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कृषिक भूमि को गैर कृषिक प्रयोजन औद्योगिक वाणिज्यिक या आवासीय उपयोग हेतु घोषित कैसे कराये ? sec 80 uttar pradesh revenue code 2006

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नमस्कार मित्रों,

आज के इस लेख में जानेंगे कि कृषिक भूमि को गैर कृषिक प्रयोजन औद्योगिक, वाणिज्यिक या आवासीय उपयोग हेतु घोषित कैसे कराये ? या खेती की भूमि को खेती के कार्य से अलग कार्य के लिए उस खेती की भूमि का उपयोग हेतु घोषित कैसे करे ?

प्रत्येक भूखंड प्रारंभिक दशा में कृषिक भूखंड से ही ज्ञात व् प्रदर्शित होता है, उसके उपयोग से उस भूखंड के रूप का ज्ञान होता है, कि वह भूखंड कृषिक, औद्योगिक, वाणिज्यिक या आवसीय है। 

कृषिक भूखंड का उपयोग केवल कृषिक सम्बन्धी कार्यो के लिए ही किया जायेगा अन्य कार्य के लिए ऐसे प्रत्येक कृषिक भूखंड  या उसके भाग को अकृषिक घोषित करवाना होगा। किसी कृषिक भूखंड को अकृषिक घोषित करवाने के बाद उस भूखंड का संक्रमणीय अधिकार वाला भूमिधर ऐसे भूखंड का उपयोग औद्योगिक, वाणिज्यिक या आवासीय के लिए उपयोग कर सकेगा। 

ऐसे में आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे कि :-
  1. कृषिक भूमि को अकृषिक कैसे घोषित कराये ?
  2. कृषिक भूमि को अकृषिक घोषित होने में कितने का समय लगता है ?
  3. कृषिक भूमि को अकृषिक घोषित करवाने के सम्बन्ध में दिया गया प्रार्थना अस्वीकृत होने पर क्या होगा ?
  4. कृषिक भूमि को अकृषिक घोषित करवाने के सम्बन्ध में सह भू धृत धारक (सह-भूमिधर ) द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र निर्णय कैसे होगा ?
  5. यदि कोई प्रभावित पक्षकार कृषिक भूमि के अकृषिक घोषित किये जाने की घोषणा के विरुद्ध आपत्ति कहाँ प्रस्तुत करेगा ?  
कृषिक भूमि को आद्योगिक, वाणिज्यिक या आवासीय उपयोग हेतु परिवर्तन कैसे कराये ?


1.कृषिक भूमि को अकृषिक प्रयोजन के लिए घोषित कैसे कराये ?

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 80 औद्योगिक वाणिज्यिक या आवासीय प्रयोजन के लिए जोत के उपयोग के सम्बन्ध में प्रावधान करता है।  धारा 80 उपधारा 1 के तहत जहाँ संक्रमणीय अधिकारों वाला कोई भूमिधर ,अपनी जोत (कृषिक भूमि ) या उसके आंशिक भाग का उपयोग औद्योगिक , वाणिज्यिक या आवासीय प्रयोजन के लिए करता है, वहाँ उपजिलाधिकारी स्वप्रेरणा से या ऐसे भूमिधर द्वारा आवेदन किये जाने पर ऐसी निर्धारित जाँच करने के बाद या तो कोई घोषणा कर सकता है कि उक्त भूमि का प्रयोग कृषि कार्य से अलग प्रयोजन (उपयोग )के लिए किया जा रहा है या कृषिक भूमि को अकृषिक घोषित करवाने के सम्बन्ध में दिए गए प्रार्थना पत्र को उपजिलाधिकारी अस्वीकृत कर सकता है।  

2.कृषिक भूमि को अकृषिक घोषित होने के लिए प्रस्तुत आवेदन पत्र पर निर्णय कितने दिनों में होगा ? 
 
उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता  2006 की धारा 80 उपधारा 1 के तहत संक्रमणीय भूमिधर के द्वारा अपनी जोत या उसके किसी आंशिक भाग को अकृषिक घोषित करवाने के सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किये गए प्रार्थना पत्र का विनिश्चय उपजिलाधिकारी द्वारा आवेदन पत्र प्राप्त किये जाने की तिथि से 45 दिनों के भीतर करेगा। 

3.कृषिक भुमि को अकृषिक घोषित करवाने के सम्बन्ध में दिया गया प्रार्थना पत्र अस्वीकृत हो गया तो ?

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 80 उपधारा 1 के संक्रमणीय भूमिधर के द्वारा अपनी जोत या उसके किसी आंशिक भाग  को अकृषिक घोषित करवाने के सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किये गए प्रार्थना पत्र यदि उपजिलाधिकारी द्वारा अस्वीकृत कर दिया जाता है तो उपजिलाधिकारी ऐसी अस्वीकृत के लिखित कारणों को उल्लिखित करेगा और आवेदन को अपने विनिशय ( निर्णय ) की सूचना देगा। 

4.कृषिक भूमि को अकृषिक घोषित करवाने के सम्बन्ध में सह -भू -धृत ( सह -भूमिधर ) द्वारा दिए प्रार्थना पत्र पर निर्णय कैसे होगा ?

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 80 उपधारा 1 के परन्तुक के अंतर्गत यदि कृषिक भूमि को अकृषिक घोषित करने ने के सम्बन्ध उपजिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किये गए आवेदन पत्र के साथ निर्धारित शुल्क संलग्न हो तथा संयुत्क जोत होने के मामले में सह भू धृत धारकों ( सह -भूमिधर ) की अनापत्ति सह भू धृत धारक होने की स्तिथि में संलग्न हो यानी कृषिक भूमि के अकृषिक घोषित करवाने के सम्बन्ध में किसी प्रकार की लिखित अनापत्ति प्रार्थना पत्र  उपजिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किये जाने पर और यदि उपजिलाधिकारी द्वारा ऐसे प्रार्थना पत्र प्राप्त होने के 45 दिनों के भीतर घोषणा नहीं की जाती है तो कृषिक भूमि अकृषिक घोषित की जाने की घोषणा समझी जाएगी और तहसीलदार उपजिलाधिकारी के आदेश के अध्यधीन टिपण्णी सहित राजस्व अभिलेखों में अभिलिखित करेगा।  

5. यदि कोई प्रभावित पक्षकार कृषिक भूमि के अकृषिक घोषित किये जाने की घोषणा के विरुद्ध आपत्ति प्रस्तुत करना चाहता है तो क्या करे ? 

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 80 उपधारा 1 के तहत कृषिक भूमि को अकृषिक घोषित करवाने के सम्बन्ध में दिए गए प्रार्थना पत्र पर घोषणा हो जाने पर यदि कोई प्रभावित पक्षकार उक्त घोषणा के सम्बन्ध में कोई आपत्ति दाखिल करना चाहे, तो वह सक्षम न्यायालय में आपत्ति दाखिल कर सकता है।  

1 comment:

  1. is there any online process for convert agricultural land to residential or commercial? and what charges levy on this process sir please guide me.

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