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नमस्कार मित्रों,
आज का यह लेख खासकर उन
विधि के छात्रों और वकीलों के लिए है,
जो विधिक क्षेत्र में सरकारी नौकरी की तलाश में लगे रहते है। इस लेख में आज
में बात करूँगा "
APO-सहायक अभियोजन अधिकारी (Assistance Prosecution Officer)
के पद के बारे में।
सहायक अभियोजक अधिकारी के पद के बारे में सुनकर आपके मन में कई तरह से सवाल उठ
रहे होंगे जैसे कि:-
-
क्या है APO- सहायक अभियोजक अधिकारी ?
-
सहायक अभियोजक अधिकारी बनने के लिए क्या करना होगा ?
-
सहायक अभियोजक अधिकारी बनने के लिए कोई परीक्षा देनी होगी ?
-
क्या इसके लिए किसी परीक्षा को देना जरुरी है
?
-
यदि सहायक अभियोजक अधिकारी के पद के लिए परीक्षा देनी होगी तो पाठ्क्रम
क्या है ?
तो चलिए आपके इन्ही सवालो के जवाबो को अधिक विस्तार से जाने, ताकि आपको सहायक
अभियोजक अधिकारी बारे में अच्छे से व् पूर्णरूप से जानकारी हो जाये।
1. क्या है APO - सहायक अभियोजक अधिकारी ?
APO-सहायक अभियोजक अधिकारी न्यायालय का वह अधिवक्ता होता है जो कि सरकार की तरफ
से उनके मुकदमो की पैरवी करते है। भारत में न्याय व्यवस्था पर सबको विश्वास है जो कोई भी व्यक्ति व्यथित होता है वह न्यायालय की शरण लेता है ताकि उसे उचित न्याय मिले और न्यायालय पक्षपात किये बिना न्याय प्रदान करते है।
देश में न्यायालय को उसके क्षेत्राधिकार के आधार में 3 भागो में विभाजित किया गया है जो कि :-
- सर्वोचत्म न्यायालय - इसका क्षेत्राधिकार सम्पूर्ण भारत की सीमा में होता है।
- उच्चतम न्यायालय - इसका क्षेत्राधिकार राज्य की सीमा तक होता है।
- जिला एवं सत्र न्यायालय - इसका क्षेत्राधिकार अपने जिले की सीमाओं तक ही होता है।
इन सभी प्रत्येक न्यायालयों में सरकार के मुकदमो की पैरवी करने के लिए किसी न किसी व्यक्ति की सरकार को आवश्यकता होती है, जिसके लिए वह अधिवक्ताओं को नियुक्त करती है। अधिवक्ताओं की नियुक्ति अनुभव व् परीक्षा के आधार पर होती है।
2. सरकार की तरफ से उनके मुकदमो की पैरवी करने वाले अधिवक्तओं को किन किन नामो से जाना जाता है ?
सरकार की ओर से न्यायालय में पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं को उसके न्यायालय की श्रेणी के आधार पर निम्न नामो से जाना जाता है ?
- उच्चतम न्यायालय - महान्यायवादी।
- उच्तम न्यायालय - महाधिवक्ता।
- जिला सत्र न्यायालय - सहायक अभियोजक अधिकारी।
3. सहायक अभियोजक अधिकारी कैसे बने ?
सहायक अभियोजक अधिकारी बनने के लिए व्यक्ति का मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय
से एल० एल० बी० पास होना अनिवार्य है। सरकार द्वारा इस पद नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित की जाती हो। जिसमे LLB पास छात्र और वे जिन्होंने बार कौंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण करा रखा है। इस पद के लिए आवेदन कर सकते है।
4. परीक्षा के आधार सहायक अभियोजक अधिकारी बनने के लिए योग्यता क्या
होती है ?
सहायक अभियोजक अधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिए सरकार द्वारा कुछ योग्यताओं को
निर्धारित किया गया है, इस पद पर नियुक्ति के व्यक्ति के इन निम्न योग्यताओं पर
खरा उतरना होगा जैसे कि :-
- अभ्यर्थी का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है।
-
अभ्यर्थी का मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से एल० एल० बी० पास होना
अनिवार्य है।
-
अभ्यर्थी की आवेदन के समय आयु कम से कम 21वर्ष पूर्ण होनी चाहिए
व् 40 वर्ष से अधिक नहीं।
-
दिव्यांगजन अभ्यर्थी की अधिकतम उम्र 55 वर्ष निर्धारित की गयी
है।
5 .परीक्षा के आधार पर सहायक अभियोजक अधिकारी का चयन कैसे होता है ?
उत्तर प्रदेश में परीक्षा के आधार पर सहायक अभियोजक अधिकारी के चयन की प्रक्रिया को मूलतः तीन
भागों में विभाजित किया गया है जो की निम्न प्रकार से है :-
-
प्रारंभिक परीक्षा जो कि वैकल्पिक प्रश्नो पर आधारित होते है।
- मुख्य परीक्षा जो कि लिखित परीक्षा पर आधारित होती है।
- पर्सनॅलिटी परीक्षा जो कि साक्षात्कार पर आधारित होते है।
6 .सहायक अभियोजक अधिकारी की परीक्षा का पाठ्यक्रम क्या होगा ?
