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मुकदमों की ई -फाइलिंग कैसे करे जाने स्टेप बाय स्टेप फुल गाइड

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नमस्कार मित्रों ,
आज का यह लेख खासकर अधिवक्ताओं / एडवोकेट के लिए है क्योकि आज इस लेख में आप सभी को ई-फाइलिंग कोर्ट केस के बारे में बताने जा रहा हु। हाल ही में न्यायालय द्वारा मुकदमों की ई- फाइलिंग को लेकर निर्देश जारी हुए और कई राज्यों में यह सुविधा चालू भी हो गयी है, इसके माध्यम से प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता अपने राज्य की न्यायालय में मुकदमो की ई-फाइलिंग कर सकेंगे। 

यह ई- फाइलिंग एप्लीकेशन भारत की सर्वोच्च न्यायालय की ई समिति द्वारा जारी की गयी है जिसकी मदद से कानूनी कागजात की ई- फाइलिंग जा सकेगी। ई-फाइलिंग के जरिये सिवल और क्रिमिनल दोनों प्रकार के मामलो से सम्बंधित मुकदमो को सभी उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालयों के समक्ष दायर किया जा सकता है। 
ई-फाइलिंग एप्लीकेशन का उपयोग भारत के किसी भी राज्य की बार कौंसिल में प्रैक्टिस करने के लिए नामांकित किसी भी एडवोकेट द्वारा या किसी पार्टी- इन -पर्सन द्वारा ई-फाइलिंग प्रणाली को अपनाने वाले राज्यों के उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालयों के समक्ष सिविल व् क्रिमिनल सम्बंधित मुकदमों को दर्ज कर सकेंगे।
complete procedure of e filling court cases in district court and high court in India,

मुकदमों की ई -फाइलिंग कैसे करे जाने स्टेप बाय स्टेप फुल गाइड 

 पहला - चरण - 👉 पंजीकरण 

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सबसे पहले तो आपको न्यायालय की अधिकृत वेबसाइट e-filing court  पर जाना होगा और वहाँ आपके मोबाइल या कंप्यूटर पर कुछ इस तरह का एक पेज दिखाई देगा जिसपर आपको अपना राज्य चुनना होगा, हालाँकि अभी यह सुविधा कुछ चुनिंदा राज्यों में शरू हो गयी है आगे यह सभी राज्यों में चालू हो जाएगी। जब आप अपना राज्य चुन लेंगे तो लॉगिन करने के लिए एक नया पेज खुलकर आएगा जिसमे आपको लॉगिन करना होगा, लेकिन उससे पहले आपको पंजीकृत होना होगा। 

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ई - फाइलिंग कोर्ट सुविधा का उपयोग करने के लिए आपका पंजीकृत होना आवश्यक है तभी आप इस सुविधा का इस्तेमाल कर पाएंगे। जब आप अपने राज्य को चुन लेंगे तो उसके बाद एक नया पेज लॉगिन का खुलकर आया उसके निचे आपको " रजिस्ट्रेशन" पर क्लिक करना होगा उसके बाद आपके सामने कुछ ऐसा पेज खुलकर आएगा जिसमे आपको दिए गए  दो विकल्प " एडवोकेट  या पार्टी इन पर्सन " में से एक चुनना होगा और निम्न विवरण दर्ज करना होगा जैसे :-
  1. मोबाइल नंबर,
  2. ई -मेल आई डी,
  3. बार रजिस्ट्रेशन नंबर केवल अधिवक्ताओ को दर्ज करना। 
  4. यूजर आई डी चुनना होगा,
  5. हाई कोर्ट या कोर्ट इन इस्टैब्लिश यानी अधीनस्थ न्यायालय में से एक चुने (अधिवक्ता वह न्यायालय चुनेगे जहाँ वे प्रैक्टिस कर रहे और वहां उनका मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी कोर्ट के सॉफ्टवेयर में पंजीकृत है /  पार्टी इन पर्सन वह न्यायालय चुनेगे जहाँ वे वाद दायर करना चाह रहे है )
  6. कैप्चा को बॉक्स में लिखे फिर GET OTP पर क्लिक करे। 
मोबाइल और ई-मेल वेरिफिकेशन।  
GET OTP पर क्लिक करने के बाद आपके सामने कुछ ऐसा पेज खुलकर आएगा जिसमे आपके द्वारा दर्ज किये गए मोबाइल नंबर पर और ई-मेल पर एक OTP आएगा जिसको आपको दर्ज करना होगा और वैलिडेट OTP पर क्लिक करना होगा। 


