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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में आप सभी को " भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 323, धारा 324, धारा 325 और धारा 326 के बारे में बताने वाला हु। अक्सर आप सभी लोग देखते या सुनते है कि किसी मोहल्ले, गांव व् शहर में कही मारपीट हुई है या हुई थी। तो ऐसे में जिन लोगो ने मारपीट की है उन लोगो को क्या सजा मिलेगी व् कौन सी धारा उन सभी पर लगेगी यह जानने के इच्छुक रहते है।
मारपीट करने वालो पर कौन सी धारा लेगेगी व् क्या सजा होगी ?
तो, चलिए आज आप सभी के इस सवाल का जवाब विस्तार से जाने।
मारपीट करने वालो पर कौन सी धारा लगेगी ?
भारतीय दंड संहिता 1860 में कुछ ऐसी धाराएं भी है जो कि मारपीट, लड़ाई झगड़ा, गाली गलौज जैसे मामलो को लिए सजा का प्रावधान करती है।
धारा 323 -सामान्य सी या छोटी मोटी मारपीट, लड़ाई झगड़ो के मामले में पुलिस मारपीट करने वाले व्यक्ति पर धारा 323 लगा कर कार्यवाही करती है। अब मारपीट समान्य हो या छोटी मोटी अपराध तो अपराध है उसमे चाहे चोट कम आयी हो या अधिक अपराध करने वालो धारा 323 के तहत दण्डित किया जायेगा। अपराध कारित करने वाले को 1 साल तक कारावास की सजा हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों सजा से दण्डित किया जायेगा।
धारा 324 - जो कोई भी व्यक्ति घातक हथियारों के साथ जैसे कि बन्दूक, चाकू, तलवार, भाला, या अन्य धारदार हथियार से किसी व्यक्ति पर हमला करता है, उसके हमले से उस व्यक्ति की मृत्यु होना सम्भव है या आग या जलने वाले पदार्थ को फेकर किसी व्यक्ति पर हमला करता है या विष जलनकारी पदार्थ या विस्फोटक पदार्थ द्वारा हमला करता है या ऐसे पदार्थ द्वारा जिसके कारण सास लेने में दिक्कत हो या निगलने में दिकत हो या ऐसे पदार्थ का जिसका व्यक्ति के खून में पहुँचना मानव शरीर के लिए हानिकारक हो या किसी जिव जंतु-जानवर द्वारा जानबूझकर किसी व्यक्ति को क्षति पहुँचाता है तो धारा 324 के तहत उस व्यक्ति को 3 साल तक कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा या जुर्माने से या दोनों से दण्डित किया जायेगा।
धारा 325 - जो कोई भी व्यक्ति किसी व्यक्ति पर ऐसा हमला करता है जिसके परिणामस्वरूप उस व्यक्ति के शरीर में गंभीर चोटे आती है या गंभीर शारीरक क्षति होती है तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को 7 साल तक कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने के साथ भी दण्डित किया जायेगा।
धारा 326 - जो कोई भी व्यक्ति किसी व्यक्ति पर खतरनाक हथियारों से या साधनो से गंभीर क्षति कारित करता है जिसके परिणामस्वरूप उस व्यक्ति की मृत्यु होना संभव है या आग या जलनकारी पदार्थ किसी व्यक्ति पर फेंककर उससे हमला करता है या विष या जलनकारी या फिस्फोटक पदार्थ द्वारा या हमला करता है या ऐसे पदार्थ द्वारा जिसके कारण सास लेने में दिक्कत हो या निगलने में दिक्कत हो या ऐसे पदार्थ का व्यक्ति के रक्त में पहुंचना हानिकारक हो या किसी जीव जंतु द्वारा जानबूझकर किसी व्यक्ति को क्षति पहुँचाता है तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को धारा 326 के तहत आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा या 10 साल तक कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने के साथ भी दण्डित किया जायेगा।
धारा 323, धारा 324, धारा 325 व् धारा 326 लगने के बाद क्या होगा?
