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न्यायालय में कार्यरत महिलाओं के साथ होने वाले यौन-उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत कहाँ कैसे करे how to do complaint against sexual harassment of working women in court

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नमस्कार दोस्तों,
आज के इस लेख में आप सभी को "न्यायालय में कार्यरत महिला कर्मचारी, महिला अधिवक्ता और महिला न्यायिक अधिकारीयों आदि के साथ होने वाले यौन-उत्पीड़न के खिआफ़ शिकायत कैसे और कहाँ करे" इस विषय के बारे में बताने जा रहा हु। 

न्यायालय में कार्यरत महिलाओं के साथ होने वाले यौन-उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत कहाँ करे  कैसे करे

कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों के साथ होने वाले यौन-उत्पीड़न जैसे अपराध की घटना को बढ़ते हुए देख केंद्र सरकार द्वारा एक अधिनियम पारित किया गया जो कि महिलाओ का कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (निवारण, पर प्रतिषेध एवं प्रतितोष) नियम, 2013 के नाम से है इसके अनुपालन में माननीय मुख्य न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय एवं इसकी खंड पीठ एवं इसके अधीनस्थ न्यायालयों में कार्यरत महिल न्यायिक अधिकारीयों, महिला अधिवाक्यताओं, महिला कर्मचारियों आदि के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न सम्बन्धी शिकायतों को सुनने और उस शिकायत के आधार पर उस पर कार्यवाही करने के लिए एक आंतरिक जाँच समिति मानयीय न्यायाधीशों की अध्यक्षता में गठित होगी। 


यौन- उत्पीड़न क्या है, जो नहीं करना चाहिए ?
  1. किसी महिला को उसकी मर्जी के बिना छूना या छूने की कोसिस करना।
  2. किसी महिला की ओर अश्लील चित्र, फिल्म या अन्य प्रकार की अश्लील सामग्री को दिखन,
  3. किसी महिला से यौन-स्वाभाव की अश्लील बातें करना या उसको सुनाना,
  4. किसी महिला से शारीरिक रिश्ते या यौन सम्बन्ध बनाने की मांग करना या उसकी उम्मीद करना,
  5. लैंगिक उत्पीड़न के किसी कार्य या व्यव्हार के सम्बन्ध में महिलाओ को वर्तमान, भविष्य के रोजगार के लिए धमकी/ प्रलोभन देना या मानसिक क्षति पहुँचाना। 
यौन -उत्पीड़न के विरुद्ध शिकायत कौन कर सकता है ?
  1. यदि किसी महिला न्यायिक अधिकारीयों, महिला अधिवकताओं या महिला कर्मचारियों के साथ योन-उत्पीड़न होता है, इसकी शिकायत स्वयं पीड़िता कर सकती है,
  2. उसके किसी प्रकार की असमर्थ होने पर पीड़िता के सहकर्मी, मित्र,नातेदार या उसकी सहमति से किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।  
  3. महिलाओ के प्रति किसी भी प्रकार का कार्य / व्यव्हार जो अपमानजनक हो या यौन उत्पीड़न का समर्थन करे, उसकी शिकायत नियम 7 के अधीन करे। 
यदि यौन-उत्पीड़ित की मृत्यु हो जाती है,तो कौन शिकायत दर्ज करा सकेगा ?
यदि यौन -उत्पीड़न से पीड़िता महिला की मृत्यु हो जाती है, तो  उस दशा में उस यौन पीड़िता महिला के उत्तराधिकारी की सहमति से शिकायत दर्ज की जा सकती है। 

यौन उत्पीड़न की शिकायत कैसे करे ?
यदि कार्यस्थल पर किसी महिला न्यायिक अधिकारीयों, महिला अधिवक्ताओं या महिला कर्मचारयों के साथ यौन उत्पीड़न होता है,तो अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न की घटना के घटित होने पर उसकी शिकायत तीन महीने के भीतर या यौन उत्पीड़न के लगातार होने पर पिछली घटना की तारीख से तीन महीने के भीतर शिकायत दर्ज की जा सकती है। शिकायत दर्ज करते समय, शिकायत के साथ समर्थक दस्तावेजों एवं साक्षियों के नाम पता आदि की 6 प्रतियां न्यायालय में गठित आंतरिक जाँच समिति में दाखिल करनी होगी। 