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पर्सनल डिटेल। 
OTP वेरीफाई करने के बाद आपके सामने कुछ इस तरह का पेज खुलकर आएगा जिसमे आपको अपने से सम्बंधित विवरण दर्ज करना होगा जैसा इस फॉर्म में माँगा जा रहा है। 

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  1.  पासवर्ड दर्ज करे, एक बात का ध्यान दे जो पासवर्ड आप दर्ज कर रहे है वो केवल आप तक ही रहे,
  2. अपना नाम दर्ज करे,
  3. मोबाइल नंबर दर्ज करे,
  4. जेंडर चुने,
  5. डेट ऑफ़ बर्थ यानी अपनी जन्म तिथि दर्ज करे,
  6. अपना पता दर्ज करे ,
  7. अपना राज्य चुने,
  8. पिनकोड दर्ज करे,
  9.  अपनी फोटो अपलोड करे जिसका साइज 50 kb होना चाहिए,
  10. अपनी आई डी चुने जैसे पहचान पत्र और अपलोड करे जिसका साइज 50 kb होना चाहिये।
  11. कैप्चा दर्ज करे और रजिस्टर पर क्लिक करे। 
एक बार सफलतापूर्वक रजिस्ट्रेशन हों जाने के बाद आप ई-फाइलिंग एप्लीकेशन में अपने ऊसर आई डी और पासवर्ड की मदद से लॉगिन कर पाएंगे। 

नोट :- यदि आप एक पार्टी इन पर्सन है तो आपके द्वारा दर्ज किये गए विवरण और उपलोड किये गए पहचान पत्र के सत्यापन हो जाने पर आपके द्वारा चुने हुए न्यायालय के ई फाइलिंग प्रशासन द्वारा अनुमति के बाद ही लॉगिन कर पाएंगे। 


ई - फाइलिंग करने से पहले ध्यान देने वाली अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी -

ई फाइलिंग केस का फॉर्मेट कैसा होगा ?

  1. ई फाइलिंग के जरिये कानूनी दस्तावेजों को फाइल करने के लिए इन दस्तावेजों को आपको पीडीऍफ़ फॉर्मेट में तैयार करना होगा व् प्रत्येक पेज का साइज 25 mb का ही  मान्य होगा। 
  2.  किसी मामले से सम्बंधित ई फाइलिंग करते वक़्त जो प्रारूप सम्बंधित अदालत के सम्बंधित प्रावधानों व् नियमो का जहाँ तक संभव हो उसका अनुपालन किया जायेगा। 
  3. टाइपिंग का फॉर्मेट रोमन 14 फॉण्ट ही मान्य होगा। 
  4. ई-फाइलिंग में वाद व् वाद  से सम्बंधित जो कानूनी दस्तावेज दाखिल किये जायेंगे कोर्ट की आवश्यकता होने पर उन सभी की हार्ड कॉपी भी दाखिल करनी होगी। 
  5. ई- फाइलिंग केवल वाद से सम्बंधित दस्तावेजों की ही होगी न की ऑडियो व् वीडियो की। 
  6. जो दस्तावेज  ईफाइलिंग के माध्यम से दाखिल होगा उसमे किसी भी तरह का कोई पासवर्ड से लॉक न हो। 

