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खाद्य व्यवसाय कैसे शुरू करे इससे सम्बंधित कानून क्या है ?

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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में आप सभी को " खाद्य सामग्री व् पदार्थ से सम्बंधित कानून व् खाद्य व्यवसाय कैसे शुरू करे इससे सम्बंधित कानून क्या है " के बारे में बताने जा रहा हु। आप सभी होटल, दुकान, फ़ूड स्टाल व् अन्य खाद्य व् पदार्थ की दुकानों से उनमे बने खाद्य सामग्री व् पदार्थ को खाना व् पीना पसंद करते है। ऐसा इस लिए कि बाहर दुकान व् होटल में मिलने वाली हर एक खाद्य सामग्री व् पेय पदार्थ को घर पर रोज बना पाना सम्भव नहीं है। 

तो ऐसे में हम जब भी बाहर कोई भी खाद्य सामग्री व् पेय पदार्थ सेवन करे तो यह भी देखे की क्या वह खाद्य सामग्री व् पेय पदार्थ हमारे स्वस्थ्य के लिए सुरक्षित है या नहीं। मनुष्य की सेहत ही उसका सबसे बड़ा खजाना है। 

खाद्य सामग्री व् पदार्थ से संबंधित कानून के बारे में विस्तार से जाने। 

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भारत में खाद्य सामग्री व् पदार्थों की सुरक्षा के लिए " खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006, पारित किया गया। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य खाद्य सामग्री व् पेय पदार्थ को सुरक्षित करना व् इनकी मानकता को बनाये रखना है। अधिनियम के तहत किसी भी नियम, प्रावधान व् आदेश के उलंघन पर दण्डित किये जाने का भी प्रावधान किया गया है। 

1. खाद्य कारबार का पंजीकृत होना व् लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है  - 
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 31 के अनुसार जहाँ कोई भी व्यक्ति जो खाद्य सामग्री से सम्बंधित किसी भी प्रकार का कोई भी कारोबार का सञ्चालन करने वाला है, तो ऐसे खाद्य कारोबार के सञ्चालन का प्रारम्भ करने से पहले अपने खाद्य कारबार को अपने राज्य के खाद्य प्राधिकरण कार्यालय के समक्ष निर्धारित फॉर्म और फीस को भर कर पंजीकरण व् लाइसेंस प्राप्त के लिए आवेदन करना होगा, पंजीकृत होने व् लाइसेंस प्राप्ति के बाद खाद्य कारबार प्रारम्भ कर सकेगा।   

2. खाद्य कारबार के संचालन के लिए पंजीकरण व् लाइसेंस प्राप्ति आवेदन की प्राप्ति पर अभिहित प्राधिकारी लाइसेंस प्रदान कर सकेगा या इंकार कर सकेगा। जहाँ अभिहित अधिकारी लाइसेंस प्रदान करने से इंकार करेगा, वहां पर आवेदक को सुनवाई का अवसर दिया जायेगा उसके बाद उन कारणों को जो होंगे लिखा जायेगा जिनके आधार पर लाइसेंस प्रदान करने के लिए इंकार किया गया है । यदि अभिहित प्राधिकारी को यह समाधान हो जाता है कि आवेदक को लाइसेंस प्रदान न करना लोक स्वास्थय हित में है तो ऐसे आदेश की एक प्रति आवेदक को दी जाएगी। 

3. जहाँ खाद्य कारबार के संचालन के लिए किये गए आवेदन को अभिहित अधिकारी द्वारा ख़ारिज कर आदेश दिया जाता है, वहाँ अधिनियम की धारा 31 उपधारा 8 के तहत ऐसे आवेदन के ख़ारिज होने वाले आदेश के विरुद्ध अपील खाद्य सुरक्षा आयुक्त को की जाएगी। 

2. आवेदन के दो माह के भीतर खाद्य कारबार के लाइसेंस प्राप्त न होने पर ?
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 31 की उपधारा 4 के परन्तुक के अनुसार खाद्य कारबार के सञ्चालन के लिए पंजीकरण व् लाइसेंस प्राप्ति आवेदन किये जाने के दो माह के भीतर खाद्य अधिकारी द्वारा लाइसेंस प्रदान/ जारी नहीं किया जाता या खाद्य कारबार के सञ्चालन के आवेदन को ख़ारिज नहीं किया जाता है तो आवेदक 2 माह की अवधि के बीत जाने के बाद अपना खाद्य कारबार का संचालन प्रारम्भ कर सकेगा।  दो माह की अवधि के भीतर लाइसेंस न जारी हो पाने पर खाद्य कारबार प्रारम्भ की दशा में अभिहित अधिकारी खाद्य कारबार के लिए लाइसेंस जारी करने से इंकार नहीं करेगा लेकिन अभिहित अधिकारी आवश्यक समझता है तो अधिनियम की धारा 32 के अधीन सुधार की सूचना जारी कर सकेगा और ऐसी सूचना जारी करने के सम्बन्ध में प्रक्रियाओं का पालन करेगा। 

अधिनियम की धारा 32 के तहत सुधार की सूचना से क्या मतलब है ?
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत खाद्य सञ्चालन के सम्बन्ध में जारी विनियमों का पालन करना हर एक खाद्य कारबारकर्ता को अनिवार्य है। यदि खाद्य अभिहित अधिकारी के पास यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि किसी भी खाद्य कारबारकर्ता ने अधिनियम के विनियमों का पालन करने में असफल रहा है, जिन्हे यह धारा लागु होती है तो खाद्य अभिहित अधिकारी विनियमों के पालन करने में असफल होने वाले खाद्य कारबारकर्ता को एक सुधार सूचना तामील कर सकेगा।  










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