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क्या सात वर्ष और बारह वर्ष से काम आयु के बच्चे द्वारा किया गया कोई कार्य अपराध होगा या नहीं ? whether act done by child is punishable or not ?

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नमस्कार मित्रों, 

आज के इस लेख में हम जानेंगे कि क्या 7 वर्ष के शिशु / द्वारा किया गया आपराधिक कार्य दंडनीय होगा या नहीं ?  

कोई भी कार्य अपराध तब तक नहीं नहीं माना जाता है जब तक कि वह विधि द्वारा निषेध और दडंनीय न हो।  यदि कोई कार्य विधि द्वारा निषेध या दंडनीय है तो वह कार्य आपराध की श्रेणी में आएगा। 

भारत में अपराध को परिभाषित और दण्डित किये जाने के सम्बन्ध में प्रावधान भारतीय दंड संहिता 1860 में दिया गया है। इसमें अपराध को परिभाषित भी किया गया और उक्त अपराध के लिए दंड का प्रावधान भी है।  अधिनियम की धारा 53 में दंड के प्रकार के बारे में उल्लेख किया गया है :-
  1. मृत्यु दंड,
  2. आजीवन कारावास ,
  3. कारावास - कठिन श्रम के साथ व् सादा कारावास,
  4. जुर्माना,
  5. संपत्ति का संपहरण। 
लेकिन जहाँ इस अधिनियम में अपराध के सम्बन्ध में दंड का प्रावधान है वही इसमें अपराध के सम्बन्ध में साधारण अपवाद भी है , जो कुछ दशाओं में कुछ व्यक्तियों को दंड से उन्मुक्त प्रदान करते है , यानी अधिनियम में बताये गए कुछ व्यक्तियों द्वारा की गयी कोई बात अपराध नहीं है। 

इसको विस्तार से समझे। 

क्या सात वर्ष और बारह वर्ष से काम आयु के बच्चे द्वारा किया गया कोई कार्य अपराध होगा  या नहीं ?  whether act done by child is punishable or not ?

भारतीय दंड संहिता 1860 अध्याय 4 साधारण अपवाद के सम्बन्ध में प्रावधान करती है , जिसमे कुछ व्यक्तियों के द्वारा की गयी कोई बात अपराध नहीं है।  

क्या सात वर्ष और बारह वर्ष से काम आयु के बच्चे द्वारा किया गया कोई कार्य अपराध होगा ? 


भारतीय दंड संहिता 1860 के अध्याय 4 में साधारण अपवाद की धारा 82 और धारा 83 प्रावधान करती है कि शिशु के द्वारा की गयी कोई बात अपराध नहीं है।  

1. दंड प्रक्रिया संहिता 1860 की धारा 82 - सात वर्ष से काम आयु के शिशु का कार्य - कोई  बात  जो सात वर्ष से काम आयु के शिशु द्वारा की जाती है अपराध नहीं है। 

2. दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 83 - सात वर्ष से ऊपर किन्तु बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक़्व के शिशु का कार्य - कोई भी बात जो सात वर्ष से ऊपर आयु के शिशु और बारह वर्ष से काम आयु के ऐसे शिशु द्वारा की जाती है जिसकी समझ इतनी परिपक़्व नहीं हुई है कि वह उस अवसर पर अपने आचरण की प्रकृति और परिणामो का निर्णय कर सके ,अपराध नहीं है। 


सात वर्ष से काम आयु और सात वर्ष से ऊपर किन्तु बारह वर्ष से काम आयु के अपरिपक़्व समझ वाले शिशु का कार्य अपराध क्यों नहीं है ?

  1. सात वर्ष से काम आयु के शिशु और सात वर्ष से ऊपर किन्तु बारह वर्ष से काम आयु के अपरिपक़्व शिशु द्वारा की गयी कोई बात अपराध इसीलिए नहीं है , क्योकि उक्त उम्र का शिशु को इतनी समझ नहीं होती कि वह अपने द्वारा किये गए कार्य कि प्रकृति और परिणामों का निर्णय कर सके। 
  2. इतनी समझ नहीं होती की वह उचित व् अनुचित के भेद का निर्णय कर सके। 
  3. स्वविवेक का आभाव होता है। 
 

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