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साइबर क्राइम व् साइबर क्राइम से बचने के उपाय

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नमस्कार मित्रों,

आज के इस लेख में आप सभी को "साइबर क्राइम व् साइबर क्राइम से बचने के उपाय" के बारे में बताने जा रहा हु। 

आजकल के इस आधुनिक युग में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं होगा जो कि ऑनलाइन न हो यानी देश का प्रत्येक व्यक्ति ऑनलाइन कई सुविधाओं का लाभ उठा रहा है तो, ऐसे में वह साइबर अपराध से कैसे अनजान रहे।   साइबर अपराध से सम्बंधित लोगो में जागरूकता का होना अत्यंत आवश्यक है।  जागरूकता रहेगी तो आप स्वयं और अपने परिवार व् रिश्तेदारों को साइबर अपराध के शिकार होने से बचा पाएंगे। 

तो चलिए लेख के मुख्य विषय पर चर्चा करे। 

 साइबर क्राइम क्या है ?  What is Cyber Crime ?

साइबर क्राइम एक ऐसा व्यापक अपराध है जिसकी कोई एक निश्चित परिभाषा नहीं है। यह अपराध समय समय अपने रूप को बदलता रहता है। यदि साइबर अपराध को साधारण शब्दों में समझने की कोसिस की जाये तो कह सकते है कि साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है जो कि कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल फ़ोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक संचार के जरिये इंटरनेट के मध्य से किसी अन्य व्यक्ति के कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल फ़ोन को हैक करना, अनधिकृत तरीके से उसमे प्रवेश करना, उनमे से किसी महत्वपूर्ण डाटा की चोरी करना, मिटा देना या अन्य कार्य करना जिससे उस व्यक्ति को अपूरणीय क्षति हो ऐसे अपराध को साइबर अपराध कहा जाता है। 

साइबर अपराध जैसे कि :- 
  1. मानहानि,
  2. हैकिंग,
  3. जॉब फ्रॉड, 
  4. डाटा की चोरी,
  5. इंटरनेट की चोर,
  6. मेट्रीमोनियल फ्रॉड,
  7. ऑनलाइन धोखाधड़ी,
  8. गैर कानूनी सट्टेबाजी,
  9. बच्चों के नग्नफोटो व् फिल्म बनाना,
  10. सरकारी विभाग की वेबसाइट व् उनके डाटा को हैक करना,
  11. कंप्यूटर, लॉपटॉप या अन्य ऑनलाइन प्रणाली में अनधिकृत तरीके से प्रवेश करना,
  12. ऑनलाइन फेसबुक, ई -मेल व् अन्य सोशल प्लेटफार्म के मध्य से किसी स्त्री का पीछा करना।
Cyber Crime. ( What is Cyber Crime ?).

 साइबर अपराध में किन किन उपकरणों का इस्तेमाल होता है ?

साइबर अपराधियों का दिमाग इतना तेज होता है कि वे किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग साइबर अपराध को अंजाम देने के लिए कर सकते है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे कि :-
  1. कंप्यूटर,
  2. इंटरनेट,
  3. सॉफ्टवेयर,
  4. मोबाइल फ़ोन, 
  5. प्रिंटर,
  6. स्कैनर, 
  7. अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण।

 क्या ये साइबर अपराधी पकड़ में आते है ?

साइबर अपराधी जो की दिमाग से बहुत तेज व् अक्ल मंद होते है ये इतनी सफाई से साइबर अपराध करते है, कि अपराध के पीछे कोई सबूत नहीं छोड़ते है। इनके अपराध करने का तरीका समय समय पर बदलता रहता है जिसके कारण इनको पकड़ा बहुत टेड़ा काम हो जाता है। इनके न पकड़ में आने का मुख्य कारण निम्न है :-
  1.  जब भी ये साइबर अपराधी की अपराध को अंजाम देते है तो उसके लिए ये एक ऐसे हैकिंग टूल, प्रोग्राम, या वायरस का उपयोग करते है जिसको मालूम कर पाना मुश्किल हो जाता है।
  2. अपराध करने वाला व्यक्ति किसी एक राज्य में बैठा होता है तो उसका सर्वर किसी अन्य देश या विदेश में होता है।  
  3. इनके कंप्यूटर की आईपी अड्रेस हर एक नेनो सेकंड में बदला करती है। 

साइबर क्राइम से बचने के उपाय क्या हो सकते है ?

