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भारतीय दंड संहिता के अधीन अपराध और इन अपराधों में दी जाने दी जाने वाली सजा

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नमस्कार दोस्तों,
आज के इस लेख में आप सभी को " भारतीय दंड संहिता" में बताये अपराध और इनकी सजा के बारे में  बताने जा रहा हु।
भारतीय दंड संहिता में कुल 511 धाराएं है इन 511 धाराओं में कुछ धाराओं में अपराध की परिभाषा  दी गयी है और कुछ धाराओं में इन्ही अपराधों में दी जाने वाली सजा का प्रावधान किया है।
तो आज हम भारतीय दंड संहिता की ऐसी ही कुछ मुख्य धाराओं के बारे में बताने जा रहे।

भारतीय दंड संहिता के अधीन अपराध और इन अपराधों में दी जाने दी जाने वाली सजा।


1. धारा 166 क -  लोक सेवक द्वारा यदि विधि के अधीन निर्देश की अवज्ञा की जाती है, 
  1. जहाँ किसी लोक सेवक को किसी अपराध के किये जाने के सम्बन्ध में जाँच के उद्देश्य से या अन्य किसी मामले के लिए किसी व्यक्ति को किसी स्थान पर हाजिर करने से उसे विधि के किसी ऐसे निर्देश से रोका जाता है, और जानते हुए उस लोक सेवक द्वारा ऐसे निर्देश का उलंघन किया जाता है,
  2. लोक सेवक द्वारा किसी अपराध के सम्बन्ध में जिस ढंग से जाँच शुरू की जाएगी, उस ढंग को विनियमित करने वाली विधि के किसी अन्य निर्देश से किसी व्यक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा यह जानते हुए भी विधि के निर्देश का उल्लंघन करता है,
  3. भारतीय दंड संहिता के अधीन यौन अपराधों या धारा 509 के अधीन संज्ञेय अपराध के घटित होने की सूचना मिलने पर भी लोक सेवक यानी पुलिस द्वारा उस घटना की रिपोर्ट दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 के अनुसार निर्धारित रीती से दर्ज नहीं की जाती है या ऐसा करने में असफल रहता है,
तो ऐसे में उस लोक सवक को कम से कम 6 महीने तक कारावास की सजा से या अधिकतम 2 वर्ष तक कारावास की सजा से और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा। यह अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है, धारा 166 क जमानतीय अपराध है  जिसमे अभियुक्त को जमानत में रिहा किया जा सकता है। धारा 166 क  के अंतर्गत आने वाले सभी मामलो की सुनवाई प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट के न्यायालय में होगी।  

2. धारा 326 क - तेजाब, इत्यादि द्वारा स्वेच्छया गंभीर हानि पहुँचाना / करना - यदि कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर पर या शरीर के किसी भाग में तेजाब गंभीर क्षति पहुंचाने के इरादे से फेकता है सेवन कराता है या ऐसा करने के लिए किन्ही साधनो का इस्तेमाल करता है , जिसके परिणामस्वरूप उस व्यक्ति के शरीर या शरीर के किसी भी भाग में गंभीर क्षति होती है जैसे की शरीर के जिस भाग में तेजाब फेंका गया है वह बुरी तरह से झुलस गया है, चेहरे पर फेका गया जिससे उस पीड़िता का चेहरा झुलसने से बिगड़ गया या विकलांगता जैसे गंभीर गंभीर क्षति करता है तो ऐसी व्यक्ति पर धारा 326 क के तहत मामला दर्ज किया जायेगा और दोषी व्यक्ति को 10 साल से लेकर आजीवन करवास की सजा से दण्डित किया जायेगा और 10  लाख तक का जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा। 

जुर्माने की राशि पीड़िता के उपचार में लगने वाले चिकित्सक खर्चो को ध्यान में रखते हुए न्याय हित में व् युक्तियुक्त होगा, और ऐसा जुर्माने का भुगतान  पीड़िता को किया जायेगा। 

धारा 326 क के संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। धारा 326 क अजमानतीय अपराध है जिसमे अभियुक्त को जमानत न्यायलय के विचार करने पर मिलती है।  धारा 326 क के अंतर्गत आने वाले सभी मामलो की सुनवाई सेशन न्यायालय में होती है।

