तो चलिए जानते है पैरोल के बारे में।
- यदि किसी आरोपी व्यक्ति का मुकदमा न्यायालय में चल रहा है, तो ऐसे में उस आरोपी व्यक्ति के पैरोल के लिए आवेदन; उसी न्यायालय में दिया जायेगा , इस आवेदन के आधार पर न्यायालय उस बंदी व्यक्ति को पैरोल पर रिहा करने का आदेश दे सकती है।
- यदि आरोपी व्यक्ति पर लगे आरोप सिद्ध हो जाते है, और उस व्यक्ति के न्यायाधीश के आदेश पर जेल की सजा मिल जाती है , तो उस बंदी व्यक्ति के पैरोल के लिए आवेदन प्रशासन (Administration ) या जेल अध्यक्ष (Jail Superintendent ) को दी जाएगी , इस आवेदन के आधार पर उस व्यक्ति को पैरोल पर रिहा किये जाने का आदेश दिया जा सकता है।
- यदि अपराधी के घर या परिवार में किसी भी प्रकार का कोई उत्सव होता है,या उस अपराधी के घर या परिवार में किसी प्रकार की दुर्घटना घटती है , तो ऐसे वह बंदी / कैदी व्यक्ति पैरोल पर कुछ समय के लिए रिहा किया जा सकता है।
- यदि कैदी के परिवार में उसकी बेटी की शादी है , तो वह उसके शादी के लिए पैरोल पर रिहा होने के लिए आवेदन दे सकता है, क्योकि हमारे हिन्दू धर्म में बेटी का कन्या दान उसके माता- पिता के द्वारा ही किया जाता है।
- यही कैदी के परिवार या उसके बेटे, बेटी, पत्नी या बूढ़े माता पिता की मृत्यु हो जाती है, तो ऐसे में वह उनके क्रिया कर्म के लिए पैरोल की मांग कर सकता है और उसको पैरोल पर रिहा किया जायेगा।
- यदि अपराधी को जेल की सजा मिलने मिलने से पहले उसका किसी प्रकार का कोई सरकारी कार्य अधूरा रह गया हो या पूरा न हुआ हो , तो उस सरकारी कार्य को पूरा करने के लिए पैरोल पर रिहा किया जा सकता है।
- यदि अपराधी जो की जेल में बंद है, उस कैदी के अपने परिवार में उसकी पत्नी, बच्चे , बूढ़े माता पिता यदि बीमार है,और इनकी देख -रेख करने वाला कोई भी परिवार में नहीं है, तो ऐसे में अपनी बीमार पत्नी ,बच्चो, बूढ़े माता -पिता के ईलाज और देख भाल के लिए पैरोल का आवेदन दे कर कुछ समय के लिए जेल से रिहा हो सकता है।
- यदि अपराधी अपने परिवार का एकलौता भरण पोषण करने वाला था, तो ऐसे में कैदी अपने परिवार के भरण पोषण के लिए पैरोल पर रिहा किया जा सकता है।
- यदि अपराधी का कोई या उसके पारिवारिक या रिस्तेदार का कोई सरकारी कार्य है ,तो उसके लिए वह पैरोल ले सकता है।
- यदि अपराधी का कोई कार्य बैंक में रुका है या अधूरा है या जरुरी है , तो उसको पूरा करने के लिए पैरोल ले सकता है।
- यदि कैदी की कोई भी संतान नहीं है,ऐसे में वह कैदी और उसकी पत्नी की सहमति के अनुसार संतान प्राप्ति के लिए पैरोल के लिए आवेदन दिया जा सकता है, लेकिन इस प्रकार की पैरोल सजायाफ्ता कैदी (Convicted Prisoner) को ही मिलती है, इस पैरोल के आवेदन पर board decision लेता है, इसमें जेल प्रशासन या जेल अध्यक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- यदि अपराधी को अपनी संपत्ति (property) बेचनी है, या उस संपत्ति को अपने किसी परिवार वाले या किसी रिस्तेदार के नाम स्थानांतरण ( Transfer ) करना चाहता है, तो उसके लिए कैदी पैरोल ले सकता है।
- यदि अपराधी अपनी संपत्ति (Property) की वसीयत (Will) बनाना चाहता है, की उसके जीते जीते उसके बच्चो के बीच उसकी संपत्ति का सही से बिना की झगड़े के संपत्ति का बटंवारा हो जाये , इसके लिए पैरोल ले सकता है।
- यदि कैदी किसी ऐसे रोग से ग्रसित है या गंभीर रूप से बीमार है, और उसका ईलाज जेल के चिकित्सालय (Hospital) में नहीं हो सकता है , तो ऐसे में ईलाज के लिए उस कैदी को पैरोल पर रिहा किया जायेगा।
- पैरोल पर रिहा होने वाले हर कैदियों को अच्छे नागरिक की तरह ही जीवन बिताएगा।
- कैदी किसी भी प्रकार का कोई भी नशा नहीं करेगा।
- कैदी किसी भी कोठे पर, वैश्या के पास नहीं जायेगा।
- कैदी शराब के किसी भी अड्डे पर नहीं जायेगा।
- कैदी के द्वारा पैरोल की आवेदन पर दिए गए पते (address) पर ही रहेगा, उस पते को छोड़ कर किसी भी स्थिति में बाहर नहीं जायेगा।
- कैदी कानून का पालन करेगा, और कानून का उल्लंघन करने की कोशिश भी नहीं करेगा।
- कैदी किसी दूसरे अपराधियों से नहीं मिलेगा।