पीड़ित पक्षकार द्वारा थाने में इसकी शिकायत की जाती है और पुलिस धारा 323, धारा 324, धारा 325 व् धारा 326 में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ वारंट जारी करती है। वारंट की सूचना अभियुक्त के गृह निवास में सरकारी कर्मचारी द्वारा आती है। और उस वॉरंट में लिखित तिथि के भीतर अभियुक्त को न्यायालय पहुंचना होता है और जमानत की अर्जी दाखिल करनी होती है। जमानत पर रिहा करना या न करना यह न्यायधीश मामले की गंभीरता व् अपराध की प्रकृति देख कर फैसला करता है।
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Malak Majeed:- Sec 326 me jamanat mil jayegi aap apne vakel se jamanat ke liye baat kare.
ReplyDeleteमहोदय 22 जून 2016 को मैर साथ तीन पुलिस कर्मियो ने आफ ड्यूटी मारपीट कर घायल कर दिया था जिसमें नाक में खून और सुजन आ गई थी और आंख में खून का थक्का जम गया था ।एम एल सी में भी नाक की चोट डाक्टर ने लीखी और कोर्ट में बयान में भी कथन दिया है ।पुलिस कर्मियों पर 323. 294.506बी।34 में मामला दर्ज हुआ है। क्या पुलिस कर्मी कोर्ट उठने तक की सजा में छूट जाएंग यदि अपराध साबित हो जाता है तब भी।
ReplyDeleteसज़ा सज़ा होती है अब वह कोर्ट उठने तज की हो या अधिक की ।
Deleteक्या बयान हो गये आपके ।
सर प्रकरण प्राइवेट कंप्लेंट पर दर्ज हुआ है फरवरी २०१८ में। दो आरोपीगण पर व एक अज्ञात पर २९४,३२३,५०६ में प्रकरण दर्ज होने का आदेश हुआ। जुन २०१८ में दोनों ने डीजे कोर्ट में रिवीजन दाखिल करी तीन जुलाई को डीजे कोर्ट ने खारिज कर दिया मारपीट पुलिस का पदिय कर्तव्य नहीं है कह कर। अप्रैल २०१९ में आरोपी पर चार्ज फ्रेम हुआ सीजेएम ने २९४.३२३,५०६ बी ३४ में एक आरोपी ने पुनः रिवीजन दाखिल किया डीजे कोर्ट ने न्यायिक दंडाधिकारी को डायरेक्शन दिया परतिपरीछण का जो अगले महीने होना है। एक आरोपी ने एस्ट्रोसिटी एक्ट में मेरे खिलाफ आवेदन किया अप्रैल २०१९ में आवेदन जांच में झूठा पाया गया उसके और उसके गवाह पर १८२ में एक अन्य प्रकरण दर्ज हो गया। नवंबर में दुसरे आरोपी ने पांच लाख रुपये मांगने का आवेदन बिना सबुत दिया नतीजा नील इस आरोपी का एक विडियो बन गया जिसमें हाथ जोड़कर अपने किए गुनाह कि माफी मांग रहा था विडियो बिल्कुल साफ और क्लीयर है। अब यह आरोपी न्यायालय का सामना नहीं करना चाहता। सर मेरा यह जानना था क्या कोर्ट उठने की सजा या सो रुपये से ऊपर के जुर्माने में इनकी वर्दी उतर सकती है या नहीं। धन्यवाद
DeleteSir agar social media par koi galat comment kare ya desh ki ekta akhandta ko todne ki koshish karta hai to kya kar sakte hai ham.
ReplyDeleteऐसे में आप उस सोशल मीडिया की पोस्ट का screenshot लेकर ऑनलाइन fir दर्ज करा दे ।
DeleteIPC 323 main victim ka medical zaroori hai kya
ReplyDeleteहाँ, पीड़ित व्यक्ति का मेडिकल ज़रूरी है जिससे यह मालूम होता है की चोट कितनी गम्भीर लगी हैं ।
DeleteSir,jhagde ke samay mujse keesi vyakti ke hath ki haddi tut gyi he. Aur hme 6month ki saja boli gyi he. Kya hum chhut nhi sakte iska udaharan batao
Deleteसजा किसने बोली ?
