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पॉक्सो अधिनियम 2012 क्या है इसके बारे 11 बिंदुओं से समझे

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नमस्कार मित्रो,
आज के इस लेख में आप सभी को " पॉक्सो अधिनियम 2012 क्या है के बारे 11 बिंदुओं से समझाने की कोसिस करूँगा। जिससे आपको यह मालूम होगा कि पॉक्सो एक्ट क्यों बना ?

पॉक्सो एक्ट क्यों बना ?
पॉक्सो एक्ट 2012 में लागु हुआ जिसका मुख्य उद्देश्य देश में बच्चो के साथ होने वाले यौन अपराधों को रोका जा सके, और जहाँ कोई भी व्यक्ति बालक के प्रति यौन शोषण अपराध में दोषी पाया जाता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत तुरंत कार्यवाही की जाएगी और यौन अपराध की सूचना मिलने पर ऐसे व्यक्ति की बिना समय गवाए तुरंत गिरफ़्तारी की जाएगी। 

यौन शोषण की शिकार हुई पीड़ित या पीड़ित के परिवार वालो या रिश्तेदारों की सूचना पर थाना प्रभारी तुरंत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी की गिरफतारी करेगा ।  

Protection of Children from Sexual Offences Act (POCSO Act) 2012

पॉक्सो एक्ट 2012 के बारे में इन 11 बिंदुओं से समझे। 

1. जहाँ कोई व्यक्ति पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया जाता है तो ऐसे में उस व्यक्ति को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता जब तक की उस व्यक्ति के ऊपर लगे आरोपों की सुनवाई न्यायालय में नहीं हो जाती है। क्योकि यौन शोषण का अपराध एक गैर जमानतीय अपराध की श्रेणी में आता है। 

2. पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत दोषी पाए गए आरोपी का विचारण विशेष न्यायालय या फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा ही किया जायेगा।   

3.जहाँ पीड़ित न्यायालय में आरोपी के समाने अपना बयान दर्ज नहीं करवा सकता या नहीं करवाना चाहता है तो ऐसे में पीड़ित अपना बयान न्यायालय में परदे के पीछे रहकर अपना बयान दर्ज करवा सकती है।  ऐसा पीड़ित को अधिकार है। 

4. जहाँ आरोपी अधिक ताकतवर है तो ऐसे में पीड़ित और आरोपी को एक दूसरे के सामने नहीं लाया जायेगा। 

5. जहाँ पीड़ित यह चाहता है कि उसका बयान एकांत कमरे में दर्ज किया जाए तो उसके अनुरोध में ऐसा किया जायेगा। 

6. आरोपी की पहचान कराने के लिए आरोपी और पीड़ित को एक दूसरे के सामने लाना आवश्यक नहीं है। 

7. पॉक्सो एक्ट के अनुसार जहाँ आरोपी दोषी पाया जाता है तो उस आरोपी पर कानुनी कार्यवाही होगी और इस एक्ट के अनुसार दोषी व्यक्ति को 7 साल तक कारावास की सजा या अधिकतम आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया जा सकता है। 

8. भारतीय दंड संहिता 1960 की धारा 363 तहत  किडनेपिंग के दोषी को दण्डित किये जाने का प्रावधान है। जहाँ कोई व्यक्ति भारत से या विधिक संरक्षक से किसी व्यक्ति की किडनेपिंग है तो उस व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के तहत 7 साल तक कारावास की सजा और जुर्माना से दण्डित किया जायेगा। 

9. भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 366 के तहत जहाँ कोई व्यक्ति किसी महिला का अपहरण उससे विवाह करने के लिए करता है, या विवाह के लिए उसको उकसाता है , या विवाह के लिए महिला को मजबूर करता है, या महिला की इच्छा के खिलाफ विवाह करने के लिए मजबूर करता है , या किसी महिला को शारीरक सम्बन्ध बनाने के लिए मजबूर करता है तो ऐसे में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 10  साल तक कारावास की सजा से और जुर्माने से दण्डित कियाज जायेगा।

10. भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 376 के तहत बलात्कार के दोषी व्यक्ति को 7 साल की कारावास की सजा से लेकर आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया जा सकता है। 
    
11. भारतीय दंड संहिता 1860 ककी धारा 506 के तहत आपराधिक धमकी देने पर सजा का प्रावधान किया गया है। जहाँ आरोपी व्यक्ति द्वारा पीड़ित को जान से मार देने की धमकी या हानि पहुंचाने की धमकी दी जाती है  आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत 2 साल तक कारावास की सजा से या जुर्माने से या दोनों भांति की सजा से दण्डित किया जायेगा। 

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