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रेलवे से सम्बंधित अपराध और इन अपराधों में दी जाने वाली सजा। Crime related to Indian railway and punishment against these crime

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नमस्कार दोसतों,
आज के इस लेख में आप सभी को रेलवे से सम्बंधित अपराध और इन अपराधों में दी जाने वाली सजा के बारे में बताने जा रहा हु। 

जब आपको लम्बी दूरी का सफर करना होता है तो आप अपने सफर को आराम दायक बनाए रखने के लिए रेलवे का टिकट करवाते है। बस और रेलगाड़ी के द्वारा सफर करने में काफी भिन्नता है, जो सुविधा यात्रियों को रेल गाड़ी में मिलती है वह बस में नहीं मिलती है। 

ऐसे में ही कुछ लोग ऐसे भी हो सकते है जिनसे जानकर या अनजान में रेलवे से सम्बंधित अपराध भी हो जाता है। अब अपराध चाहे जानकर किया गया हो या अनजाने में किया गया हो अपराध तो अपराध ही होता है और अपराध को रोकन के लिए दंड का प्रावधान किया गया है ताकि भविष्य में ऐसा अपराध न तो वह व्यक्ति करे और न ही किसी और व्यक्ति के द्वारा किया जाये। 
रेलवे से सम्बंधित अपराध और इन अपराधों में दी जाने वाली सजा। Indian railway crime and punishment against these crime.

भारतीय रेलवे परिवहन इतिहास के अनुसार पहली भारीतय पैसेंजर रेल 16 अप्रैल 1853 को दोपहर 3 बजकर 35 मिनट के करीब बॉम्बे के बोरीबंदर से ठाणे तक के लिए चली जिसमे 14 बोगी थी। इन 14 बोगी में 400 यात्रियों ने सफर किया। बॉम्बे से ठाणे तक का सफर पूरा करने में 1 घंटा 15 मिनट का समय लगा। 

सं 1853 से पैसेंजर रेलवे प्रणाली शुरू हुई और इसके शुरू होने के बाद रेल गाड़ी से सम्बंधित कई तरह के अपराध होने लगे जैसे कि बिना टिकट के यात्रा अदि अब इन अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सन 1989, में भारतीय रेलवे अधिनियम बनाया गया। इस अधिनियम में रेलवे से सम्बंधित अपराधों और इन अपराधों में दी जाने वाली सजा का प्रावधान किया गया। 

भारतीय रेलवे से सम्बंधित अपराध और इन अपराधों में दी जाने वाली सजा। 
भारतीय रेलवे अधिनियम, 1989 के अंतर्गत रेलवे से सम्बंधित अपराधों में दी जाने वाली सजा। 

1. धारा 137 -  धोखे से रेल गाड़ी में यात्रा करने का प्रयास करना या यात्रा करना। अधिनियम की धारा 55 के तहत कोई भी व्यक्ति उचित पास या टिकट के बिना किसी भी रेल गाड़ी में प्रवेश नहीं करेगा यदि कोई भी व्यक्ति अधिनियम की धारा 55 का उल्लंघन करेगा या करता हुआ पाया जाता है या पहले से इस्तेमाल किये गए  सिंगल पास/ सिंगल टिकट दुबारा उपयोग करता है तो ऐसे व्यक्ति को अधिनियम की धारा 137 के तहत दण्डित किया जायेगा। 
दंड - उचित पास या टिकट के बिना किसी रेल में यात्रा करते हुए पकडे जाने पर 6 महीने तक की जेल की सजा या 1000 रूपये आर्थिक जुर्माने से या दोनों से दण्डित किया जायेगा। 