Delete498a main medical zaroori hai kya
ReplyDeleteहाँ, पीड़ित व्यक्ति का मेडिकल ज़रूरी है जिससे यह मालूम होता है की चोट कितनी गम्भीर लगी हैं ।
Deleteकिसी व्यक्ति पर धारा 326 के अंतर्गत मुकदमा चल रहा है क्या वह सरकारी नौकरी को पर आसीन हो सकता है
ReplyDeleteगुरु जी
ReplyDeleteनमस्कार आगे निवेदन इस प्रकार है कि मेरे विरूद्ध धारा 326 की रिपोर्ट हो ग ई थी फिलहाल विवेचना होने पर धारा 325 कर दी गई 325 में हमारी जमानत हो गई विवेचना हमारे पक्ष में है क्या हम सजा से बच सकते हैं कृपया सही मार्ग दर्शन देने की कृपा करें
न्यायालय क्या निर्णय देता है उसका इंतज़ार करो ।
DeleteSir mujhpe ipc 323 or 504 lgi h kya goverment job me koi problem hogi plzzz reply sir
ReplyDeleteक्या अभी मुकदमा चल रहा है ?
DeleteSir 10 October ko mere mohalle me 12 log milkar mujhe,mere chacha mere bhaiyo ko buri tara mara jisme mere naak ka haddi tut chuki hai mere chacha aur bhai ka hath fetcher ho gya hai aur police 4apradhiyo ke naam se ncr ki hai jisme 7 log the aur bayan bhi ho chuka hai abhi tak 3 log pakde nahi gye
ReplyDeleteजिस वकील को किए है, उनसे यही पूछा ?
Delete323,504,308 me jamant milnjayegi ki nahi sir
ReplyDeleteन्यायालय पर निर्भर करता है ।
DeleteSir mere uper ladai ka case Tha 325 323 meh jab meh 17 saal ka Tha or Baad meh mujhe child court Dawara 325 meh Bari Kar diya Tha par 323 meh mujhe pratadit Karke choda Tha Kya meh govt job lag sakta hu
ReplyDeleteकोर्ट के आदेश मे क्या लिखा है ?
Delete323,498A,504,506,3,4
ReplyDeleteAb kya kare
जमानत करवाओं ।
DeleteHello sir mere upar 323 324 506 148 149 341 506 lga hai 90 din see upar ho gya hai chalan pesh nahi hua hai kya kre
ReplyDeleteकोई नोटिस आयी अभी तक ?
DeleteSir ji agar kisi ne bike chori ki ho or us ke pass se chaku Mila ho to usko kitne saal ki jail hogi or konsi dhara lagegi
ReplyDeleteपुलिस को रिपोर्ट करो ।
Deleteईट फेंक कर हैं सिर फट गया है 9 टाका लगा है कौन सा धारा लगेगा
ReplyDeleteपुलिस को रिपोर्ट करो ।
DeleteJab apke rishtedar apke sath marpeet krein bacho par hmla krein to aise me kya kiya ja skta hai...apni safety k liye... rishtedar jaan se marne ki dhamki dete hain... marpeet krte hain....police complaint kri to unhone kaha k smjhota kr lo...nahi to court me jaoge...vahan or dikkat hogi..FIR darj nahi kiya
ReplyDeleteपुलिस एफ़आईआर दर्ज नही कर रही, तो अपने जिले के एसपी को शिकायत करो ।
Deleteसर हम पर धारा 323/34-326/34 है मामला उच्च न्यायालय mp मे है
ReplyDeleteक्या उसमे बरी कर दिया जाएगा
ये आप पर लगे आरोपों के सिद्ध न होने पाने पर निर्भर करता है ।
Deleteसर आईपीसी की धारा 326 34 के तहत सरकारी वकील ने सजा बढ़ाने की अपील दायर की है क्या उसने हम बरी हो सकते हैं
ReplyDeleteन्यायालय के ऊपर निर्भर करता है ।
DeleteDo group ke bich ladai hueh. Aur ek group ko samathan karne ke bahane bulakar. Sab ko mara he. Aur sab gayal he. Sab ke sar pe chot aaihe, hathiyar dehne wala koi tisra aadmi he. Uspe ham konsi konsi kalam laga skte he
ReplyDeleteथाने मे रिपोर्ट करों ।
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