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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में हम जानेंगे कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है ? किसान यानी जिसे देश का अन्नदाता के नाम से भी जाना जाता है। एक फसल की बुवाई से लेकर कटाई तक जो देखरेख और मेहनत लगती है , उसका मूल्य केवल एक किसान ही जान सकता है। फसल को कीड़े से बचाना, जानवरों द्वारा चरे जाने से बचाना व् लेकिन उस समय किसान के हाथ में कुछ उपाय नहीं रहता जब प्रकृति आपदाओं के कारण खेत में खड़ी फ़सल नष्ट हो जाती है। किसानों की फसल से सम्बंधित अनिश्चिताओं को दूर करने के लिए 13 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का आरंभ हुआ जिसका उद्देश्य किसानों की फसल के नष्ट होने कि स्थिति में बीमा कवर प्रदान करना।
प्रदानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर कई सवाल उठ रहें होंगे जैसे कि ;-
- प्रधानमंत्री फसल बिमा योजना क्या है ?
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य क्या है ?
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कब फसल का बीमा कवर होगा ?
आपके इन्ही सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानेंगे।
1. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है ?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का आरंभ 13 जनवरी 2016 में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा हुआ , इस योजना का लक्ष्य किसानों को उनकी फसलों के नष्ट होने की स्थिति में बीमा द्वारा क्षतिपूर्ति करना। इस योजना का लाभ देश के सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेश के किसान उठा सकते है , उसके लिए उन्हें अपनी फसल का बीमा करवाना होगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए किसान भाइयों को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय सरकार की अधिकृत वेबसाइट पर जा कर किसान कार्नर वाले विकल्प पर जाकर स्वयं फसल बीमा के लिए आवेदन कर फॉर्म में मांगी गयी आवश्यक जानकारी दर्ज कर दाखिल करना होगा। फॉर्म दर्ज करने से पहले किसान को पोर्टल पर प्रथम बार पंजीकृत होना होगा , इसके बाद किसान को लॉगिन आईडी व् पासवर्ड के जरिये लॉगिन कर फसल बीमा योजना का फॉर्म पूर्ण रूप से दाखिल कर सकेंगे।
2. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के उद्देश्य क्या है ?
प्रधामंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य यह है कि निम्नांकित उपायों के जरिये कृषि क्षेत्र से सम्बंधित संधारणीय उत्पादन को सहायता उपलब्ध कराई जाये :-
- अप्रत्याशित घटनाओं (यानी ऐसी घटना जिनका पहले न जाना जाना) के कारण से फसल की हानि / क्षति से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- किसानों की आय को स्थिर बनाना ताकि किसान अपनी कृषि कार्य को जारी रख सके।
- किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि पद्धतियों के लिए प्रोत्साहित कराना।
- कृषि कार्य के लिए ऐसा ऋण प्रवाह सुनिश्चित कराना जिससे किसानों की उत्पादन जोखिम में संरक्षा होने के साथ कृषि क्षेत्र से सम्बंधित खाद्य सुरक्षा , फसल विविधीकरण , तीव्र विकास और प्रतिस्पर्धा का मार्ग अनुकूल हो।
- बीमा और सम्बन्ध उत्पादों की नई पद्दति और अनुसंधान को बढ़ावा देना ताकि किसानों और राज्य सरकारों / संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को विस्तृत विकल्प उपलब्ध कराया जा सके।
3. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए किसानों की बीमा कवर की पात्रता क्या होगी ?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की बीमा कवर की पात्रता के लिए निम्न मापदंड निर्धारित किया गया है।
- अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसलें उगाने वाले बटाईदारों और काश्तकारों सहित सभी किसान बीमा कवरेज प्राप्त करने के पात्र है, फिर भी किसानों का अधिसूचित बीमाकृत फसलों और भूमि पर बीमा योग्य हित होना चाहिए।
- गैर ऋणी किसानों को चाहिए की वे सम्बंधित राज्य से अपने भू-अभिलेखों के आवश्यक दस्तावेजी साक्ष्य अधिकार अभिलेख (records of right ) भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र (land possession certificate ) आदि अथवा अनुप्रयोज्य संविदा / करार विवरण / सम्बंधित राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित / अनुमत अन्य दस्तावेज ( बटाईदारों /काश्तकारों के मामलें ) प्रस्तुत करें।
- वन अधिकार अधिनियम के तहत वन भूमि पर खेती करने वाले आदिवासी किसानों और वनवासियों को भी इस योजना के तहत बीमा कराने की अनुमति है।
- सामुदयिक स्वामित्व वाली भूमि पर खेती करने वाले किसानों , विशेष रूप से पूर्वोत्तर राज्यों में प्रचलित किसानों को भी प्रधान या राजस्व अधिकारीयों से प्रमाणन के साथ इस योजना के तहत कवर करने की अनुमति है।
