGST लगता है।  



4. UTGST / यूटीजीएसटी - केंद्रीय शासित प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर। 

Union territory Goods and Services Tax यानी केंद्रीय शासित वस्तु एवं सेवा कर।  जब केंद्रीयशासित प्रदेश के भीतर वस्तुओं एवं सेवाओं की आंतरिक आपूर्ति पर जो कर संघ राज्य क्षेत्र सरकार द्वारा एकत्रित किया जाता है , उसे UTGST कहा जायेगा। 
  1. केंद्रीय प्रशासित प्रदेश जैसे कि :- जम्मू कश्मीर, लद्दाख, अंदमान व् निकोबार , चंडीगढ़, दादरा व् नगर हवेली और दमन द्वीप , लक्षद्वीप। 
  2. केंद्रीय प्रशासित प्रदेश में CGST +UTGST दोनों ही वसूले जाते है। 
  3. दिल्ही और पुंडुचेरी भी केंद्रीय प्रशासित प्रदेश है लेकिन इनके पास अपने विधान मंडल  ऐसी में ये दोनों SGST के दायरे में आते है तो राज्य सरकार GST वसूलती है।  

GST लाइसेंस किसको लेना चाहिए ?

GST अधिनियम की धारा 22 के तहत प्रत्येक आपूर्तिकर्ता जिसमे विशेष राज्यों के अलावा राज्य या केंद्रीय प्रशासित प्रदेशों में जहां वस्तुओं या सेवाओं या दोनों की कर योग्य आपूर्ति करता है , यदि कसी वित्तीय वर्ष में उस आपूर्तिकर्ता का कुल कारोबार 20 लाख रूपये अधिक है , तो ऐसे प्रत्येक आपूर्तिकर्ता का GST पंजीकरण करवाना उत्तरदायित्व है।  

परन्तु , जहां कोई आपूर्तिकर्ता किसी विशेष श्रेणी के राज्यों से वस्तुओं या सेवाओं या दोनों की कर योग्य आपूर्ति करता है , तो GST  के पंजीकरण के लिए उत्तरदायित्व है यदि उस आपूर्तिकर्ता का किसी वित्तीय वर्ष में कुल कारोबार 10 लाख रूपये से अधिक है। 




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