नमस्कार मित्रों ,
आज के इस लेख में हम जानेंगे कि " उपासना स्थल (विशेष उपबंध ) अधिनियम 1991 क्या है ? जो कि धार्मिक स्थलों से सम्बंधित प्रावधानों का उल्लेख करता है ?
उपासना स्थल विशेष उपबंध अधिनियम 1991, को लेकर आपके मन में कई तरह के सवाल उठ रहे होंगे जैसे कि :-
- उपासना स्थल क्या है ?
- उपासना स्थल (विशेष उपबंध ) अधिनियम क्या है ?
- क्या कोई उपासना स्थल का परिवर्तन कर सकता है ?
- उपासना स्थल विशेष उपबंध अधिनियम के प्रावधानों के उललंघन पर सजा क्या होगी ?
इन सभ सवालों के जवाब विस्तार से जाने।
1.उपासना स्थल क्या है ?
सामान्य बोल चाल भाषा में उपासना स्थल का अर्थ है , एक ऐसा पवित्र स्थान जहाँ पर अलग -अलग धर्म के व्यक्ति अपने -अपने धर्म की उपासना अपने -अपने विधि विधान से किया करते है।
कानून के अनुसार उपासना स्थल को , उपासना स्थल (विशेष उपबंध ) अधिनियम 1991 की धारा 2 ग में परिभाषित किया गया है। जिसके अंतर्गत उपासना स्थल से कोई मन्दिर , मस्जिद , गुरुद्वारा , गिरजाघर, मठ या धार्मिक संप्रदाय या उसके अनुभाग का , चाहे वह किसी नाम से ज्ञात हो , लोक धार्मिक उपासना का कोई अन्य स्थल अभिप्रेत है।
2. उपासना स्थल (विशेष उपबंध ) अधिनियम 1991 क्या है ?
उपासना स्थल विशेष उपबंध) अधिनियम 1991 , उपासना स्थल से सम्बंधित प्रावधान करता है जैसे कि :-
- उपासना स्थल के मौजूदा स्वरुप के संपरिवर्तन को प्रतिषिद्ध करने का प्रावधान करता है,
- 15 अगस्त 1947 को उपासना का स्थल जैसे विद्यमान है वैसे ही उस किसी उपासना स्थल के धार्मिक स्वरुप को बनाये रखने का प्रावधान करता है जैसे वो पहले था।
- अधिनियम के उपबंधों के उललंघन पर दण्डित किये जाने का प्रावधान किया है।
3. क्या कोई उपासना स्थल का परिवर्तन कर सकता है ?
उपासना स्थल (विशेष उपबंध ) अधिनियम 1991 की धारा 3 उपासना स्थलों के संपरिवर्तन का वर्जन करती है, यह संपरिवर्तन को प्रतिषिद्ध करती है। धारा 3 के तहत कोई भी व्यक्ति किसी धार्मिक संप्रदाय या उसके किसी अनुभाग के किसी उपासना स्थल का उसी धार्मिक संप्रदाय से अलग अनुभाग के या किसी अलग धार्मिक संप्रदाय या उसके किसी अनुभाग के उपासना स्थल में संपरिवर्तन नहीं करेगा।
3. यदि कोई उपासना स्थल का संपरिवर्तन करेगा, तो उसके खिलाफ क्या कार्यवाही होगी ?
यदि कोई भी व्यक्ति उपासना स्थल का संपरिवर्तन करेगा, तो उपासना स्थल (विशेष उपबंध ) अधिनियम 1991 की धारा 6 दण्डित किया जाएगा।
अधिनियम की धारा 3 उपासना स्थल के संपरिवर्तन का वर्जन करती है, यही कोई भी व्यक्ति इस धारा का उललंघन करेगा तो अधिनियम की धारा 6 के तहत दण्डित किया जाएगा जो कि :-
- धारा 6 उपधारा 1 के तहत जो कोई धारा 3 के उपबंधों का जो की उपासना स्थल के संपरिवर्तन का वर्जन करती है , इस उपबंध उललंघन करेगा , वह 3 वर्ष तक के कारावास से और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
- धारा 6 उपधारा 2 के तहत जो कोई उपधारा 1 के अधीन दंडनीय कोई अपराध करने का प्रत्यन करेगा या ऐसा अपराध कराएगा और ऐसे प्रत्यन में अपराध करने की दिशा में कोई कार्य करेगा वह उस अपराध के लिए उपबंधित दंड से दंडनीय होगा।
- धारा 6 उपधारा 3 के तहत जो कोई उपधारा 1 के अधीन दंडनीय किसी अपराध का दुष्प्रेरण करेगा या उसे करने आपराधिक षड्यंत्र का पक्षकार होगा चाहे ऐसा अपराध ऐसी दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप या आपराधिक षड्यंत्र के अनुसरण में किया गया हो या न किया गया हो , भारतीय दंड संहिता की धारा 116 में किसी बात के होते हुए अपराध के लिए उपबंधित दान से दंडनीय होगा।
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