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ग्राम प्रधान को उसके पद से कैसे हटाया जा सकता है ? removal fo gram pradhan form post

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नमस्कार मित्रों ,

आज के स लेख में हम जानेंगे कि " ग्राम प्रधान को उसके पद से कैसे हटाया जा सकता है ?" अक्सर प्रत्येक ग्राम के प्रदान के द्वारा ऐसा कार्य कर दिया जाता है , जो कि उसके ग्राम प्रधान के पद पर बने के लिए एक चुनौती हो जाती है, कि उसको उसके पद पर बने रहने के लिए वे सभी साक्ष्य देने पद सकते है , कि उसको उसके ग्राम प्रदान के पद से क्यों न हटाया जाये। 

हम बात करते है एक राज्य की यानी उत्तर प्रदेश में किसी ग्राम के ग्राम प्रधान को उसके पद से हटाना है. तो क्या प्रक्रिया होगी ?

प्रत्येक राज्य का अपना पंचायत राज अधिनियम है , वैसे ही उत्तर प्रदेश में , उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1947 है। 

ग्राम प्रधान को उसके पद से कैसे हटाए  जाने सम्पूर्ण प्रक्रिया ? 

उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1847 की धारा 14 ग्राम प्रधान को उसके पद से हटाए जाने की शक्ति प्रदान करती है। इस धारा  के तहत ग्राम प्रधान के खिलाफ ग्राम सभा के सदस्यों के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाकर , 15 दिनों पहले इसके सम्बन्ध में लिखित सूचना नोटिस के माध्यम से दी जाएगी और मतदान कर पद से हटाया जा सकता है। मतदान में प्रधान को उसके पद से हटाए जाने के पक्ष में सदस्यों के मतों की संख्या एक तिहाई होने पर प्रधान को उसके पद से हटाया जा सकेगा। 


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इसके विस्तार से जानते है ?

1. अविश्वास प्रस्ताव क्या है ? 

अविश्वास प्रस्ताव एक ऐसी प्रक्रिया जिसके उपयोग कर ग्राम सभा के सदस्यों द्वारा यह साबित करने का प्रयास करना कि मौजूदा ग्राम प्रधान अपने कर्तव्यों का पालन विधिपूर्ण , उचित ढंग से करने में असमर्थ है। उसके द्वारा अपने पद का अनुचित उपयोग किया गया है , जो कि ग्राम सभा के लिए अत्यंत क्षतिकारक है। ग्राम प्रधान भ्रष्टाचार में लिप्त है। 

2. अविश्वास प्रस्ताव की बैठक के नियम क्या है ?
  1. अविश्वास प्रस्ताव पत्र जिला पंचायत राज अधिकारी के समक्ष लिखित रूप में ग्राम सभा के आधे सदस्यों द्वारा व्  5 सदस्यों द्वारा प्रस्तुत की जाएगी। 
  2. प्रस्ताव प्राप्त होने की तिथि से 30 दिनों के भीतर ग्राम सभा की बैठक बुलाई जाएगी , जिसके सम्बन्ध में पंचायत कार्यालय ने लिखित नोटिस चस्पा की जाएगी। 
  3. ग्राम सभा की बैठक बुलाये जाने की सूचना प्रधान को 15 दिनों पहले लिखित सूचना दी जाएगी। 
  4. ग्राम सभा की बैठक की गणपूर्ति के लिए एक तिहाई सदस्यों का होना अनिवार्य है, यदि गणपूर्ति पूर्ण नहीं होती तो , गणपूर्ति के आभाव के कारण प्रस्ताव पर विचार नहीं हो पाता या बहुतमत के आभाव के कारण प्रस्ताव पारित नहीं हो पाता तो उसी प्रधान को उसके पद से हटाए जाने के लिए कोई भी अविश्वास प्रस्ताव 1 वर्ष के भीतर नहीं लाया जायेगा /
  5. प्रधान को उसके पद से हटाए जाने की बैठक उसके निर्वाचन से दो वर्षो के भीतर  न यही बुलाई जाएगी। 
  6. उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1947 की धारा 14 के उपबंधों के अधीन रहते हुए प्रधान को हटाए जाने की प्रक्रिया , जिसके अंतर्गत वह प्रक्रिया भी है जो कि  बैठक में अनुसरित की जाये , वही होगी जो नियत की जायें। 
3 . अविश्वास प्रस्ताव कैसे लाया जाता है ? 

ग्राम प्रधान को उसके पद से हटाए जाने के लिए लाया जाने वाला अविश्वास प्रस्ताव ग्राम सभा के आधे सदस्यों के द्वारा लिखित सूचना जिसमे 5 सदस्यों के हस्ताक्षर होने अनिवार्य है, अपने क्षेत्र के जिला पंचायत राज अधिकार ( डीपीआर ) के समक्ष प्रस्तुत करना होता है।  

अविश्वास प्रस्ताव पत्र में उन सभी कारणों का उल्लेख किया जाना अति आवश्यक है , जिनके आधार पर ग्राम प्रधान को उसके पद से हटाए जाने के लिए यह लिखित हस्ताक्षरित प्रसीताव प्रस्तुत किया गया है। 

4 . जिला पंचायत राज अधिकारी को अविश्वास प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद की प्रक्रिया ?

ग्राम प्रधान को उसके पद से हटाए जाने सन्दर्भ में ग्राम सभा के सदस्यों द्वारा लिखित हस्ताक्षरित प्रस्ताव जिला पंचायत राज अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है , तो प्रस्ताव प्राप्त होने की तिथि से 30 दिनों के भीतर ग्राम सभा की बैठक बुलाई जाती है। 

5 . ग्राम सभा की बैठक में होने वाली प्रक्रिया ?
  1. उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1947 की धारा 14 के तहत प्रधान को हटाए जाने के सन्दर्भ में ग्राम सभा की बैठक बुलाई जाएगी जो कि इसकी सूचना ग्राम प्रधान को 15 दिन पूर्व लिखित रूप से दी जाएगी। 
  2. ग्राम सभा की बैठक के लिए गणपूर्ति का होना आवश्यक है , जिसके लिए ग्रामसभा के एक तिहाई सदस्यों का उपस्थित होना अनिवार्य है। 
  3. ग्राम सभा की बैठक में प्रधान पर लगे आरोपों की चर्चा होती है और ग्राम सभा के उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के मत की प्रक्रिया चालू होती है। 
  4. ग्राम सभा के उपस्थित सदस्यों और मतदान करने वाले सदस्यों के दो - तिहाई बहुमत प्राप्त से प्रधान को उसके पद से हटा सकती है। 

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