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SCST एक्ट की धारा 3 की उपधारा (i)( r)( s) क्या कहती है और सजा का प्रावधान क्या है ?

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नमस्कार मित्रों,

आज के इस लेख में आप सभी को "SCST एक्ट की धारा 3 की उपधारा (i)(r)(s) " के बारे में बताने जा रहा हूँ। scst अधिनियम यानी अनुसूचित जाती -जनजाति पर होने वाले अत्याचार की रोकथाम व् निवारण के लिए कार्य करना। इससे सम्बंधित होने वाले अपराधों के लिए सजा का प्रावधान करना, ताकि भविष्य में ऐसा कोई अपराध कारित करने की न सोचे न ही प्रयास करे। 

उपरोक्त धाराओं के बारे में विस्तार से जानेगे। 

scst act sec 3 subsec (i),(r),(s) SCST एक्ट की धारा 3 की उपधारा (i)( r)( s) क्या कहती है और सजा का प्रावधान क्या है ?


SCST एक्ट क्या है ?

SCST एक्ट यानी अनुसूचित जाति -जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, जिसका मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति -जनजाति के सदस्यों पर होने वाले मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक किसी भी प्रकार के अत्याचार की रोकथाम करना और ऐसे अत्याचार करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही कर दण्डित किये जाने का प्रावधान किया गया है।  

अधिनियम के तहत जो कोई व्यक्ति अनुसूचितजाति -जनजाति का सदस्य नहीं है, वह व्यक्ति किसी भी अनुसूचितजाति -जनजाति के किसी भी सदस्य के साथ अधिनियम के अधीन अपराधों को करते हुए पाया जाता है या अधिनियम के अधीन अपराधों में दोषी पाया जाता है, तो कारावास की सजा से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। 

अधिनियम की उन मुख्य धाराओं में से उनके बारे में जानेगे जिनका जिक्र अधिकतर होता है, इन धाराओं पर कार्यवाही भी अधिक होती है। 

SCST एक्ट की धारा 3 की उपधारा (i)( r)( s) क्या कहती है और सजा का प्रावधान क्या है ? 

SCST एक्ट की धारा 3 उपधारा (i)  के तहत जो कोई व्यक्ति अनुसूचित जाती -जनजाति का सदस्य नहीं है, वह व्यक्ति अनुसूचितजाति -जनजाति के किसी भी सदस्य से मानव शव या पशु शव को निपटाने के लिए या कब्र खोदने के लिए मजबूर करेगा, तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को कम से कम 6 माह तक अधिकतम 5 वर्ष तक कारावास की सजा से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। 

SCST एक्ट की धारा 3 उपधारा (r) के तहत जो कोई व्यक्ति अनुसूचितजाति -जनजाति का सदस्य नहीं है, वह व्यक्ति अनुसूचितजाति -जनजाति के किसी भी सदस्य को सार्वजानिक रूप से किसी भी स्थान पर अपमानित करने के इरादे से जानबूझकर अपमानित करता या धमकाता है ,तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को कम से कम 6 माह तक अधिकतम 5 वर्ष तक कारावास की सजा से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। 

SCST एक्ट की धारा 3 उपधारा (s) के तहत जो कोई व्यक्ति अनुसूचितजाति -जनजाति का सदस्य नहीं है, वह व्यक्ति अनुसूचितजाति -जनजाति के किसी भी सदस्य को जाति के नाम पर सार्वजानिक रूप से गाली देता है,तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को कम से कम 6 माह तक अधिकतम 5 वर्ष तक कारावास की सजा दण्डित किये जाने का प्रावधान है। 

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