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तेज़ाब फेंकने पर 10 साल की सजा और पीड़िता को निःशुल्क प्राथमिक उपचार का प्रावधान Acid attack accused will be punished for 10 year and free treatment to the victim

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नमस्कार दोस्तों, 
आज के इस लेख में आप सभी को "भारतीय दण्ड संहिता " की धारा 326A और 326B के बारे में बताने जा रहा हु, जिसके अनुसार तेजाब फेकने वाले आरोपी को दण्डित किये जाने और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
भारतीय दण्ड संहिता " की धारा 326 A और 326 B तेज़ाब फेंकने वाले दोषी को 10 साल की सजा और पीड़िता को निशुल्क प्राथमिक उपचार का प्रावधान। Acid attack accused will be punished for 10 year and free treatment to the victim.
ऐसिड अटैक के कारण क्या होते है ?

तेजाब फेंकने के पीछे कारण उस व्यक्ति मानसिकता पर निर्भर करता है कि उसने किस वजह से तेजाब फेंका है या फेंकने की कोशिश की है। 
  1. एक तरफा प्यार :- तेज़ाब हमलें होने पीछे एक कारण यह भी है कि जिसमे लड़का किसी अमुक लड़की को तो पसंद करता है लेकिन लड़की नहीं पसंद करती है। लड़को की इस मानसिकता के कारण यदि तुम मेरी नहीं तो किसी की नहीं इसी वजह से उस लड़की पर तेजाब फेंक कर शरीर के किसी भी अंग को अंगभंग कर देते है। 
  2. यौन उत्पीड़न :- तेजाब फेकने के पीछे एक कारण यौन उत्पीड़न भी होता है। यौन उत्पीड़न जैसे की लड़की से शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए जोर देना बिना उसकी मर्जी के उसको शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए मजबूर करना। 
  3. अन्य कारण :- तेजाब फेंकने के कारण व्यक्ति की अपनी गन्दी मानसिकता से उत्त्पन्न  होते है , जिसकी वजह से पीड़िता को शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार से कष्ट उठाना पड़ता है। 
भारतीय दण्ड संहिता के अनुसार तेजाब फेंकने पर सजा का प्रावधान। 

1.  भारतीय दण्ड संहिता की धारा 326A  अल्म आदि का इस्तेमाल कर स्वेच्छया घोर उपहित कारित करना :- जो कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर के किसी भाग या उस व्यक्ति के शरीर पर तेजाब फेकता हैया तेजाब देता है  जिसका उस व्यक्ति को यह ज्ञान है की ऐसा करने पर तेजाब पड़ने वाले व्यक्ति को शारीरिक क्षति पहुंचेगी फिर भी वह तेजाब फेकता है। तेजाब फेकने पर पीड़िता को शारीरिक क्षति होती है जैसे कि :-

  • पीड़िता के जिस शारीरिक अंग या भाग में तेजाब फेका गया उस जगह की त्वचा का गंभीर रूप से झुलस जाना जिससे तेजाब पड़ने पर अत्याधिक जलन और पीड़ा का होना। 
  • तेजाब के पड़ने से शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की विकलांगता। 
  •  तेजाब के पड़ने के कारण शारीरक कुरूपता, भद्दापन, बदसूरत दिखना।
  • स्थायी या आंशिक शारीरिक क्षति का होना। 
  • अन्य प्रकार की शारीरिक क्षति। 

दण्ड :-  तेजाब फेंकने वाले दोषी व्यक्ति को 10 साल की कारावास  से कम की सजा नहीं होगी लेकिन जो आजीवन कारावास तक की सजा से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा।
दोषी व्यक्ति द्वारा दिए जाने वाला जुर्माना पीड़िता के उपचार के चिकित्सीय खर्चो को पूरा करने  न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा।
लेकिन यह और इस धारा के अधीन अधिरोपित कोई भी जुर्माना पीड़िता को दिया जायेगा।

2. भारतीय दण्ड संहिता की धारा 326B  स्वेच्छया अल्म फेकना या फेंकने की कोशिश करना :- जो  कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के शरीर या शरीर के किसी भी भाग में तेजाब फेकने का प्रयत्न करता है या किसी व्यक्ति को तेजाब देता है या देने का प्रयत्न करता है इस आशय कि :-

  • शारीरिक अंग या किसी भाग को जला देना। 
  • शारीरिक रूप से विकलांग बना देना। 
  • स्थायी या आंशिक शारीरक क्षति कारित करना। 
  • शारीरिक कुरूपता। 
  • अन्य प्रकार की शारीरिक और मानसिक क्षति। 
दण्ड :- तेजाब फेकने वाले दोषी व्यक्ति को 10 साल कारावास से कम की सजा नहीं होगी लेकिन जो कि आजीवन कारावास तक की सजा हो सकेगी और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।

पीड़िता को चिकित्स्यीय उपचार। 
आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 375 ग के तहत सभी चिकित्सालय वे चाहे सरकारी हो या निजी इन सभी चिकित्सालय से यह अपेक्षित है कि तेज़ाब हमले की शिकार पीड़िता को तुरंत निःशुल्क  प्राथमिक उपचार प्रदान करेंगे और तेजाब हमले की शिकार हुई पीड़िता उपचार के लिए आने पर इस प्रकार की घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दे।
यदि सरकारी या निजी चिकित्सालयों द्वारा तेज़ाब शिकार पीड़िता को निःशुल्क उपचार या इसका अनुपालन करने से इंकार करने पर या ऐसा अनुपालन न करने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 166B के तहत 1 साल तक कारावास या जुर्माने से या दोनों से दण्डित किया जायेगा।

तेजाब पीड़िता को आर्थिक सहायता। 
तेजाब हमलें के शिकार पीड़ित या पीड़िता के लिए सरकार ने एक अहम् कदम आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने का निर्णय लिया जिसके तहत :-
  1. पीड़िता प्रतिपूर्ति स्कीम के तहत दी वाली आर्थिक सहायता के अलावा तेजाब हमले में जिंदा बच जाने वाले व्यक्तियों को तुरंत अस्थायी राहत के रूप में एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।  
  2. एक लाख रुपये की यह अतिरिक्त आर्थिक सहायता प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के तहत प्रदान की जाएगी। 
  3. इस आर्थिक सहायता के लिए सम्बंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा उपयुक्त निर्धारित प्रपत्र में गृह मंत्रालय को तेजाब हमलें में पीड़िता की रिपोर्ट भेजी जाएगी। 
  4. इस रिपोर्ट की एक प्रति प्रधान मंत्री के कार्यालय को भी भेजी जाएगी। 
  5. ग्रह मंत्रालय से तेजाब हमले की पीड़िता की रिपोर्ट प्राप्त होने पर पांच कार्य दिवसों के भीतर प्रतिपूर्ति की धन राशि बैंक खाते में भेज दी जाएगी।  

2 comments:

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