2. धारा 138- उचित पास / टिकट के बिना यात्रा करना। अधिनियम की धारा 54 के तहत रेलवे के अधिकृत सेवक द्वारा उसकी मांग पर यात्रा के दौरान या अंत में परीक्षा के लिए अपना टिकट उस अधिकृत सेवक को दिखाना होगा की वह उचित पास/ टिकट के साथ अपनी यात्रा पूरी कर रहा है, यदि कोई भी व्यक्ति अधिनियम की धारा 54 या अधिनियम की धारा 55 का उल्लंघन करता है तो उसे अधिनियम की धारा 138 के तहत दण्डित किया जायेगा। 
दंड - उचित पास/टिकट के बिना यात्रा करते हुए पकडे जाने पर उस व्यक्ति के द्वारा तय की यात्रा की दुरी का निर्धारित साधारण एक तरफ का किराया या वह व्यक्ति जिस स्टेशन से बैठा जहाँ से रेल छूटी है, वहाँ से तय दूरी  का निर्धारित साधारण एक तरफा किराया तथा अतिरिक्त शुल्क हो की 250 रूपये है अदा करेगा। 

3. धारा 141 -  अनावश्यक रूप से एक रेलगाड़ी में संचार के साधनों के साथ हस्तक्षेप करना।  ( अलार्म चैन खींचना ) .  हर रेलगाड़ी में रेल प्रशासन के द्वारा एक अलार्म चैन की व्यवस्था की गयी है, जो की यात्रियों और रेल के प्रभारी के बीच संचार का साधन है। उचित और पर्याप्त कारण के आधार रेलगाड़ी को रोकने के लिए  पर इस अलार्म चैन को यात्रियों के द्वारा खींचा जा सकता है। 
यदि कोई भी यात्री या कोई अन्य व्यक्ति उचित और पर्याप्त कारण के बिना रेलगाड़ी में मौजूद प्रशासन द्वारा प्रदान किये गए संचार के साधनों का अनुचित उपयोग या हस्तक्षेप करता है जैसे अलार्म चैन को खींचता है, तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को धारा 141 के तहत दण्डित किया जायेगा। 
दंड- अनावश्यक रूप से एक रेलगाड़ी में मौजूद संचार के साधनों के साथ हस्तक्षेप करने पर यानि अलार्म चैन खींचने पर ऐसा करने वाले व्यक्ति को दण्डित किया जायेगा जो की 1 साल तक की जेल की सजा या 1000 रूपये आर्थिक जुर्माना से या दोनों से दण्डित किया जायेगा। 

4. धारा 143- अनधिकृत तरीके से व्यवसाय करना और रेलवे टिकट सप्लाई करना। (दलाली).  यदि कोई भी व्यक्ति, जो रेलवे सेवक या अधिकृत एजेंट नहीं है, उसके द्वारा -
1. रेलवे में खरीद का व्यवसाय किया जाता है,
2. रेल यात्रा के लिए आरक्षित आवास से टिकटों की सप्लाई करता है,
3. ऐसे किसी व्यवसाय से किसी अन्य व्यक्ति की यात्रा के लिए टिकट खरीदना या इसे बेचने का प्रयासकरता है, तो ऐसे व्यक्ति को अधिनियम की धारा 143 से दण्डित किया जायेगा। 
दंड- यदि कोई भी रेलवे सेवक या अधिकृत एजेंट न होकर अनधिकृत तरीके से व्यवसाय करता है या रेलवे टिकट सप्लाई करता है,तो वह व्यक्ति दण्डित किय जायेगा, जो कि ऐसा करते हुए पकडे जाने पर उस व्यक्ति को 3 साल तक की जेल सजा या 10000 रूपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जायेगा। 

5. धारा -144 अनधिकृत हॉकिंग आदि पर प्रतिबन्ध। यदि कोई भी व्यक्ति किसी रेलवे या रेलवे के किसी हिस्से पर किसी कस्टम या हॉकर या बिक्री के लिए प्रचार करता है जो रेलवे प्रशासन द्वारा इस विषय के सम्बन्ध में दिए गए लाइसेंस के नियम व् शर्तो के अलावा ऐसा करता है, तो उस व्यक्ति को अधिनियम की धारा 144 के तहत दण्डित किया जायेगा। 
दंड- अनधिकृत हॉकिंग करते हुए पकडे जाने पर व्यक्ति को एक साल तक की जेल की सजा या कम से कम 1000 रूपये तक जुर्माना या अधिकतम 2000 रूपये तक के जुर्माने से दण्डित किया जाएगा। 

