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कैदी द्वारा जेल में किये जाने वाले आपराधिक कार्य क्या है और इन अपराधों में दी जाने वाली सजा

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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में आप सभी को " कैदी द्वारा जेल में किये जाने वाले आपराधिक कार्य व् इन अपराधों में दी जाने वाली सजा" के बारे में बताने रहा हु। 

किसी व्यक्ति द्वारा अपराध किये जाने पर उस अपराध की सजा भुगतने के लिए अपराध के साबित हो जाने पर न्यायालय द्वारा उस अपराधी व्यक्ति को कारावास की सजा सुनाई जाती है , यानी अपराध के अनुसार उस व्यक्ति को कारावास की सजा से दण्डित किया जाता है। 

अब कारावास की सजा काटतें समय यदि यही कैदी कारागार के भीतर कोई अपराध करता है तो उसके लिए सजा का क्या प्रावधान होगा। उसके लिए कारागार अधिनियम 1894 में कारागार अपराधों के लिए दंड का प्रावधान किया  गया है। 

तो चलिए कारागार अधिनियम 1894 के तहत अपराध और सजा के बारे में विस्तार से जाने। 

What is the criminal work done by the prisoner in prison and the punishment in these crimes कैदी द्वारा जेल में किए जाने वाले आपराधिक कार्य और सजा

 

  1. कैदी द्वारा कारागार / जेल में किये जाने वाले आपराधिक कार्य क्या है ?

धारा 45 - कारागार में अपराध। 
कारागार अधिनियम 1894 के अध्याय 11 में अधिनियम की धारा 45 में कारगार में कैद व्यक्ति द्वारा किये जाने वाले उन कार्यो का उल्लेख किया गया है जो अपराध घोषित किये जाते है। 
  1. किसी कैदी द्वारा कारागार के किसी नियम का जानबूझकर कर उल्लंघन या पालन न करना जिसे अधिनियम की धारा 59 के अधीन बनाये गए नियमो द्वारा जिसे कारगार अपराध घोषित किया गया है।
  2. किसी कैदी द्वारा हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना ,
  3. किसी कैदी द्वारा अपमानजनक या धमकी भरे शब्दों का प्रयोग करना जैसे किसी गाली गलोच करना या मारने पीटने की धमकी देना,
  4. किसी कैदी द्वारा अनैतिक या अभद्र या नियम विरुद्ध उल्टा पुल्टा व्यवहार करना ,
  5. किसी कैदी द्वारा कारागार में किये जाने वाले श्रम को करने से स्वयं को जानबूझकर असमर्थ बना देना,
  6. किसी कैदी द्वारा झड़क दिखाते हुए कारागार में किये जाने वाले कार्य को करने से इंकार करना,
  7. किसी कैदी द्वारा हाथों की हथकड़ियों, कारागार की सलाखों को बिना किसी अधिकार के रेतना, काटना, उसमे हेरफेर करना या उन्हें हटाना,
  8. किसी ऐसे कैदी द्वारा जिसे कठोर कारावास की सजा से दण्डित किया गया है उस कैदी द्वारा जानबूझकर काम पर आलस्य या लापरवाही करना,
  9. किसी ऐसे कैदी द्वारा जिसे कठोर कारावास की सजा से दंडित किया गया है उस कैदी द्वारा जानबूझकर काम को गड़बड़ करना,
  10. किसी कैदी द्वारा जानबूझकर कारागार की संपत्ति को नुकसान पहुँचाना,
  11. किसी कैदी द्वारा हिस्ट्री पत्रों , रेकॉर्डों और दस्तावेजों के साथ छेड़खाड़ करना,
  12. किसी कैदी द्वारा प्रतिबंधित वस्तु प्राप्त करना या अपने पास रखना या एक कैदी से दूसरे कैदी तक पहुँचाना,
  13. किसी कैदी द्वारा बीमारी का ढोंग रचना,
  14. किसी कैदी द्वारा किसी अधिकारी या कैदी के विरुद्ध जानबूझकर कोई झूठा आरोप लगाना,
  15. किसी कैदी द्वारा कारागार में आग लगने की जानकारी पर रिपोर्ट न करना या रिपोर्ट करने से इंकार करना, साजिस या षड्यंत्र रचने, भाग निकलने या भाग निकलने की कोसिस या तैयारी की जानकारी होने पर रिपोर्ट न करना या रिपोर्ट करने से इंकार करना या किसी कैदी द्वारा कारागार के पदाघिकारी पर किसी आक्रमण की तैयारी की जैसे ही उसको जानकारी हो जाये रिपोर्ट न करना या रिपोर्ट करने से इंकार करना,
  16. किसी कैदी द्वारा कारागार से भाग निकलने षड्यंत्र रचने या कारागार से निकल भागने में सहायता करना या पहले से अपराधों में से कोई अन्य अपराध करना।  
2. कैदी द्वारा कारागार में किये जाने वाले आपराधिक कार्यो के लिए सजा प्रावधान क्या है ?