- कैदी जुवा, सट्टेबाजी जैसा कोई भी गैर कानूनी खले नहीं खेलेगा।
- कैदी जब पैरोल पर रिहा किया जायेगा, तो वह उस व्यक्ति से नहीं मिलेगा जिसकी शिकायत के आधार पर उसको सजा मिली है, और न ही शिकायतकर्ता के खिलाफ किसी प्रकार का कोई अपराधिक षड्यंत्र (Criminal Conspiracy) रचेगा।
- यदि कैदी को पैरोल पर रिहा किया गया है की वह अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके, तो वह अपने रोजगार (job ) को बदलेगा नहीं, यदि रोजगार बदलना पड़े तो ऐसे में इसकी कारण बताओ सूचना जेल अध्यक्ष , प्रशासन या न्यायालय को देनी होगी।
- कैदी समाज में ऐसा कोई भी कार्य नहीं करेगा जिसके कारण से समाज में अशांति पैदा हो. और न ही कैदी किसी भी प्रकार का कोई भी नाच गान नहीं करेगा।
- कैदी को अपने कार्य पूरा करने के लिए पैरोल पर रिहा किया गया है, तो वह उस कार्य के लिए ही सूर्यास्त के बाद तक बाहर रह सकता है इसके अलावा नहीं, सूर्यास्त के बाद कैदी अपने घर में ही रहेगा।
- कैदी किसी भी प्रकार का कोई भी हथियार नहीं खरीदेगा और न ही अपने पास रखेगा।
- कैदी किसी भी जिव-जंतु का शिकार नहीं करेगा।
- कैदी जब पैरोल रिहा होगा, तो वह किसी दूसरे अपराधी को न ही पत्र लिखेगा और न ही किसी भी प्रकार का कोई आपसी सम्बन्ध रखेगा।
- कैदी देर रात तक बाहर नहीं घूमेगा और न ही घर से बाहर रहेगा।
- यदि कैदी अविवाहित (unmarried) है और वह पैरोल मिलने के बाद विवाह करना चाहता है, तो उसको न्यायालय से अनुमति लेनी होगी।
Bina jurmana bhre koi mujrim parole pe ja sakta hai
ReplyDeleteAbhi jo conditions hai corona ko lekar usme 138 section mey well or parole mil sakta hai
ReplyDeleteघटना की पुरी जानकारी दें।
DeleteApna contact no.send krdijiye
DeleteWhatsapp no. 9650126315
Mere pati ko 10 sal ki saja hui hai humari koi santan nhi hum bachhe chahate hai kyonko perol milegi
DeleteSir,my son ndps act me about 15 months se jail me he uski bail kese hogi nhi to parol ka tareeka bataye
ReplyDeletecall 9313068236 balbir singh gogia advocate
Deletesir mere bhai ko ndps me 10 saal ki saza hui h or vo 5 saal se jail me hi h or uski wife bahut bimar h kya ndps me parol par kuch dino ke liye ghar aa skta h kya
ReplyDeleteबीमार पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट के साथ पेरोल के लिए प्रार्थना करो ।
DeleteH
ReplyDeleteH
ReplyDeleteSir gengester me parol mil skti hai kya
ReplyDeleteआवेदन करो ।
Deleteसर मेरा भाई 304/504 मैं १० वर्ष की सजा में केन्द्रीय कारागार आगरा में ३ वर्ष से अन्दर है हम उनकी पैरौल चाहते हैं उपाय बताएं
ReplyDeleteअपने वकील से बात करे ।
DeleteContact on 9806081899 advocate indrajeet
Delete307 scst act मेआजीवन karvash में perval लेना है
ReplyDeleteउचित व पर्याप्त कारण के साथ प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करे ।
DeleteSir parole ki koe limit sima h ki kitne dino tk mil skta h in 1year
ReplyDeleteसटीक जवाब मेरे पास नही है, यह निर्भर करता परिस्थित पर कितने दिनों तक रिहा हो ।
DeleteSir mere papa bimar h jail m 5 saal ho gye h unhe saza 10 saal ki h perol mil jaygi
ReplyDeleteकैसी बीमारी है ?
DeleteCancer
DeleteSir 304B me parole Mil sakti h kya
ReplyDeleteउचित व पर्याप्त कारण है ?
Deleteसर में 302 और 201 धारा के अंतर्गत मुझे उम्र कैद सजा मिली हैं में 6साल से जमानत पर बाहर हु जबलपुर हाईकोर्ट ने मुझे जमानत दी हैं 8दिन अज्ञात केस था अब शायद अगली पेसी पर फैसला होगा में केस और लंबा चलबाना चाहता हु क्या किया जाए ,,,,सो प्लीज रिप्लाई करे
ReplyDeleteकोई जवाब नहीं है ?
DeleteSir ajeevan karawas ki qaidi ki rihayi kB milti hai
ReplyDeleteहैलो sir मेरा दोस्त को 307 मै 5साल कि सजा हो gye है परोल मिल सकती है क्या
ReplyDeleteNdps me police gawahi manya h
ReplyDeleteAropi ki gady hone ke Karan.10 Sal ki sja hui h