दूसरा चरण - 👉लॉगिन 



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पंजीरकण प्रक्रिया एक बार सफलतापूर्वक हो जाने के बाद आपको अपने यूजर आईडी व् पासवर्ड के साथ  होगा। लॉगिन हो जान पर आपके सामने कुछ ऐसा एक डैशबोर्ड खुलकर आएगा, जिसमे लेफ्ट साइड पर कुछ इसप्रकार से लिखा होगा। 
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जैसे  लेफ्ट साइड में :-
  1. होम,
  2. न्यू केस,
  3. डॉक्यूमेंट,
  4. कोर्ट फीस,
  5. रिपोर्ट,
  6. हेल्प। 
और सेंटर में - 
  1. ई -फाइलिंग स्टेटस,
  2.  पेंडिंग एक्सेप्टेड,
  3. नॉट एक्सेप्टेड,
  4. न्याय शुल्क,
  5. पेंडिंग स्क्रूटिनी,
  6. डिफेक्टिव केस,
  7. ई - फाइल्ड केस,

तीसरा चरण - 👉फाइलिंग न्यू केस। 

डैशबोर्ड में लेफ्ट साइड में दिख रहे " न्यू केस " पर क्लिक करना होगा उसके बाद आपको निम्न विकल्प चुनने होंगे जैसे :-
  1. स्टेट यानी राज्य,
  2. डिस्ट्रिक्ट यानी जिला,
  3. हाई कोर्ट या डिस्ट्रिक्ट कोर्ट,
  4. केस टाइप :-  सिविल या क्रिमिनल 

 चौथा चरण - 👉न्यू केस फाइलिंग फॉर्म। 


1. पिटीशनर फॉर्म / याचिकाकर्ता फॉर्म - पिटीशनर फॉर्म में पिटीशनर यानी वाद दर्ज करने वाले पक्षकार से सम्बंधित मांगे जा रहे विवरण को स्पष्ट रूप व् सटीकता के साथ दर्ज करना होगा,  विवरण दर्ज करने वाले स्थान में जहाँ लाल रंग का छोटा सा सितारा बना होगा वहाँ पर मांगे जा रहे विवरण का दर्ज करना आवश्यक है। 
यदि उपयोगकर्ता एक संगठन है, तो संघटन विवरण (organization detail) पर क्लिक करना होगा और मांगे जा रहे आवश्यक जानकारी को दर्ज करना होगा। याचिकर्ता फॉर्म की  सभी विवरण सही से दर्ज कर देने के बाद सेव बटन पर क्लिक करना होगा।  

2.   ई-फाइलिंग नंबर उपलब्ध हो जाने पर क्लिक सेव बटन पर क्लिक करना होगा उसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुलकर आएगा। 

3. रेस्पोंडेंट विवरण / प्रतिवादी विवरण -  प्रतिवादी विवरण फॉर्म में प्रतिवादी से सम्बंधित सभी आवश्यक विवरण स्पष्ट व् सही से दर्ज करने होंगे।।

4. सबमिट एक्स्ट्रा इनफार्मेशन - यानी नए वाद से सम्बंधित अतिरिक्त जानकारी जो भी याचिकाकर्ता / वादी  और प्रतिवादी से सम्बंधित है उसको " एक्स्ट्रा इनफार्मेशन " वाले टैब में दर्ज करना होगा अतिरिक्त विवरण जैसे 
  1. पासपोर्ट नंबर,
  2. राष्ट्रीयता,
  3. व्यवसाय,
  4. पैन नंबर,
  5. सम्पर्क विवरण - मोबाइल नंबर, पता,
  6. इन सभी विवरण को दर्ज कर देने के बाद सेव बटन पर क्लिक करना होगा। 
5. डिटेल ऑफ़ सबोर्डिनेट कोर्ट / अधीनस्थ न्यायालय का विवरण -  अतिरिक्त विवरण दर्ज करने के बाद आपके सामने अधीनस्थ न्यायालय से सम्बंधित विवरण दर्ज करने के लिए एक नया पेज खुलकर आएगा जिसमे आपको न्यायालय से सम्बंधित सभी आवश्यक विवरण दर्ज करने होंगे और फॉर्म सबमिट करना होगा। विवरण जैसे :-


