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क्या है शॉपलिफ्टिंग और शॉपलिफ्टिंग अपराध की सजा क्या होगी ? Shoplifting and Punishment for shoplifting in India

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नमस्कार दोस्तों,
आज के इस लेख में आप सभी को शॉपलिफ्टिंग (shoplifting) के बारे में बताने जा  रहा हु कि शॉपलिफ्टिंग क्या है ? क्या ये एक अपराध की श्रेणी में आता है, यदि है तो इस शॉपलिफ्टिंग अपराध की सजा क्या होगी ?

क्या है शॉपलिफ्टिंग और शॉपलिफ्टिंग अपराध की सजा क्या होगी ? Shoplifting and Punishment for shoplifting in India.

क्या है शॉपलिफ्टिंग ?
शॉपलिफ्टिंग शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है पहला शब्द शॉप जिसका मतलब है कि दुकान जहाँ लोगो की आवश्यकता के अनुरूप सामग्री मिलती है और दूसरा शब्द लिफ्टिंग है जिसका मतलब उठाना होता है। अब जब कोई व्यक्ति किसी दुकान , मार्केट, माल या किसी अन्य व्यापारिक जगह से किसी अमुक सामान को उस स्थान से हटा कर, उठा कर दुकान के मालिक की नजरो से छिपा कर बेईमानी से अपने बैग या थैले में डाल लेता है और यह जानते हुए कि वह जो कार्य कर रहा है वह चोरी की श्रेणी  में आता है जो की उसने चोरी का काम किया है इसी को शॉपलिफ्टिंग कहा जायेगा। 

साधारण शब्दों में हम कह सकते है कि दुकान से सामान चोरी करना शॉपलिफ्टिंग कहा जायेगा, जो की चोरी की श्रेणी में आता है और यह दंडनीय अपराध है। 

क्या शॉपलिफ्टिंग अपराध की श्रेणी में आता है यदि है तो किस अपराध की श्रेणी में। 
जैसा कि उपर्युक्त परिभाषा में बताया गया है कि शॉपलिफ्टिंग का मतलब है की दुकान से सामान की चोरी करना जो की एक अपराध की श्रेणी में आता है और इस अपराध की सजा का प्रावधान भी किया गया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 378 में चोरी के बारे में बताया गया है की चोरी किसे कहते है और अधिनियम की धारा 379 में चोरी की सजा का प्रावधान किया गया है। 

चोरी किसे कहते है ?
भारतीय दंड संहिता की धारा 378 में चोरी को परिभाषित किया गया है की चोरी किसे कहा जायेगा :-
जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के कब्जे में से किसी चल संपत्ति यानी वह संपत्ति जो एक स्थान से दूसरी स्थान  ले जाई जा सके या उस स्थान से हटाई जा सके ऐसी संपत्ति को उस व्यक्ति की अनुमति के बिना बेईमानी से लेने का इरादा रखते हुए उस संपत्ति को बेईमानी से लेने के लिए उस स्थान से हटाता है, तो यह चोरी कही जाएगी। 

चोरी को और अच्छे से समझने की कोसिस करते है :-
  1. जब कोई वस्तु भूमि से जुडी रहती है, तो ऐसी हर एक वस्तु को अचल संपत्ति कहते है, अचल संपत्ति होने के कारण वह वस्तु चोरी का विषय नहीं होती, लेकिन जैसे ही भूमि से जुडी उस वस्तु को भूमि से अलग कर दिया जाता है, तो वह वस्तु भूमि से अलग हो जाने के कारण अचल संपत्ति से चल संपत्ति हो जाती है जो कि चोरी होने के विषय योग्य हो जाती है। 
  2. जब कोई संपत्ति किसी व्यक्ति के पास कानूनी रूप से कब्जे में है और ऐसी संपत्ति को उस व्यक्ति की अनुमति के बिना उससे अलग किया जाता है, तो वह चोरी कही जाएगी। 
  3. यह आवश्यक नहीं है कि चोरी की विषयवस्तु केवल चल समपत्ति ही हो, चोरी अचल संपत्ति की भी हो सकती है उस अचल संपत्ति को चोरी योग्य बना कर मतलब की भूमि से अलग करके। 
  4. चोरी में व्यक्ति का इरादा बेईमानी का होता है। 

शॉपलिफ्टिंग अपराध की सजा क्या होगी ?
शॉपलिफ्टिंग अपराध की सजा वही होगी जो सजा चोरी के अपराध की होती है, क्योकि शॉपलिफ्टिंग का अर्थ है दुकान से सामान की चोरी करना। जब बात चोरी की आती है तो ऐसे अपराध को करने वाले व्यक्ति को दण्डित किया जाना भी आवश्यक है। 
भारतीय दंड संहिता की धारा 379 में चोरी की सजा का प्रावधान किया गया है। जो कोई भी व्यक्ति चोरी करेगा उसे इस अपराध के किये जाने के लिए 3 साल तक कारावास की सजा से या जुर्माने से या दोनों से दण्डित किया जायेगा।                                                                               

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