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what is the punihsment for those who damage public property सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वालो के खिलाफ सजा क्या है ?

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नमस्कार मित्रों, 

आज के इस लेख में हम बात करेंगे कि सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वालो के खिलाफ सजा का क्या प्रावधान है ?

अक्सर देश में कभी -कभी ऐसी परिस्थितियां उत्तपन हो जाती है, जिनके कारण उत्तपन हुई परिस्थियों से प्रभावित देश के नागरिक अपनी मांगों की पूर्ति के लिए धरना प्रदर्शन, जुलूस या अन्य तरीके अपनाने लगते है।  कभी -कभी ये धरना प्रदर्श और जुलूस मे सम्मिलित व्यक्तियों का समूह अपनी मांगों की पूर्ति के लिए बलवा का उग्र रूप ले लेती है , जिसके कारण ये व्यक्तियों का समूह आस पास मोजुद देश की बहुमूल्य ईमारत, मूर्ति और अन्य मूल्यवान सार्वजानिक समपत्ति को क्षति पहुँचाने लगता है जैसे कि :-
  1. सार्वजनिक संपत्ति को तोडना -फोड़ना,
  2. सार्वजानिक संपत्ति को आग लगा देना,
  3. सार्वजानिक संपत्ति मूल आकर को परिवर्तित करना,
  4. अन्य ऐसे कार्य जिससे सार्वजानिक संपत्ति को क्षति कारित हो। 
इस लेख को समझने के लिए आपको इन सभी सवालों के जवाब मालूम होने चाहिए जैसे कि ;-
  1. सार्वजानिक संपत्ति क्या होती है ?
  2. सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने पर क्या होगा ?
इन सवालों को विस्तार से जाने।  

what is the punihsment for those who damage public property सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वालो के खिलाफ सजा  क्या है ?

1. सार्वजनिक संपत्ति क्या है ?

लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम अधिनियम 1984 की धारा 2 खंड ख में सार्वजानिक संपत्ति को परिभाषित किया गया है।   

सार्वजानिक संपत्ति का मतलब किसी भी संपत्ति से है , चाहे अचल हो या चल जिसमे मशीनरी भी शामिल है जिसके स्वामित्व में या उसके नियंत्रण में है , या 
  1. केंद्र सरकार,
  2. किसी भी राज्य सरकार,
  3. कोई स्थानीय प्राधिकारी,
  4. किसी केंद्रीय, प्रांतीय या राज्य अधिनियम के तहत द्वारा स्थापित कोई भी निगम,
  5. कम्पनी अधिनियम 1956 (1956 का 1 ) की धारा 617 में परिभाषित किसी कम्पनी या ,
  6. कोई भी संस्था , चिंता या उपक्रम जो केंद्रीय सरकार , सरकारी राजपत्र में अधिसूचना द्वारा इस सम्बन्ध में निर्दिष्ट कर सकती है बशर्ते कि  केंद्रीय सरकार इस उप धारा के तहत किसी भी संस्था , चिंता या उपक्रम को निर्दिष्ट नहीं करेगी , जब तक कि  ऐसी संस्था चिंता , चिंता या उपक्रम केंद्र सरकार द्वारा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से या एक या एक से अधिक राज्य सरकारों द्वारा , या आंशिक रूप से केंद्र सरकार द्वारा और आंशिक रुप से एक या एक से अधिक राज्य सरकारों द्वारा प्रदान की गयी धनराशि से या पूरी तरह से वित्तपोषित है।  

2. सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने से क्या मतलब है और सजा क्या होगी ? 

सार्वजानिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 की उपधारा के अनुसार सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने से आशय है जो कोई भी व्यक्ति ,
  1. जल, प्रकाश, बिजली या ऊर्जा के उत्पादन , वितरण या आपूर्ति के सम्बन्ध में उपयोग की जाने वाली कोई भी ईमारत , स्थापना या अन्य संपत्ति को के सम्बन्ध में कोई कृत्य करके दुराचार करता है,
  2. किसी भी तेल स्थापना के सम्बन्ध में कृत्य करके दुराचार करता है,
  3. किसी भी सीवेज काम के सम्बन्ध में कृत्य करके दुराचार करता है,
  4. किसी भी खदान या कारखाने के सम्बन्ध में कृत्य  करके दूरचार करता है,
  5. सार्वजानिक परिवहन या टेली संचार के किसी भ्ही साधन या कनेक्शन में उपयोग में किये गए किसी भी भवन या स्थापना या अन्य सम्पति के सम्बन्ध में कृत्य करके दूरचार करता है।  
उपरोक्त कृत्य करके दुराचार करने पर किसी ऐसे शब्द के लिए कठोर कारावास की सजा दी जाएगी जो 6 माह से कम नहीं होगी लेकिन जो 5 साल और जुर्माने के साथ बढ़ सकती है।  

बशर्ते कि  न्यायालय अपने निर्णय में दर्ज किये जाने वाले कारणों के लिए 6 माह से कम अवधि के कारावास की सजा दे सकती है।  

3.सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने पर सजा कितने साल की होती है ?

सार्वजानिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 उपधारा 1 के तहत जो कोई भी उपधारा 2 के तहत जो कोई भी सार्वजानिक संपत्ति के सम्बन्ध में कोई कार्य करके शरारत करता है , उल्लिखित प्रकृति की सार्वजानिक संपत्ति के अलावा किसी भी सार्वजानिक सम्पति के सम्बन्ध में कोई भी कृत्य करके दुराचार करता है , उसे 5 साल तक की सजा और जुर्माने के साथ कारावास की सजा हो सकती है।  

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