- ऐसे सभी किसानों को अनिवार्य रूप से आधार संख्या और बोई गयी फसल बोई जाने वाली फसलों के बारे में घोषणा पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अनिवार्य घटक यह कि अधिसूचित फसलों मौसमी कृषि कार्य हेतु वित्तीय संस्थाओं से कृषि ऋण लेने वाले समस्त कृषकों को अनिवार्यतः बीमा कवरेज के दायरे में लाया जायेगा।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत स्वैच्छिक घटक यह कि यह योजना गैर ऋणी किसानों के लिए उनकी इच्छा पर निर्भर करता है कोई अनिवार्यतः नहीं है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति महिला किसानों की अधिकतम बीमा कवरेज सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किये जायेंगे।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किया गया बजट आबंटन और उसका उपयोग सम्बंधित राज्य सम्बंधित समूह में महिलओं सहित अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति/ सामान्य से सम्बंधित भू-स्वामित्व के अनुपात में होगा।
फसल बीमा योजनाओं के कार्यान्वयन सम्बंधित विभिन्न अवस्थाओं विशेषतः फसलों और लाभार्थियों के अभिचिन्हन , किसानों के मध्य वितरण और जागरूकता , बाधित बुआई / रोपण रोपण जोखिम , स्थानीयकृत जोखिमों के लिए किये गए दावों का मूलयांकन करने के समय किसानों के बारें में जानकारी प्राप्त करना , फसल कटाई के बाद की हानि और दावों आदि के अग्रिम भुगतान के बारें में पंचायत राज संस्थाओं ( panchayati raj institutions )को शामिल किया जायेगा।
4. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कौन सी फसलें बीमा कवरेज में शामिल है ?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत निम्न फसलों को बीमा कवरेज में शामिल किया गया है :-
- खाद्यान्न फसलें अनाज, बाजरा और दलहन।
- तिलहन।
- वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलें।
- इन फसलों के अतिरिक्त , उन बारहमासी बागवानी फसलों और वाणिजियक फसलों के लिए कवरेज हेतु पायलट प्रोजेक्ट शुरू जिनके लिए उपज अनुमान या मौसम की स्थिति और उपज / उत्पादन के बीच सहसंबंध हेतु मानक पध्दति उपलब्ध है।
- भारत सरकार के सम्बंधित मंत्रालयों के अनुमोदन बागानी फसलों सहित अन्य फसलों को भी योजना के दायरे में शामिल किया जा सकता है , जब भी ऐसे समावेशन की आवश्यकता होगी और अनुमोदित होंगे , भारत सरकार द्वारा एक अलग से सुचना जारी की जाएगी।
5. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कौन से जोखिम कवर होने कौन से जोखिम कवर नहीं होंगे ?
1. वे जोखिम जो कवर होंगे।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत निन्मलिखित अवस्थाओं में फसल व् जोखिम जिनके कारण फसल का नुकसान होता है कवर किया जायेगा।
1. बाधित बुआई / रोपण जोखिम : बीमाकृत क्षेत्र में काम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमी दशाओं के कारण बुवाई रोपण क्रिया न होने वाली हानि से सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
2. खड़ी फसल बुवाई से लेकर कटाई तक :
- गैर बाधित जोखिमों यथा सूखे,
- लम्बी शुष्क कृमि व् रोग,
- बाढ़,
- जलभराव,
- कृमि रोग एवं रोगों,
- भूस्खलनों ,
- प्राकृतिक अग्नि दुर्घटनाओं और आकाशीय बिजली,
- तूफान,
- ओलावृष्टि,
- चक्रवात,
- आंधी,
- समुद्री तूफान,
- भवंर और बवंडर के कारण फसल को होने वाले नुकसान की सुरक्षा के लिए वृहत जोखिम बीमा दिया जायेगा।
3. फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान :यह बीमा कवरेज ऐसी फसलों को काटे जाने से अधिकतम दो सप्ताह के लिए चक्रवात और चक्रवातीय वर्षा एवं गैर मौसमी वर्षा के मामले में दिया जाता है, जिन्हे फसल कटाई के बाद खेत में सूखने के लिए छोड़ा जाता है।
4. स्थानीय आपदाएं :अधिसूचित क्षेत्र में पृथक कृषि भूमि को प्रभावित करने वाली
- ओला वृष्टि,
- भू-स्खलन,
- जलभराव के अभिचिन्हित स्थानीयकृत जोखिमों से होने वाले नुकसान।
2. वे जोखिम जो कवर नहीं होंगे।
- युद्ध,
- नाभकीय जोखिम से होने वाली हानि,
- दुर्भावनाजनित क्षतियों से ,
- अन्य निवारणीय जोखिमों को इसमें शामिल नहीं किया जायेगा।
6. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमित प्रीमियम दर क्या होगी ?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमांकिन प्रीमियम दर को कार्यान्वयन अभिकरण द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वसूला जायेगा , किसान द्वारा देय बिम्मा प्रभार की दर निम्नलिखित होगी :-
1. खरीफ के मौसम में फसलों में सभी खाद्यान्न, तिलहन फसलें अनाज , ज्वर दलहन तिलहन फसलें जिनका प्रीमयम किसान द्वारा देय होगा बीमित राशि का 2.0 प्रतिशत अथवा बीमांकिक दर जो कम हो।
2. रबी के मौसम में फसल में सभी खाद्यान तिलहन फसलें सभी मोटे अनाज , ज्वार, दलहन और तिलहन फसलें जिनका प्रीमियम किसान द्वारा देय होगा बीमित राशि का 1.5 प्रतिशत थ्व बीमांकिक दर जो कम हो।
3. खरीफ और रबी के मौसम में फसल वार्षिक वाणिजियक वार्षिक बागवानी फसलें जिनका प्रीमियम किसान द्वारा देय होगा बीमित राशि का 5 प्रतिशत अथवा बीमांकिक दर जो भी कम हो।
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