धारा 46 - आपराधिक कार्य के लिए दंड 
कारागार अधिनियम 1894 की धारा 46 कारागार में किये जाने वाले आपराधिक कार्यो के लिए सजा का प्रावधान करती है, जहाँ कारागार अधीक्षक धारा 45 में बताये गए ऐसे किसी अपराध में जुड़े किसी व्यक्ति की परीक्षा कर सकेगा यानी उस व्यक्ति की जाँच कर सकेगा और तब उसका निर्धारण कर सकेगा और ऐसे अपराध के लिए निम्न सजा दे सकेगा जो कि :-
  1. एक औपचारिक चेतावनी, यहाँ औपचारिक चेतावनी से मतलब ऐसी चेतावनी से जो कि कारागार अधीक्षक द्वारा कैदी को व्यक्ति रूप से बुला कर उसे चेतावनी देना या दंड पुस्तिका में और कैदी की हिस्ट्री पत्र  में उसके द्वारा किये गए अपराध को दर्ज करना। 
  2. कैदी द्वारा कारागार में किये जाने वाले श्रम यानी काम को अधिक कष्टप्रद या कठोर रूप के श्रम में उतनी अवधि तक बदलना जितनी अवधि तक राज्य सरकार  द्वारा बनाये  गए नियमों द्वारा निर्धारित किया जाये। 
  3. ऐसे दोषसिद्ध कैदियों की दशा में जिन्हे कठोर कारावास की सजा से दण्डित नहीं किया गया है, उन्हें सात दिन की कठोर श्रम की सजा से दण्डित किया जाएगा। 
  4.  उस समय लागु परिहार पद्दति के अधीन अनुज्ञेय विशेषाधिकार की ऐसी हानि जो राज्य सरकार द्वारा बनाये गए नियमों द्वारा निर्धारित किये जाये। 
  5. आपराधिक कार्य करने वाले कैदियों को पहहने के लिए टाट या अन्य मोटे कपडे जो ऊनि कपड़े न हो किसी अन्य कपडे के स्थान पर ऐसे अवधि के लिए दिया जाना जो कि तीन महीने की अवधि से अधिक की अवधि नहीं होगी। 
  6. ऐसे वजन एवं हथकडियो का ऐसी रीति से और इतनी अवधि तक लगाया जाना जो कि राज्य सरकार द्वारा बनाये गए नियम द्वारा निर्धारित किये जाये।  
  7. ऐसे वजन एवं बेड़ियों का ऐसी रीति से और इतनी अवधि के लिए लगाया जाना जो कि राज्य सकरार द्वारा बनाये गए नियमों द्वारा निर्धारित किया जाये। 
  8. तीन महीने तक की अवधि के लिए कैदियों से अलग कारावास में रखना,  अलग कारावास से मतलब है कि कैदी को अन्य कैदी के संपर्क से अलग रखना है न की उनकी नजरो से अलग रखना है और जिसमे  उस अलग कैदी को प्रतिदिन कम से कम एक घंटे का व्यायाम करने के लिए और एक या अधिक कैदियों के साथ मिलकर भोजन करने की अनुमति रहती है। 
  9. दंड आहार , यहाँ दंड आहार से मतलब आहार के प्रतिबन्ध से है जो ऐसी रीती से और श्रम सम्बंधित उन शर्तों के अधीन रहते हुए जो राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाये। लेकिन भोजन के सम्न्बंध में ऐसा प्रतिबन्ध किसी भी कैदी पर लगातार 96 घंटे से अधिक समय के लिए लागु नहीं किया जायेगा।  नए अपराध के अलावा जब तक एक सप्ताह की अवधि का अंतराल न बीत जाये तब तक दोहराया नहीं जायेगा। 
  10. चौदह दिन की अवधि से अधिक अवधि तक सेलुलर कारावास की सजा से दण्डित नहीं किया जायेगा।सेलुलर कारावास से मतलब श्रम सहित या श्रम रहित अन्य कैदियों से अलग रखना है न की उसकी नजरों से अलग रखना है। लेकिन सेलुलर कारावास की ऐसी हर एक अवधि के बाद उस अवधि से कम का अंतराल न हो। उस कैदी को सेलुलर कारावास या अलग कारावास के लिए दुबारा दण्डित करने से पहले वह अवधी समाप्त हो जानी चाहिए।  
  11. सेलुलर कारावास की सजा के साथ दंड आहार की सजा के साथ दण्डित किया जायेगा। 

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