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बैनामा लिखवाते समय विशेष ध्यान दें। बैनामा लिखवाते समय होने वाली गलतियाँ ?

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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में आप सभी को बताने जा रहा हु कि " बैनामा लिखवाते समय क्या ध्यान रहना चाहिए" की कोई भी गलती न हो, जिसके कारण रजिस्ट्री कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ जाते है। 

आप सभी अपने जीवन में कभी न कभी कोई अचल संपत्ति अपनी आवश्यकता के अनुसार अवश्य खरीदेंगे और ऐसे में बैनामा करवाते समय कोई भी गलती न हो उसका विशेष ध्यान देंगे, लेकिन बात आती है की बैनामा लिखवाते समय कौन सी गलती हो जाती है उसी के बारे में विस्तार से जानेंगे। 

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बैनामा लिखवाते समय होने वाली गलतियाँ ?
जब भी आप कोई भी अचल संपत्ति खरीदते है तो ऐसे में वह अमुक संपत्ति आपके नाम खरीदी जाये उसके लिए उस अमुक संपत्ति का बैनामा होना अनिवार्य है। बैनामा में दो पक्षकार यानी एक पक्ष बेचने वाला व् दूसरा पक्ष खरीदने वाला व् दो गवाह होते है। ऐसे बैनामा का रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्टर होना अति अनिवार्य होता है।  

बैनामे लिखे जाते समय होने वाली गलतियां जैसे कि :-
  1. खेत, प्लाट, दुकान, मकान की चौहद्दी। 
  2. खेत प्लाट,दुकान,मकान का क्षेत्रफल। 
  3. बिक्री व् खरीदार के नाम के अक्षरों में। 
  4. बिक्री व् खरीदार के पिता के नाम में गलती। 
  5. संपत्ति के मूल्यांकन में,
  6. संपत्ति पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क के मूल्याङ्कन में। 
  7. अन्य गलतियां जो समय पर मालूम होती है। 
उपरोक्त प्रकार की गलतियॉं न हो उसके क्या करे आज वही जानेंगे। 

बैनामा लिखवाते समय विशेष ध्यान दे। 

1.चौहद्दी - जब भी आप कोई भी अचल संपत्ति ख़रीदे तो संपत्ति की चौहद्दी का विशेष ध्यान देकर बैनामे में सही सही लिखवाएं क्योकि,चौहद्दी किसी भी अचल संपत्ति जैसे कि खेत, प्लाट, दुकान  मकान की उसकी वास्तविक स्थिति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। चौहद्दी यानी किसी भी अचल संपत्ति की चार दिशाएं जो कि पूरब -पश्चिम, उत्तर -दक्षिण दिशाएं।  इन सभी दिशाओं में क्या -क्या स्थित है , उन सभी का विवरण वैसा ही हो जो वहां पर स्थित है। जैसे कि :-
  1. खेत,
  2. प्लाट,
  3. दुकान,
  4. मकान,
  5. ढाबा,
  6. होटल,
  7. मॉल,
  8. सड़क,
  9. नहर,
  10. खड़ण्जा,
  11. आदि। 
2. क्षेत्रफल - बैनामा लिखवाते समय अचल संपत्ति जैसे कि खेत, प्लाट खरीद रहे है, तो खेत्रफल लिखे जाने के समय इसका विशेष ध्यान रखे कि जो क्षेत्रफल खतौनी में लिखा है वही क्षेत्रफल बैनामे में भी लिखा जाये। 

3.नाम - बैनामा लिखे जाने के समय जिस व्यक्ति के नाम अचल संपत्ति ली जा रही है , उस व्यक्ति के नाम के अक्षरों में कोई भी गलती न हो। जो नाम पहचान प्रमाण पत्र जैसे कि आधार कार्ड, मतदाता पहचानपत्र, पैन कार्ड, बैंक पासबुक में लिखा है वही नाम स्पष्ट व् साफ-साफ लिखा जाये। 

4.पिता का नाम - बैनामा लिखे जाते समय जिस व्यक्ति के नाम सम्पति ली जा रही है , यह विशेष ध्यान दे कि पिता के नाम पर पिता का नाम सही व् शुद्ध अक्षरों में लिखा जाये। 

5. संपत्ति का मूल्याङ्कन -बैनामा लिखवाते समय ध्यान रखने वाली एक बात यह भी है कि बैनामे में अमुक संपत्ति का जो मुख्यांकन यानी संपत्ति का मूल्य जो भी हो वह सर्किल रेट व् अन्य रेट की गणना कर लिखा जाये। 
प्रत्येक जिले में भूमि का सर्किल रेट विभिन्न होता है। अब रेट मालूम कैसे करे इसके लिए रजिस्ट्री कार्यालय से या बैनामा लेखक से संपर्क कर मालूम किया जा सकता है। 

अब सर्किल रेट की पीडीऍफ़ बुक भी रजिस्ट्री विभाग की अधिकृत वेबसाइट पर डाउनलोड करने को मिल जाती है। 

6.स्टाम्प शुल्क मूल्याङ्कन - बैनामा लिखवाते समय स्टाम्प शुल्क का मूल्याङ्कन सही व् स्पष्ट होना अत्यंत आवश्यक होता है।  स्टाम्प शुल्क का मूल्याङ्कन भूमि के सर्किल रेट के अनुसार किया जाता है। अब स्टाम्प शुल्क कितना होगा इसकी गणना करने के लिए प्रत्येक जिले में स्टाम्प शुल्क का प्रतिशत भिन्न होता है।  

स्टाम्प शुल्क कितना प्रतिशत लगेगा इसकी जानकारी रजिस्ट्री विभाग के कार्यालय से या बैनामा लेखक से संपर्क कर हो जाएगी। 

यदि बैनामा में कोई गलती हो जाती है तो वह सही कैसे होगी ?

इस सवाल का जवाब हम अगले लेख में आपको विस्तार से समझायेंगे। 

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