  1. अधीनस्थ न्यायालय,
  2.  केस रजिस्ट्रेशन नंबर,
  3. टाइप ऑफ़ केस,
  4. केस नंबर / फाइलिंग नंबर,
  5. ईयर ऑफ़ फाइलिंग,
  6. उस न्यायाधीश का नाम जिसने निर्णय पारित करता है जिसे नए वाद में चुनौती दी जा रही है उस वाद के निर्णय की तारीख, सी सी लागु तारीख और सी सी तैयार तारीख। 
नोट :-  सामान्यतः जब आप अपील और रिविज़न या अन्य अपीलीय मामलों से सम्बंधित ई-फाइलिंग करेंगे तब आपको अधीनस्थ न्यायालय से सम्बंधित जानकारी दर्ज करनी होगी। 

6.  एक्ट व् सेक्शन फाइलिंग फॉर्म - अधीनस्थ न्यायालय की जानकारी दर्ज करने के बाद आपके सामने एक नया पेज खुलकर आएगा जिसमे आपको अधिनियम व् धाराओं से सम्बंधित जानकारी करनी होगी और सेव बटन पर क्लिक कर फॉर्म सबमिट करना होगा। 
यदि आप एक या अधिक अधिनियम जोड़ना चाहते है, तो आपको ऐड मोर बटन पर क्लिक करना होगा, यदि किसी अधिनियम को डिलीट करना चाह रहे है तो डिलीट बटन का उपयोग कर डिलीट कर सकते है। 

7. ऐड एक्स्ट्रा पार्टी / अतिरिक्त पक्षकार जोड़े - एक्ट व् सेक्शन से सम्बंधित विवरण दर्ज करने के बाद सेव बटन पर क्लिक करने के बाद अब आपके सामने एक नया पेज खुलकर आएगा जिसमे अतिरिक्त पक्षकार से सम्बंधित विवरण दर्ज करने होंगे होंगे। यहाँ पर पक्षकार से सम्बंधित विवरण दर्ज करने के लिए दो विकल्प मिलंगे जैसे :-
  1. शिकायतकर्ता / याचिकाकर्ता 
  2. अभियुक्त / प्रतिवादी 
इसमें आपको  ई फाइल किये गए वाद के प्रकार के आधार पर चुनना होगा।  यदि सिविल का मामला है तो याचिकाकर्ता और प्रतिवादी चुनना होगा और उनकी जानकारी दर्ज करनी होगी।  यदि क्रिमिनल का मामला है तो शिकायतकर्ता और अभियुक्त चुनना होगा और उनकी जानकारी दर्ज करनी होगी और सेव बटन पर क्लिक कर फॉर्म सबमिट करे। 
अतिरिक्त पक्षकार के जुड़ जाने पर आपके सामने एक मैसेज खुलकर आएगा जिसमे अतिरिक्त पक्षकार को सफलतापूर्वक जोड़ लिया गया है ऐसा लिखा होगा। 

8. अपलोड डॉक्यूमेंट / दस्तावेज अपलोड करे -   नए मामले से सम्बंधित सभी फॉर्म भर देने के बाद अब आपको मामले से सम्बंधित सुसंगत दस्तावेज अपलोड करने होंगे जिसके लिए आपक्को अपलोड डॉक्यूमेंट पर करना होगा। दस्तावेज अपलोड करने से पहले आपको पहले से निम्न तैयारी करनी होगी। 
  1. दस्तावेज सभी पीडीऍफ़ फॉर्मेट में होने चाहिए।
  2. यदि आपके पास  पीडीऍफ़ दस्तावेज में डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करने के लिए टोकन है तो आप उसके जरिये से पीडीऍफ़ दस्तावेज में हस्ताक्षर कर सकते है। 
  3. यदि टोकन नहीं है तो दस्तावेज पर हस्ताक्षर आधार कार्ड ई-हस्ताक्षर प्रक्रिया से कर सकते है। 
  4. जिस प्रकार के दस्तावेज अपलोड करने है ड्राप डाउन मेनू और ब्राउज पर जाकर उस दस्तावेज को चुन कर अपलोड कर सकते है। 
  5. जो दस्तावेज अपलोड किया जायेगा उस दस्तावेज का टाइटल लिखना आवश्यक है।  
दस्तावेजों के सफलतापूर्वक अपलोड हो जाने पर दस्तावेज के नाम से साथ एक लिस्ट आपके सामने दिखने लगेगी, जिसमे आप देख सकेंगे की कौन से दस्तावेज अपलोड किये गए है। 