उत्तर प्रदेश में सहायक अभियोजक अधिकारी की परीक्षा का पाठ्यक्रम दो भागो में विभाजित किया गया
है जो कि परीक्षा के आधार पर है :-
- प्रारंभिक परीक्षा पाठ्यक्रम।
- मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम।
1. प्रारंभिक परीक्षा का पाठ्यक्रम।
प्रारंभिक परीक्षा जो कि वैकल्पिक प्रश्नो पर आधारित होती है जहाँ पर 150
प्रश्न दिए होते है, प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होता है। परीक्षा का समय 2 घंटे का होता है। प्रारंभिक परीक्षा के
पाठ्क्रम को 2 भागो में विभाजित किया गया है :-
भाग 1 - सामान्य ज्ञान (50 अंक )
- सामान्य विज्ञान।
- भारत का इतिहास।
- भारतीय राष्ट्रीय अंदोलन।
- वैश्विक भूगोल और जनसँख्या।
- भारतीय राजनीती और अर्थव्यवस्था।
- राष्ट्रीय व् अंतर्राष्ट्रीय स्तर की वर्तमान घटना।
भाग 2 - विधिक ज्ञान (150 अंक )
- भारतीय दंड संहिता।
- दंड प्रक्रिया संहिता।
- भारतीय साक्ष्य अधिनिययम।
- उत्तर प्रदेश पुलिस अधिनियम और विनियम।
2. मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम।
मुख्य परीक्षा जो कि लिखित प्रश्नो पर आधारित होती है। जहाँ पर 4 पेपर होते है जो की प्रत्येक 100 अंको का होता है। परीक्षा का समय 3 घण्टे का होता है।
- सामान्य ज्ञान।
- सामान्य हिंदी। (यहाँ प्रश्न पात्र हाई स्कूल के मानक होगा)
- साक्ष्य कानून।
- आपराधिक कानून और प्रक्रिया।
3. पर्सनालिटी टेस्ट।
पर्सनालिटी टेस्ट जो कि प्रारंभिक परीक्षा व् मुख्य परीक्षा पास कर आये अभ्यर्थी का होता है जिसको साक्षातकार यानी इंटरव्यू कहाँ जाता है।
- इंटरव्यू जो कि 50 अंको का होता है।
- अभ्यर्थी की उपयुक्तता का आकलन उनकी सक्षमता, चरित्र, व्यक्तित्व और शारीरक दक्षता के आधार पर किया जायेगा।
- लिखित परीक्षा में प्राप्त अंको को इंटरव्यू में प्राप्त अंको से जोड़ा जायेगा उसी के आधार पर अभ्यर्थी का चयन किया जायेगा।
The State of U.P. in its counter affidavit has pointed out that the cadre of Prosecuting Officers working in lower district courts in criminal side is wholly different and it cannot include Public Prosecutors who work exclusively on contract basis in the Sessions Courts. Assistant Prosecuting Officers are appointed under Section 25 of the Code of Criminal Procedure. After 1980, the Assistant Prosecuting Officers have been appointed by the State Government through the Public Service Commission, on the basis of competitive written examination and inter- view of Law Graduates. On the other hand Public Prosecutors are appointed in terms of professional contracts under Section 24(4) and 24(5) of the Code of Criminal Procedure. A panel of names of advocates with seven years working experi- ence is prepared by the District Magistrate in consultation with the District & Sessions Judge and sent to Law Depart- ment of the State Government for approval. Public Prosecu- tors are thus appointed by the Law Department of State Government, whereas Assistant Prosecuting Officers are appointed by the Home Department of the State Government as regular Government servants. It has been further submitted in the reply that Assistant Prosecuting Officers are regular Government servants and they get monthly salary and other allowances as admissible to other regular Government serv- ants. The services of Assistant Prosecuting Officers are pensionable, while Public Prosecutors are appointed purely on the basis of contract, on a fixed fees. Assistant Public Prosecuting Officers work under the admin- istrative control of Home Department and Director General (Prosecution) is Head of the Prosecution Department. The work and performance Of Public Prosecutors is assessed by the District Magistrate at the District level and they are controlled by the Law Department of the State Government. It has been further submitted in the reply that the Assistant Prosecuting Officers main work is to prosecutre criminal cases in the lower District Courts i.e. courts of Judicial Magistrates, Chief Judicial Magistrate, Metropolitan Magis- trates, Chief Metropolitan Magistrates, Munsif Magistrates, Executive Magistrates, District Magistrates and special Courts under the Terrorist Act and the Gangster Act. The Assistant Prosecuting Officers also help the Executive Magistrate to conduct the identification of accused in criminal cases and also report on bail applications of the accused. Assistant Prosecuting Officers also check the records of Sessions cases before their committal to Sessions Court and they also deal with the finger print branch and Malkhana of case properties. They are Legal Advisors of the Superintendents of Police in matters pertaining to investi- gation. The Public Prosecutor's main work is to prosecute the criminal cases in the Sessions Courts.
ReplyDeleteNice nalej
ReplyDeleteApo ka from bar council of India ke rigstation k bhar skte h kya
ReplyDeleteगुरु जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteमैं दशरथ मौर्य अधिवक्ता सिविल कोर्ट लखनऊ
कृपया आप हमें यह बताने का कष्ट करें की कौन-कौन से प्रदेश में हिंदी माध्यम से एपीओ का पेपर होता है आप सभी को नमस्कार
इसके लिए आपको सभी प्रदेशों मे जब जब परीक्षा आयोजित होने वाली होती है, महीने पहले जारी नोटिफ़िकेशन मे देखे ।
DeleteL l B कितनी अजूकेसन के बाद किया जा सकता है
ReplyDeleteLLB के लिए कितनी अजूकेसन जरुरी है
ReplyDeleteDear sir
ReplyDeleteMain Anuj Pratap Singh advocate judges court shahjhanpur se hu mujhe English kam aati hai kya main apo post pr apply kr skta hu
अगर आपको लगता है कि आप सवालों के जवाब दे सकते है तो अप्लाई करे ।
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