6. धारा 145 -  नशा करना या उपद्रव करना या कचरा फैलाना।  यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी रेलगाड़ी या रेलवे परिसर में या रेलवे की किसी भी हिस्से में वह व्यक्ति -
1. नशा करता है,
2. किसी भी प्रकार का उपद्रव करता है,
3. किसी भी प्रकार का अभद्रता का कार्य करता है,
4. अपमानजनक या अश्लील भाषा का उपयोग करता है,
5. रेलवे प्रशासन के द्वारा प्रदान की गयी किसी भी सुविधा के साथ जानबूझकर हस्तक्षेप कर कसी यात्री की आरामदायक यात्रा को प्रभावित करता है, तो ऐसा करने पर अधिनियम की धारा 145 के तहत दण्डित किया जायेगा। 
दंड-  नशा करना या उपद्रव करना या कचरा फैलाना या अश्लील भाषा का उपयोग करना या किसी यात्री की आरामदायक यात्रा को प्रभावित करते हुए कोई भी व्यक्ति पकड़ा जाता है, तो उस व्यक्ति को रेलवे सेवक के द्वारा रेल से हटाया जा सकता है, उसके पास /टिकट को जब्त किया जा सकता है और 6 महीने तक की जेल की सजा और 500 रूपये तक के जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। 
विशेष और पर्यात्प कारणों के न होने पर पहले बार अपराध किये जाने पर 100 रूपये तक का जुर्माना और दूसरी बार या इससे अधिक बार अपराध किये जाने पर 250 रूपये तक का जुर्माना और 1 महीने तक की जेल की सजा से दण्डित किया जायेगा।

7.धारा 147- ट्रेसपासिंग/बिना अनुमति के रेल क्षेत्र में प्रवेश करना / पटरी पर करना। यदि कोई भी व्यक्ति बिना किसी कानूनी अधिकार के या अनुमति के बिना रेलवे क्षेत्र या किसी हिस्से में प्रवेश करता है या ऐसे किये जाने से रोकने पर मना करता है या कानून किसी रेलवे क्षेत्र या हिस्से में प्रवेश करता है या ऐसी संपत्ति का दुरूपयोग करता है या ऐसा करने से मना करता है, तो वह अधिनयम की धारा 147 दण्डित किया जायेगा।
दंड- यदि कोई भी ट्रेसपासिंग या पटरी पार करते हुए पकड़ा जाता है, तो ऐसे में ऐसा करने वाले व्यक्ति को 6 महीने तक की जेल की सजा या 1000 रूपये तक का जुर्माने से या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

8. धारा 155 b - आरक्षित डिब्बे में प्रवेश कर यात्रा करना। यदि कोई भी यात्री रेलवे डिब्बे में प्रवेश करता है जिसमे कोई बर्थ या सीट रेलवे प्रशासन के द्वारा उस यात्री के उपयोग के लिए आरक्षित नहीं की गयी है ,या
रेलवे प्रशासन द्वारा किसी अन्य यात्री के उपयोग के लिए आरक्षित किये बर्थ या सीट पर अनधिकृत रूप से कब्ज़ा करता है।  इस सम्बन्ध में किसी भी रेलवे सेवक द्वारा ऐसा करने पर मना किया किया जाता है बर्थ या सीट जिस पर वो अनधिकृत कब्ज़ा किये है उसे छोड़ने के लिए कहता है और वह यात्री छोड़ने से मना करता है, तो रेल सेवक स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति की मदद उसको हटा सकता है।
दंड -अनारक्षित डिब्बे में प्रवेश कर यात्रा करते हुए पकडे जाने पर उस व्यक्ति को 3 महीने तक की जेल की सजा से या 500 रूपये जुर्माने से या दोनों से दण्डित किया सजा सकता है।