यदि आप कोई दस्तावेज डिलीट करना चाह रहे लिस्ट से तो डिलीट बटन पर क्लिक कर डिलीट कर सकते है। नोट :- यह केवल अपलोड करते समय व् सेव करने से पहले ही होगा। 

पांचवा चरण - 👉 न्याय शुल्क भुगतान। 

9.  पेय कोर्ट फीस / न्यायालय शुल्क अदा करे -  न्यायालय शुल्क अदा करने के लिए अब आपको पेय एंड रिव्यु कोर्ट फीस पर क्लिक करना जिसमे वाद से सम्बंधित लगनी वाली फीस की लिस्ट आपके सामने आ जाएगी जिस पर आपको अपने वाद से सम्बंधित लगने वाली फीस पर क्लिक करना होगा। न्यायालय शुल्क का भुगतान आप ऑनलाइ नेट बैंकिंग / क्रेडिट कार्ड / डेबिट कार्ड  या भगुतान रसीद की स्कैन कॉपी अपलोड कर सकते है। 

नोट :- भुगतान करते समय पूरी सावधानी बरते। 

10. प्रोसीड तो अफर्मेशन / पुष्टि के लिए आगे बढे -  प्रोसीड अफर्मेशन पर क्लिक कर  अपलोड डॉक्यूमेंट पर क्लिक करना होगा। आवेदक द्वारा ई-हस्ताक्षरित पुष्टि दस्तावेज पीडीऍफ़ और एडवोकेट द्वारा ई-हस्ताक्षरित पुष्टि दस्तावेज पीडीऍफ़  उपलोड हो जायेगा। ई - हस्ताक्षर करने के दो तरीके है पहला आधार कार्ड और डिजिटल टोकन। 

11. OTP  वेलिडेशन / ओ०टी०पी० सत्यापन -जहाँ आपके द्वारा पुष्टि पर ई-हस्ताक्षर के लिए आधार कार्ड  सबमिट किया जायेगा वहाँ आपके आधार कार्ड के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल पर सत्यापन के लिए OTP आएगा जिसे दर्ज कर होगा। सतयापन के लिए सफलतापूर्वक OTP दर्ज हो जाने पर स्क्रीन पर एक मैसेज दिखाई देगा जिस पर "  Affirmation को सफलीतापूर्वक सबमिट किया जाता है " 

12. प्रीव्यू/पूर्वालोकन - OTP सतयापन के बाद आपको प्रीव्यू बटन पर क्लिक करना होगा जिससे आपके द्वारा भरे गए सेव  किये गए नए केस से सम्बंधित सभी फॉर्म दिखने लगेंगे।अब एक -एक कर इन सभी फॉर्म को जाँच ले कही कोई गलती तो नहीं हुआ या कुछ बाकी तो नहीं रह गया आदि चीजे अच्छे से देख व् जाँच ले। 

छठा चरण - 👉 फाइनल सबमिट।   

13.फाइनल सबमिट- प्रीव्यू बटन पर क्लिक कर एक बार अच्छे से सभी फॉर्म की जाँच कर लेने के बाद  केस ई-फाइलिंग के लिए फाइनल सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा। 

यदि किन्ही फॉर्म में पूर्ण जानकारी दर्ज नहीं की गयी है तो एक वार्निंग बटन स्क्रीन के ऊपर राइट साइड पर दिखाई देगा जो की इस बात का सूचक है कि फाइनल सबमिट करने से पहले जनकारी अवश्य दर्ज करे। 


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