उत्तर प्रदेश में ऑनलाइन संपत्ति पंजीकरण कैसे करे इसकी प्रक्रिया क्या है ? Online property registration process in uttar pradesh-apply online for registry in up
- जब आप कोई अचल संपत्ति खरीदते है, तो स्वयं उसके विधिक मालिक बनने के लिए आप उस संपत्ति को अपने नाम पंजीकृत कराते है ताकि यदी भविष्य में आप अपनी अचल संपत्ति बेचना या दान में देना चाहे, तो यह आवश्यक है कि आपके पास उस अचल संपत्ति के स्थानांतरण का पूर्ण अधिकार होना चाहिए।
- आप अपनी अचल सम्पति को किराये पर उठा सकते है।
- आप अपनी अचल सम्पति को लीज पर दे सकते है।
- आप अपनी अचल संपत्ति को बेच सकते है आदि।
- बैनामा,
- अलॉटमेंट लेटर,
- खाता प्रमाण पत्र,
- संपत्ति कर की रशीदें,
- नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट,
- पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी / अधिकार पत्र / मुख़्तार नामा,
- पक्षकारों के पहचान पत्र। ( आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आई डी,)
- संपत्ति का पूर्ण विवरण,
- संपत्ति बेचने वाले का पूर्ण नाम,
- संपत्ति खरीदने वाले का पूर्ण नाम.
- गवाहों का पूर्ण विवरण जैसे उनका नाम आदि,
- पूर्ण स्पष्ट रूप से खरीदने वाली सम्पत्ति का पूर्ण विवरण।
- लेख पत्र पंजीकरण प्रपत्र,
- भुगतान सेवा प्रकार ई-स्टाम्प , स्टाम्प, ई-भुगतान का चयन करें।
- उप -पंजीयक अधिकारी के द्वारा आपके संपत्ति के आवशयक दस्तवेजो की जाँच होती है उसके बाद आगे की प्रक्रिया जो की,
- उप पंजीयक अधिकारी के कार्यालय में पक्षकारों और गवाहों की फोटो, अंगूठो की छाप ली जाती है।
- रजिस्ट्रेशन शुल्क जमा करना होगा और उसकी रशीद आपको दी जयएगी।
- इन सब प्रक्रिया के पुरे हो जाने के बाद पंजीकरण प्रक्रिया पूरी हो जाती है और उस मूल दस्तावेज़ में उप पंजीयक अधिकारी के हस्ताक्षर हो जाने के बाद संपत्ति के मूल दस्तावेज आपको दे दिए जायेंगे।
- उप- पंजीयक अधिकारी पंजीकृत दस्तावेज को स्कैन कर ऑनलाइन अपलोड कर देता है।
- आवेदक संपत्ति के पंजीकृत दस्तावेजों को डाउनलोड कर सकते है।
- आवेदनकर्ता को स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग उत्तर प्रदेश की अधिकृत वेबसाइट (https;//igrsup.gov.in) जा कर आवेदन करे पर क्लिक करना होगा उसके बाद अपना अकाउंट बनाना होगा।
- उसके बाद आवेदन पत्र पर मांगे जाने वाले विवरण को भरना होगा और शुल्क जमा करना होगा।
- कार्यालय जाने के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट फिक्स करना होगा।
- नियत किये गए समय के भीतर उप पंजीयक अधिकारी के कार्यालय में पक्षकारों और गवाहों को पहुंचना होगा।
- उप - पंजीयक अधिकारी के कार्यालय में गवाहों के बयान होंगे, दस्तावेजों की जाँच होगी, पक्षकरो का बायोमेट्रिक होगा।
- पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद पंजीकरण पत्र को आवेदक को दिया जाता है और ऑनलाइन अपलोड भी किया जाता है ताकि आवेदक डाउनलोड भी कर सके।
- आवेदक सम्पति पंजीकरण पत्र को ऑनलाइन विभाग की अधिकृत वेबसाइट पर जा लॉगिन कर डाउनलोड कर सकते है।
1. क्या ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए कार्यालय जाना पड़ेगा।
नहीं, रजिस्ट्रेशन के लिए आपको अपने सम्बंधित जनपद, तहसील और कार्यालय को चुनने के बाद आवेदन करना होगा। जिसके लिए आप स्वयं अपने लैपटॉप या अन्य माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर सकते है। उसके बाद आपको सम्बंधित कार्यालय में पक्षकारों और गवाहों के बयान, फोटो तथा अंगूठो के निशान के लिए जाना होगा।
3. ऑनलाइन आवेदन के बाद कितने दिनों बाद तक संपत्ति का रजिस्ट्रेशन करा सकते है ?
रजिस्ट्रेशन अधिनयम 1908, के अंतर्गत दस्तावेज के निष्पादन के 4 महीने के भीतर उसका रजिस्ट्रेशन करा सकते है।
4. यदि नियत समय पर कार्यालय नहीं पहुंच सके तो क्या करना चाहिए ?
यदि आप नियत किये गए समय के भीतर कार्यालय में रजिस्ट्रेशन के लिए नहीं पहुंच सके, तो ऐसे में आप कार्यालय अवधि में सम्बंधित कार्यालय में पहुंच कर सामान्य रूप से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी कर सकते है।
PM duara diya janewala gharoni patr kya hain .iske kya faiyade hain...
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