9. धारा 156- रेलगाड़ी की छत पर या स्टेप पर या इंजन पर बैठ यात्रा करना। यदि कोई यात्री या अन्य कोई व्यक्ति रेलगाड़ी की छत पर , स्टेप पर या इंजन पर बैठ कर यात्रा करता है, ऐसा करने से रेल सेवक द्वारा निचे उतरने की चेतावनी देने के बाद भी वह बैठा रहता है, तो उस व्यक्ति को रेलवे सेवक द्वारा हटाया जा सकता है और अधिनियम की धारा 156 के तहत दण्डित किया जा सकता है।
दंड- रेलगाड़ी की छत या स्टेप या इंजन पर बैठ कर यात्रा करते हुए पकडे जाने पर उस व्यक्ति को 3 महीने तक की जेल की सजा से या 500 रूपये तक के ज़ुर्माने से या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

10. 166 b- सार्वजानिक नोटिस को बदलना। यदि कोई भी व्यक्ति एक रेलवे पर रेलवे प्रशासन के आदेश पर किसी भी बोर्ड या  उसके द्वारा पोस्ट या दस्तावेज के सेट को या किसी भी रोलिंग स्टॉक को जानबूझकर कर निचे खींचता है या ऐसे किसी भी बोर्ड या पोस्ट या दस्तावेज या रोलिंग स्टॉक के आंकड़ों को बदल देता है, तो ऐसा करने वाले को अधिनियम की धारा 166 b के तहत दण्डित किया जायेगा।
दंड- सार्वजानिक नोटिस में बदलाव करने के अपराध में पकडे जाने पर उस व्यक्ति को 6 महीने तक की जेल की सजा से या 500 रूपये तक जुर्माने से या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। 

18 comments:

  1. कोई दिक्कत नहि होंगीं।

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  2. 143 ke tahat aropi paya jata h to

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    1. आपके सवाल का जवाब इसी लेख मे है, एक बार पुनः ध्यान से पढे ।

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  3. सर,143के तहत कार्रवाई पर नौकरी पर क्या असर होगी

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    1. कार्यवाही से कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन दंडित किए जाने पर पड़ेगा ।

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  4. सर जी नमस्कार
    ऐक कर्मचारी दुसरे कर्मचारी को गलत कार्य करवाने के लिए मजबुत ते हो पर ओ कर्मचारी नरम ईमानदारी पर नोकरी करता है फिर उसको रीमुफोर्म के खतरे से ऐक्शन मे सलाह जाता है ओर उसने उपरी अधिकारी लेखी में देता है ओर चार महीने उपर होता है कीसने कोई जवाब नहीं दीया तो अब राजिनामा देना सही ये या या आगे भी कप्तान करनी चाहिए
    ओर न्याय लीये कीस के पास जाना ओर लेखी ऐप्लीकेशन भेज नी साहीये प्लीज सर जी जरूर राय दीजिये गा 🙏

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  5. Yadi 16 sal se kam age ka ladka h or vo bina fatak khule line cross kar raha ho or durgatna hote hote bach jai to us bacche pr koi karvahi hogi ya phir chod diya jaiga plz answer me

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    1. कैसी दुर्घटना होने से बच गयी ?

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  6. Sir maine anjane me railway ka scrape khid liya hu

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  7. Sir maine anjane mai railway ka scrape khid liya hu

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    1. जिससे लिया उसको कैसे जानते हो ?

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  8. रेल्वे पुलिस से कोई नोटिस आया ?

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  9. Sir mere u per143ka case Chal raha h kaise 5 Sam se

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  10. Case khatm Karna chahu to kya Karna hoga

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    1. अभी मुकदमे मे क्या प्रक्रिया चल रही है ?

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  11. Sir railway ka kus saman kharid liya tha glti se or rpf valo ne pkd liya he to isme ky hoga aage or court se jmant bhi nhi mili he

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    1. ज़मानत के लिए आवेदन किया था ?

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