lawyerguruji

वे दंडादेश जो उच्च न्यायालय या सेशन न्यायाधीश दे सकेंगे ?

www.lawyerguruji.com

नमस्कार मित्रों, 

आज के इस लेख में हम जानेंगे भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 28 - जो दंडादेश के सम्बन्ध में प्रावधना करती है , कि कौन सी न्यायालय कौन से अपराध के सम्बन्ध में दंडित किये जाने का आदेश दे सकती है ?  उच्च न्यायालय और सेशन न्यायाधीश क्या दंड दे सकते है ? 

जो कोई भी व्यक्ति ऐसे कार्य या लोप कारित करेगा करेगा , जो विधि द्वारा प्रतिषिद्ध , वह व्यक्ति विधि के उपबंधों के अधीन दण्डित किया जायेगा।  जब किसी व्यक्ति पर किसी अवैध , प्रतिषिद्ध कार्य के किये जाने का आरोप लगता है , तो ऐसे आरोप का विचारण और निर्धारण न्यायालय द्वारा किया जाता है। ये न्यायालय अपने-अपने क्षेत्राधिकार के भीतर रह रहकर दण्डादेश पारित करते है।  

इसको विस्तार समझे --  

 
sentence which high court and session judge may pass



वे दंडादेश जो उच्च न्यायालय या सेशन न्यायाधीश दे सकेंगे ?  

भारतीय दंड संहिता 1860 , की धारा 28 उन दण्डादेश का प्रावधान करती है, जो उच्च न्यायालय और सेशन न्यायाधीश दे सकता है :-

1. धारा 28 उपधारा 1 के तहत उच्च न्यायालय विधि द्वारा प्राधिकृत कोई भी दण्डादेश दे सकता है। 

2.धारा 28 उपधारा 2 सेशन न्यायाधीश या अपर सेशन न्यायाधीश विधि द्वारा प्राधिकृत कोई भी दण्डादेश दे सकता है ,किन्तु सेशन न्यायाधीश या अपर सेशन न्यायाधीश के द्वारा दिए गए मृत्यु दण्ड के दंडादेश के उच्च न्यायालय द्वारा पुष्टि की जाने की आवश्यकता होगी। 

3. धारा 28 उपधारा 3 सहायक सेशन मृत्यु दंड या आजीवन कारावास या दस वर्ष से अधिक की अवधि के लिए कारावास के दण्डादेश के सिवाए कोईऐसा दंडादेश दे सकता है जो विधि द्वारा प्राधिकृत है।  

No comments:

lawyer guruji ब्लॉग में आने के लिए और यहाँ पर दिए गए लेख को पढ़ने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद, यदि आपके मन किसी भी प्रकार उचित सवाल है जिसका आप जवाब जानना चाह रहे है, तो यह आप कमेंट बॉक्स में लिख कर पूछ सकते है।

नोट:- लिंक, यूआरएल और आदि साझा करने के लिए ही टिप्पणी न करें।

Powered by Blogger.