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नमस्कार दोस्तों,
आज के इस लेख में आप सभी को स्थायी लोक अदालत के बारे में बताने जा रहा हु कि स्थायी लोक अदालत किस प्रकार के मामलों का निपटारा करती है।
स्थायी लोक अदालत क्या है ?
विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22 बी के अंतर्गत स्थायी लोक अदालत का गठन प्रत्येक जनपद में किया जायेगा। स्थायी लोक अदालत द्वारा जनहित सेवाओं से सम्बंधित विवादों का निस्तारण मुकदमा दायर होने से पहले आपसी सुलह - समझौते के आधार पर किया जायेगा। जनहित सेवाओं से पीड़ित कोई भी व्यक्ति अपने विवादों के निपटारे के लिए स्थायी लोक अदालत में आवेदन कर सकता है।
स्थायी लोक अदालत का अध्यक्ष और सदस्य कौन होता है ?
- स्थायी लोक अदालत में एक अध्यक्ष नियुक्त किया जायेगा जो की एक जिला न्यायाधीश या अतिरिक्त जिला न्यायाधीश या जिला न्यायधीश की तुलना में न्यायिक कार्यालय के उच्च पद का व्यक्ति।
- दो अन्य सस्दय होंगे जिनको जनहित सेवाओं के बारे में अच्छे से पूर्ण अनुभव होगा। इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जा सकती है, जैसा भी मामला हो, केंद्रीय प्राधिकरण की सिफारिश या राज्य सरकार या राज्य प्राधिकरण द्वारा नियुक्त किया जा सकेगा।
स्थायी लोक अदालत में किस प्रकार के जनहित सेवाओं से संबंधित विवादों का निपटारा होता है ?
विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 22 A की उपधारा (a) में जनहित सेवाओं के बारे में बताया गया है जिनसे सम्बंधित विवादों का निपटारा स्थायी लोक अदालत में होता है।
- यातायात सेवाओं से सम्बंधित विवाद।
- डाकघर या टेलीफोन सेवाओं से सम्बंधित विवाद।
- बिजली, प्रकाश या जलसेवा से सम्बंधित विवाद।
- लोक सफाई व् स्वछता प्रणाली से सम्बंधित विवाद।
- अस्पताल या औषद्यालय में सेवाओं से सम्बंधित विवाद।
- बैंकिंग सेवाओं से सम्बंधित विवाद।
- बीमा सेवाओं से सम्बंधित विवाद।
स्थायी लोक अदालत में विवाद का निपटारा कैसे होता है ?
स्थायी लोक अदालत में जनहित सेवाओं से सम्बंधित विवादों का निपटारा पक्षकारों के आपसी सुलह व् समझौते के आधार पर होता है। स्थायी लोक अदालत में विवाद के निपटारे के लिए पक्षकारों के द्वारा आवेदन करने पर सबसे पहले उनके मध्य उत्तपन्न हुए विवाद को आपसी सुलह व् समझौते के आधार पर सुलझाने का पूर्ण प्रयास किया जाता है।
आपसी सुलह व् समझौता हो जाने के बाद स्थायी लोक अदालत द्वारा अवार्ड (निर्णय) पारित किया जाता है और यह अवार्ड (निर्णय) दोनों पक्षों पर बाध्यकारी होता है।
यदि पक्षकारों के मध्य उत्तपन्न हुए विवाद का निस्तारण आपसी सुलह व् समझौते के आधार से नहीं हो पता तो ऐसे में विवाद का निपटारा विवाद के गुण -अवगुण के आधार पर किया जाता है।
स्थायी लोक अदालत के द्वारा दिया जाने वाला निर्णय ?
स्थायी लोक अदालत के द्वारा दिए जाने वाला अवार्ड (निर्णय) सिविल न्यायालय की डिक्री की तरह होता है, जो कि विवाद से सम्बंधित पक्षकरों पर अनिवार्य रूप से लागु कराया जाता है और यह अवार्ड विवाद से सम्बंधित पक्षकारों पर बाध्यकारी होता है।
स्थिति लोक अदालत के अवार्ड के विरुद्ध क्या अपील हो सकती है?
स्थायी लोक अदालत के अवार्ड (निर्णय ) के विरुद्ध किसी भी न्यायालय में अपील नहीं दायर की जा सकती है, ऐसा इसलिए कि विवाद का निपटारा विवाद से सम्बंधित पक्षकरों की आपसी सुलह व् समझौते के आधार पर कियता जाता है।
क्या स्थायी लोक अदालत में अध्यक्ष की अनुपस्थिति में सुनवाई किया जा सकता है ?
ReplyDeleteआप कौन हो इस मामले मे ?
DeleteSir mere pita hi ke nam par KCC h jisame Jamin Bandhak h or paisa JAMA Nahi huaa h or NPA me Aaya h or Jamin hamare 3 logo https://m.facebook.com/groups/155092139697416/permalink/373787151161246/?sfnsn=wiwspwa nam aa gai h bank bale pareshan karate h usame kya ho sakata h plz bataye
ReplyDeleteSir mere pita hi ke nam par KCC h jisame Jamin Bandhak h or paisa JAMA Nahi huaa h or NPA me Aaya h or Jamin hamare 3 logo https://m.facebook.com/groups/155092139697416/permalink/373787151161246/?sfnsn=wiwspwa nam aa gai h bank bale pareshan karate h usame kya ho sakata h plz bataye
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