3. धारा 326 ख - अपनी इच्छा से तेजाब फेंकना या फेकने की कोशिस करना - यदि कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से किसी दूसरे व्यक्ति पर तेजाब इत्यादि जलन शील पदार्थ फेकता है या सेवन करने की कोशिस करता है ,या  गंभीर क्षति करने के इरादे अन्य तरीको का उपयोग करता है जिसके परिणामस्वरूप वह व्यक्ति विकलांग हो जाता है, उसका शरीर या शरीर का कोई भाग झुलस जाता है या उस व्यक्ति का सौन्दर्य बिगड़ जाता है  तो ऐसे व्यक्ति पर धारा 326 ख के तहत मामला दर्ज किया जायेगा और दोषी व्यक्ति को 5 साल से लेकर 7 साल तक कारावास से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा। धारा 326 ख असंज्ञेय अपराध है। धारा 326 ख अजमानतीय अपराध है जिसमें अभियुक्त को जमानत न्यायालय के विचार करने पर मिलती है।  धारा 326 ख के अंतर्गत आने वाले सभी मामलो की सुनवाई सेशन न्यायालय में होती है। 

4. धारा 354   स्त्री की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना - यदि कोई किसी स्त्री की लज्जा को भंग  करने के इरादे से उस स्त्री पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करता है, तो ऐसे में उस व्यक्ति के खिलाफ धारा 354 के अंतर्गत मामला दर्ज किया जायेगा और दोषी पाए जाने पर 1 साल कारावास जो की 5 साल तक भी हो सकेगी और जुर्माने से दण्डित किया जायेगा।  धारा 354 असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। अजमानतीय अपराध होने के कारण अभियुक्त को जमानत न्यायालय के विचार पर मिल सकती है। धारा 354 के अंतर्गत आने वाले सभी मामलो की सुनवाई किसी  मजिस्ट्रेट के यहाँ हो सकती है। 

5. धारा  354क अनुचित शारीरिक सम्पर्क और प्रगति की प्रकृति का लैंगिक उत्पीड़न या लैंगिक पक्षपात के  लिए मांग या अनुरोध - यदि कोई किसी स्त्री से शारीरिक संपर्क और अग्रक्रियाएं करने जिसमे उसकी इच्छा के बिना लैंगिक संम्बंध बनाने सम्बन्धी स्पष्ट प्रस्ताव अंतर्विलित हो या लैंगिक स्वीकृति  मांग या अनुरोध करना किसी स्त्री की इच्छा के खिलाफ अश्लील सहित्य दिखाना या लैंगिक आभासी टिप्पणियां करने वाले व्यक्ति को धारा 354 के तहत व्यक्ति को लैंगिक उत्पीड़न के अपराध  दोषी माना जायेगा और उस व्यक्ति को 5 साल के कारावास से दण्डित किया जायेगा। धारा 354 क अजमानतीय अपराध है। धारा 354 क के अंतर्गत आने वाले सभी मामलो की सुनवाई किसी भी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में हो सकती है।

2. यदि कोई पुरुष किसी भी स्त्री से लैंगिक रूप से रंजीत टिप्पणी करता है , अश्लील दृश्य दिखाता है, लैंगिक उत्पीड़न करता है, शारीरिक मौखिक या गैर मौखिक आचरण करता है तो ऐसी व्यक्ति को 1 तक की कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा या  जुर्माने से या दोनों से। असंज्ञेय अपराध ककी श्रेणी में आता है।

6. धारा 354 ख स्त्री को निर्वस्त्र करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना- कोई भी पुरुष किसी स्त्री को सार्वजानिक जगह में निर्वस्त्र करने के लिए या निर्वस्त्र होने के लिए मजबूर करने के इरादे से उस स्त्री पर हमला करता है या उस स्त्री पर आपराधिक बल का प्रयोग करता है, तो उस व्यक्ति के खिलाफ धारा 354 ख़ के अंतरगर्त मामला दर्ज किया जायेगा, दोषी पाए जाने पर 3 साल तक कारावास से दंण्डित किया जायेगा जो की 7 साल तक भी हो सकती है और जुर्माने से ही दण्डित किया जायेगा।  संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। धारा 354 ख  अजमानतीय अपराध है।  .धारा 354 ख के अंतर्गत आने वाले सभी मामलो की सुनवाई किसी भी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में होगी।

