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पशुओं के प्रति क्रूरता का व्यवहार करने पर दंड का प्रावधान क्या है ?

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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में आप सभी को "पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960", की धारा 11- पशुओं के प्रति क्रूरता का व्यवहार करने पर आर्थिक दंड व् कारावास के दंड सम्बंधित प्रावधान के बारे में विस्तार से बताने वाला हूँ।  

पशुओं पर लगातार होते दुर व्यव्हार, अत्याचार व् क्रूरता के मामले बढ़ते हुए देख इन सभी की सुरक्षा को ध्यान में रखते सरकार द्वारा एक कानून पारित किया गया जो कि पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960, के नाम से जाना जाता है।  इस अधिनियम में पशुओं की सुरक्षा व् क्रूरता निवारण सम्बन्धी कई प्रावधान बनाये गए है। आइये इन्ही प्रावधानों को विस्तार से समझे। 


punishment for animal cruelty and killing in India, पशुओं के प्रति क्रूरता का व्यवहार करने पर दंड का प्रावधान क्या है ?

1.पशुओं के प्रति कैसी क्रूरता का व्यवहार करने पर दंड का प्रावधान है ?


पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 के तहत यदि कोई भी व्यक्ति पशुओं के प्रति क्रूरता का व्यव्हार करेगा जैसे कि :-
  1.  किसी पशु को पिटेगा, ठोकर मारेगा, उस पर अत्यधिक सवारी करेगा, उस पर सवारी करके उसे अत्यधिक हांकेगा यानी दौड़ने या भागने के लिए मजबूर करेगा, उस पर अत्यधिक बोझ लादेगा, उसे यंत्रणा देगा या उसके साथ ऐसे बर्ताव करेगा या करवाएगा जिससे उसे अनावश्यक पीड़ा या यातना होती है, या पशुओं का स्वामी होते हुए किसी पशु के प्रति इस का बर्ताव करने देगा।
  2. किसी कार्य श्रम यानी लेबर वर्क में या किसी अन्य उद्देश्य के लिए किसी पशु को लगाएगा जो अपनी आयु या किसी रोग, अंग दुर्बलता, घाव, फोड़े के कारण अन्यथा किसी अन्य कारण से इस प्रकार काम पर लगाए जाने के योग्य नहीं है, या पशु का स्वामी होते हुए ऐसे किसी अयोग्य पशु को इस प्रकार काम पर लगाए जाने देगा,
  3. किसी पशु को जानबूझकर तथा अनुचित रूप से कोई क्षतिकारक औषधि या क्षतिकारक पदार्थ देगा या किसी पशु को जानबूझकर और अनुचित रूप से ऐसी कोई औषधि या पदार्थ खिलवायेगा या खिलवाने का प्रयास करेगा,
  4. किसी पशु को किसी वाहन में वाहन पर या अन्यथा ऐसे तरीके से या ऐसी स्थिति में भेजेगा या ले जायेगा जिससे कि उसे अनावश्यक पीड़ा या यातना पहुँचती है,
  5. किसी पशु को किसी ऐसे पिंजरे या अन्य पात्र में रखेगा या कैद करेगा, जिसकी ऊंचाई, लम्बाई और चौड़ाई इतनी पर्याप्त न हो कि उसमे कैद पशु को हिल डुल सकने का उचित स्थान प्राप्त हो सके,
  6. किसी पशु को अनुचित रूप से छोटी या अनुचित रूप से भारी किसी जंजीर या रस्सी में किसी अनुचित समय तक के लिए बांधकर रखेगा,
  7. किसी पशु का स्वामी होते हुए किसी कुत्ते को, जो अभ्यासतः जंजीर में बंधा रहता है या बंद रखा जाता है, उचित रूप से व्यायाम करने या करवाने की उपेक्षा करेगा,
  8. किसी पशु का स्वामी होते हुए ऐसे पशु को पर्याप्त खाना, जल या रहने के लिए जगह नहीं देगा, 
  9. किसी पशु को उचित कारण के बिना किसी ऐसी परिस्थिति में छोड़ेगा जिससे यह संभव हो कि भुखमरी या प्यास के कारण पीड़ा पहुंचे ,
  10. किसी ऐसे पशु को, जिसका वह स्वामी है, जानबूझकर किसी मार्ग/सड़क  पर छोड़ कर घूमने देगा जब कि वह पशु किसी छुआछूत या संक्रमण रोग से ग्रस्त है या किसी रोगग्रस्त या विकलांग पशु को जिसका वह स्वामी है, उचित कारण के बिना, किसी मार्ग / सड़क में मर जाने देगा,
  11. किसी ऐसे पशु को बेचने के लिए प्रस्तुत करेगा या बिना किसी उचित कारण के अपने कब्जे में रखेगा, जो अंगविच्छेद, भुखमरी, प्यास, अतिभरण यानी अत्यधिक भार या अन्य दुर्व्यवहार के कारण पीड़ाग्रस्त हो,
  12. किसी पशु का उसके शरीर से उसके अंग को अलग करेगा या किसी पशु को जिसके अंतर्गत आवारा कुत्ते भी है, इनके ह्रदय में स्ट्रिकनीन अन्तः क्षेपण की पद्धति का उपयोग करके या अन्य अनावश्यक क्रूरढंग से मर डालेगा,
  13. केवल मनोरंजन करने के उद्देश्य से,
  14. किसी पशु को इस तरह से कैद करेगा या करायेगा जिसके अंतर्गत किसी पशु का किसी बाघ या अन्य पशु वन में चारे के रूप में बांधा जाना है कि वह किसी अन्य पशु का शिकार बन जाये।  '
  15. किसी पशु को किसी अन्य पशु के साथ लड़ने के लिए या उसे सताने के उकसायेा,
  16. पशुओं की लड़ाई के लिए या पशुओं को सताने के लिए किसी स्थान को सुव्यवस्थित करेगा, बनाये रखेगा उसका उपयोग करेगा या उसके प्रबंध के लिए कोई कार्य करेगा या किसी स्थान को इस प्रकार कार्य के लिए उपयोग में लाने देगा, या परमिट या प्रस्ताव देगा या ऐसे किसी उद्देश्य के लिए रखे गए या उपयोग लाये गए  किसी थान में किसी अन्य व्यक्ति के प्रवेश के लिए धन प्राप्त करेगा,
  17. गोली चलाने या निशानेबाजी के किसी मैच या प्रतियोगिता को बढ़ावा देगा या उसमे भाग लेगा जहाँ पशुओं को बंधे हुए ऐसे हालत में इसलिए छोड़ दिया जाता है कि उन पर चलाई जाये या उन्हें निशाना बनाया जाये। 
जो कोई भी व्यक्ति उपरोक्त सभी प्रकार की क्रूरता व् दुर्व्यवहार में से कोई भी करता है तो पहली बार अपराध करने की दशा में, दोषी व्यक्ति को 10 रु व् अधिक 50 रु के जुर्माने से दण्डित किया जायेगा। दूसरी बार अपराध  किये जाने पर ,जो की पहले अपराध किये जाने के तीन वर्ष की अवधि के भीतर किया जाता है, तो कम से कम 25 रु अधिकतम 100 रु तक जुर्माने या 3 महीने तक कारावास की सजा या दोनों से दण्डित किया जायेगा।    
 

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