नियम 7 मुख्य अंश कुछ इस प्रकार से है। 
  1. योन उत्पीडिता स्वयं या उसके असमर्थ होने पर उसके नातेदार, सहकर्मी या मित्र अथवा उसकी सहमति से किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा शिकायत दर्ज की जा सकती है,
  2. यौन उत्पीड़िता की मृत्यु होने पर उसके उत्तराधिकारी की सहमति से शिकायत दर्ज कराई जा सकती है,
  3. इस अधिनियम की सबसे अच्छी बात यह है कि यौन उत्पीड़न से सम्बंधित प्राप्त होने वाली सूचना गोपनीय रखी जाएगी,
  4. शिकायत दर्ज करते समय,  शिकायत के समर्थन में आवश्यक दस्तावेजों एवं साक्षियों के नाम व् पता आदि की 6 प्रतियां दाखिल करनी होगी,
  5. यौन उत्पीड़न से सम्बंधित शिकायतें माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय या माननीय महानिबंधक महोदय उच्च न्यायालय के समक्ष दर्ज कराई जा सकेगी।
  6. यदि यौन उत्पीड़ित महिला लगातार तीन सुनवाई में कमेटी के आदेशानुसार यथोचित कार्यवाही नहीं करती है तो कमेटी एक पक्षीय फैसला करने के लिए स्वतंत्र है,
  7. किसी भी प्रकार से कोई भी विधिक व्यवसायी या विधिक सलाहकार लेन की अनुमति नहीं है,
  8. यह जानकारी होना अति आवश्यक है कि जहाँ यौन उत्पीड़न की सच्ची शिकायत के आधार पर दोषी व्यक्ति को नौकरी से अलग किये जाने का प्रावधान है, वही यदि यौन उत्पीड़न की शिकायत झूठी निकली तो उस महिला को दण्डित किये जाने का भी प्रावधान है,
  9. यदि आंतरिक समिति के द्वारा शिकायत के प्रति की गयी कार्यवाही के अनुसार शिकायत झूठी पायी जाती है, तो शिकायत समिति जिलाधिकारी या उसके वर्तमान नियोक्ता द्वारा शिकायतकर्ता के खिलाफ दंडनीय कार्यवाही की कर सकती है। 

यौन -उत्पीड़न के बारे में क्या आप ये जानते है ?

  1. महिला कर्मचारियों का कार्यस्थल पर यौन -उत्पीडन एक दंडनीय अपराध है,
  2. सरकारी सेवा नियमावली एवं शर्तों के तहत यौन-उत्पीड़न का दोष साबित होने पर दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है जिसमे दोषी व्यक्ति को उसकी सेवा से अलग किया  जा सकता है। 

6 comments:

  1. Mere boyfriend ne mujhe shadi ka jhansa deke, pichhle 3 saal se dawaiya khila khila ke sex kiya. Or ab papa nhi manenge bol kar mujhe chhod rahe h. Unhone apne papa se sehmati bhi nhi li is baare m. Actually uske papa ko dahej ka lalach h jiske liye wo kisi bade Ghar ki ladki ko apni bahu banana chahte h. mein gareeb ghar ki ladki hu meri help kar dijiye🙏

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  2. आप थाने मे महिला अधिकारी से संपर्क कर एफ़आईआर दर्ज करा दीजिये ।

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  3. Meri ek online friend h vo Hyderabad Telangana me rahti h uski maa ne uske baap ko chodkar dusri shadi kar li lekin uska sotaila use harrasment karta h usne is baare me apne real baap se baat ki or sabhi ristedaaro se help maaghu h lekin koi bhi badnami ki vajah se uski help nhi kar rha h aur vo kaafi time se mujhse help maagh rhi h me kis tarike se uski help kar sakta hu ya use koi resenable raasta dikha sakta hu vo khud jaake iski sikhayat nhi kar sakti phone kar sakti h kya call karne se sikhayat ho jaayegi please bataye

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    1. पीड़ित व्यक्ति जहां पर है उसके क्षेत्र के पुलिस को घटना की सूचना चाहे स्वयं जाकर दो या फोन कर दो ।

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  4. HARRASMENT KI ONLINE COMPLAINT karna chhati hu plz batay kis website par hogi

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    1. सबसे पहले आप अपने कार्यस्थल में बनी यौन उत्पीड़न निवारण समिति में लिखित शिकायत करे , यदि नही है तो थाने में एफ़॰आई॰आर॰ दर्ज कराएँ ।

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