7. धारा 354 ग गुप्त ताक झांक करना  किसी निजी कार्य में लगी किसी स्त्री को एकटक देखेगा या उसका चित्र खीचेगा या उस चित्र को प्रसारित करेगा तो उस व्यक्ति के खिलाफ धारा 354 ग के तहत मामला दर्ज होगा औरप्रथम बार दोषी पाए जाने पर उस व्यक्ति को 1 साल तक की कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा जो की 3 साल तक कारावास  से भी दण्डित किया जा सकेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा। पहली बार अपराध करने पर दोषी को जमानत पर रिहा किया जा सकता है।

दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की कारावास की सजा जो की 7 साल तक कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा। असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। अजमानतीय अपराध है।  धारा 354 ग कके अंतर्गत आने वाले सभी मामलो की सुनवाई किसी भी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में होगी।


8.धारा 354 घ पीछा करना - किसी पुरुष द्वारा किसी स्त्री का उसकी मर्जी के खिलाफ पीछा करना उसके मना करने के बावजूद भी उसका बारंबार पीछा करना या उससे संपर्क करता है या संपर्क करने की कोशिस करता है।
किसी स्त्री का इंटरनेट का उपयोग कर ईमेल या किसी अन्य इलेक्ट्रानिक सूचना के माध्यम से पीछा करता है या उसको मॉनिटर करता है या ,
तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ धारा 354 घ के अंतर्गत मामला दर्ज किया जायेगा और दोषी पाए जाने पर 1 साल तक कारावास जो की 3 साल तक कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।
धारा 354 घ संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।  अजमानतीय अपराध है। धारा 354 घ के अंतर्गत आने वाले सभी मामलो की सुनवाई किसी भी मजिस्ट्रेट के यहाँ होगी।
इस लेख से सम्बंधित किसी भी प्रकार का सवाल पूछना हो या कोई ऐसी बात जो समझ नहीं आ रही हो, तो हमसे कमेंट कर पूछ सकते है।  हम आपको समझाने की अपनी तरफ से हर प्रकार से कोशिस करते रहेंगे। 
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3 comments:

  1. सर मेरे समाज में एक गरीब पान बेचने वाला जिनकी लड़की की शादी 2015 में हुई है,उसका दामाद जो तीन छोटे - छोटे बच्चे का पिता है एक दूसरी शादी भी कर लिया है बराबर अपने पहली पत्नी एवं सास- ससुर, साला को बराबर फ़ोन कर गालिया देते रहता है, एवं पत्नी को धमकाते रहता है कि अगर इस बार आई तो तुमको जहर देकर मार दूंगा तथा थाना को पैसा देकर बोल दूंगा तुमने घर से आने बाद जहर खा कर खुद खुशी कर ली है। दूसरी बात उस लड़के के ऊपर बहुत सारे व्यक्ति का पैसा उधार है बराबर पैसा लेने वाला का धमकी मिलते रहता है कही कही पैसे को लेकर उस लड़के को मार - पीट भी हुआ है चुकी समाज के बड़े बुगुरगों का कहना है थाना में इसकी शिकायत करवा दो ताकि बाद में किसी प्रकार की घटना होती है तो लड़की के परिवार को किसी तरह की परेशानी न उठाना पड़े। कृपया सही मार्गदर्शन देने की कृपा करें ताकि मैं उस गरीब की मदद कर सकू

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    1. आप इस मामले की शिकायत नजदीकी थाने मे दर्ज करा दे ।

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  2. सर एक औरत ने मेरे नाम कल थाने में जाकर छेड़खानी का झूठ आरोप लगाया और शाम को ही पुलिस आई मेरे घर मैं घर पर नहीं था लेकिन मेरी मां को पुलिस वालों ने कहा कि उसको थाने भेज देना और मेरा मोबाइल नंबर भी लिया जिससे मैं थाने नहीं गया डर के कारण कि कहीं मुझे जेल में ना डाल दें सर अब मैं क्या करूं

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