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ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कानूनी अधिकार The transgender person (protection of rights) bill 2019

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नमस्कार दोस्तों,
आज के इस लेख में आप सभी को "ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कानूनी अधिकार क्या है" इसके बारे में बताने जा रहा हु। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ उसके शरीर, बोली, चाल अन्य कारणों से उनके साथ कई तरह का भेदभाव किया जाता है। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ होने वाले भेदभाव को नजर में रखते हुए सरकार द्वारा इनके अधिकारों के संरक्षण के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकार संरक्षण ) बिल 2019 को पारित किया गया। इस बिल ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को समाज में जीने का साहस प्रदान किया। 


ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कानूनी अधिकार  The transgender person (protection of rights) bill 2019

ट्रांसजेंडर व्यक्ति किसे कहा जाता है / ट्रांसजेंडर व्यक्ति कौन होते है 
ट्रांसजेंडर व्यक्ति कौन होते है, साधारण शब्दों में कहा जाये तो ऐसे व्यक्ति जिसका लिंग जन्म के समय नियत लिंग से मेल नहीं खाता है। इसमें ट्रांसमेन और ट्रांसवुमेन और सामाजिक संस्कृति में पहचान रखने वाले व्यक्ति जिनको हम किन्नर और अर्धनारी के नाम से जानते है ये भी शामिल है। समाज में लोग इनको बड़ी अलग नजरो से देखते है और इनसे भेदभाव भी करते है, इनके साथ उठने बैठने में शर्म महसूस करते है, इनको सम्मान नहीं देते, कॉलेज या स्कूल में इनको पढ़ने के लिए प्रवेश नहीं मिलता, लेकिन ऐसी ही असामनता और भेदभाव को समाज से दूर करने के लिए सरकार ने एक ट्रांसजेंडर बिल 2016 में पास किया जिसके अंतर्गत इन ट्रांन्सजेंडर /अर्धनारी व्यक्तियों को कई कानूनी अधिकारी दिए गए है।  

ट्रांसजेंडर बिल 2016 के अनुसार ट्रांसजेंडर व्यक्ति ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है जो -
  1. जन्म के समय नियत लिंग से मेल न खाना।
  2. न तो पूर्ण रूप से महिला न ही पुरुष होना। 
  3. महिला और पुरुष, दोनों का सम्मिश्रण होना। 
  4. ऐसे व्यक्ति जो ट्रांस -मेल या ट्रांस-फीमेल हो। 
  5. ऐसे व्यक्ति जिसको न तो महिला और न तो पुरुष की से परिभाषित किया जा सके। 
  6. इंटरसेक्स भिन्नताओं के साथ मुख्य यौन विशेषताओं वाले व्यक्ति भी आते है। 
ट्रांसजेंडर व्यक्ति के कानूनी अधिकार क्या है 
ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ होने वाले भेदभाव के मामलों को बढ़ते देख सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) बिल 2019  पारित किया गया। इस बिल ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को कई अधिकार प्रदान किया है। 

1. भेदभाव पर प्रतिवबंध-  ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिकारों का संरक्षण बिल 2019 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ होने वाले भेदभाव पर  पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाता है। ट्रांसजेंडर व्यतक्ति के साथ उनके लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार का कोई भी भेदभाव नहीं किया जायेगा जैसे-
  1. सार्वजानिक स्तर पर उपलब्ध उत्पादों, सुविधाओं और अवसरों तक पहुंच और उसके उपभोग करने से नहीं रोका जायेगा। 
  2. किसी सरकारी या निजी  प्रतिष्ठानों में रोजगार का अवसर प्रदान किया जायेगा। 
  3. कही आने जाने से नहीं रोका जायेगा।  
  4. अनुचित व्यवहार नहीं किया जायेगा। 
2. शिक्षा का अधिकार - ट्रांसजेंडर व्यक्ति सरक्षण अधिकार बिल 2019 के तहत ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है। इस बिल के तहत आम व्यक्तियों की तरह ही ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को भी शिक्षित होने का अधिकार है। शिक्षित होने पर ये भी अपनी जीविका आसानी से चला सकेंगे। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की शिक्षा के लिए सरकार द्वारा वित्त पोषित या मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश दिया जायेगा साथ ही खेल एवं मनोरंजन की सुविधाएं भी प्रदान कराई जाएगी। 
 
3. रोजगार का अधिकार - ट्रांसजेंडर व्यक्ति संरक्षण अधिकार बिल 2019 के तहत ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को रोजगार का अधिकार प्रदान किया गया है। कोई भी सरकारी या निजी संस्था रोजगार से सम्बंधित मामले जैसे कि  नितुक्ति, पद में तरक्की आदि में किसी प्रकार का कोई भी भेदभाव नहीं किया करेगी। 

4. स्वास्थ्य सेवा का अधिकार - ट्रांसजेंडर व्यक्ति  संरक्षण अधिकार बिल 2019 के तहत ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवा से सम्बंधित अधिकार प्रदान किये गए है। इन स्वास्थ्य सेवा में एच.आई.वी सर्विलेंस सेंटर, सेक्स  रिअसाइनमेंट सर्जरी आदि स्वास्थ्य सेवाएं शामिल है। 
  1. चिकत्सा देखरेख सुविधा जिसके अंतर्गत लिंग पुनः नियतन शल्यक्रिया और हार्मोन सम्बन्धी उपचार प्रदान करना,
  2. पूर्व और पश्चात लिंग पुनः नियतन शल्यक्रिया और हार्मोन चिकित्सा परामर्श प्रदान करना,
  3. अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य देखरेख संस्थानों तथा केन्द्रो में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों तक पहुंच को सरल बनाना 
  4. ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को बीमा योजनाए प्रदान कराना। 
5. निवास का अधिकार - ट्रांसजेंडर व्यक्ति संरक्षण अधिकार बिल 2019 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को निवास का अधिकार भी प्रदान करती है। इस निवास अधिकार के तहत ट्रांसजेंडर व्यक्ति को अपने परिवार में रहने और उसमे शामिल होने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है। यदि ट्रांसजेंडर व्यक्ति का परिवार उसकी देखरेख, भरण पोषण करने में असक्षम है तो ऐसे में उस ट्रांसजेंडर व्यक्ति को न्यायालय के आदेश पर पुनर्वास केंद्र में भेजा जा सकता है। 

6. ट्रांसजेंडर व्यक्ति की पहचान प्रमाण पत्र- ट्रांसजेंडर व्यक्ति संरक्षण अधिकार बिल 2019 ट्रांसजेंडर व्यक्ति व्यक्ति की पहचान को बनाये रखने के पहचान प्रमाण पत्र भी प्रदान करता है। ट्रांसजेंडर व्यक्ति को अपना पहचान पत्र बनवाने के लिए जिले के जिला मजिस्ट्रेट के पास आवेदन करना होगा और उसकी पहचान से जुड़ा पहचान प्रमाण पत्र जारी कर दिया जायेगा। 

ट्रांसजेंडर के साथ किये गए अपराध के लिए दंड का प्रावधान क्या है? 
 ट्रांसजेंडर व्यक्ति संरक्षण अधिकार बिल 2019 के तहत निम्नलिखित को अपराध माना गया है जो कि -
  1. ट्रांसजेंडर व्यक्तियों से जबरन भीख मंगवाना,
  2. बल पूर्वक या बंधुआ मजदूरी करवाना,
  3. ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को परिवार,गांव आदि में निवास करने से रोकना ,
  4. ट्रांसजेंडर व्यक्ति को सार्वजानिक स्थान के प्रयोग करने से रोकना,
  5. ट्रांसजेंडर व्यक्तियों का मौखिक,शारीरिक, भावनात्मक,आर्थिक और यौन उत्पीड़न करना। 
इन सब निम्नलिखित को अपराध माना गया है और इन अपराधों के लिए सजा का भी प्रावधान किया गया है। 
दंड- ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ किये गए इन अपराधों के लिए दंड का प्रावधान किया है, जो कि 6 महीने से लेकर 2 साल तक कारावास की सजा और जुर्माने  से भी दण्डित किया जा सकता है। 

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