साइबर क्राइम से बचने कोई एक निश्चित युक्ति नहीं है इसमें कई ऐसे पहलु है जिनको ध्यान में रखा जाये तभी साइबर क्राइम के शिकार होने से स्वयं और अपने रिश्तेदारों और मित्रो को बचाया जा सकता है। इसमें जितना ही आप सावधानी और बुद्धिमत्ता से काम लेंगे और अपने घर, रिश्तेदारों और मित्रो से जितना इस विषय पर चर्चा करेंगे उतना ही आपको इसके बारे में ज्ञान होगा जागरूकता होगी और आप बच सकते है। 

साइबर क्राइम से बचने के कुछ उपाय निम्न है जो कि :-
  1. एंटीवायरस, विंडो डिफेंडर और फायरवाल का इस्तेमाल करे। 
  2. अनचाहे ई-मेल पर प्रतिक्रिया न करे। 
  3. सट्टेबाजी और ऑनलाइन पेड गेम न खेले। 
  4. पेड सॉफ्टवेयर को फ्री में डाउनलोड न करे। 
  5. अन्य उपाय। 
1. एंटीवायरस विंडो डिफेंडर और फायरवाल का इस्तेमाल करे। 

यदि आप नया कंप्यूटर ले रहे है या आपके पास पहले से ही एक है तो आप उसमे एक वैध व् अधिकृत एंटीवायरस का इस्तेमाल अवश्य करे। यदि आप बाहर से एंटीवायरस नहीं खरीद पाते है तो ऐसे में आपको अपने कंप्यूटर में विंडो डिफेंडर और फायरवाल को ऑन रखना चाहिए। यह आपके कंप्यूटर को वायरस के हमले से सुरक्षा प्रदान करता है। इसके कई फायदे है जैसे कि :-
  1. जब भी आप इंटरनेट से कोई ऐसी फाइल डाउनलोड करते है यदि ऐसी फाइल में कोई वायरस मौजूद है तो यह उन फाइल को डिलीट करने को कहेगा। उसकी सुचना आपको नोटिफिकेशन में दिखाई देगी। 
  2. जब भी किसी अन्य व्यक्ति से प्राप्त उसकी पेनड्राइव आप अपने कंप्यूटर पर डाटा ट्रांसफर के लिए लगाएंगे यदि उसके पेनड्राइव में कोई वायरस है तो एंटीवायरस उसको स्कैन कर डिलीट कर देगा। 
  3. एंटीवायरस और विंडो डिफेंडर समय समय पर अपने आप कंप्यूटर को स्कैन करता रहता है और किसी हानिकारक वायरस और फाइल के मालूम होने पर हटा देता है। 
  4. इंटरनेट का इस्तेमाल करते वक़्त हानिकारक वायरस और फाइल से आपके कंप्यूटर की सुरक्षा करता है।
  5. एंटीवायरस, विंडो डिफेंडर और फायर वाल ये अपने आप आपके कंप्यूटर की सुरक्षा को लेकर कई ऐसे काम किया करते है।    
2. अनचाहे ई-मेल पर प्रतिक्रिया न दे। 

जब भी कभी आपको अनचाहे ई-मेल प्राप्त हो तो इस बात का ध्यान अवश्य रखे की आपको ऐसे ई-मेल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी है। अनचाहे ई-मेल से मतलब ऐसी ई-मेल जिसके बारे में आपको पहले से कोई जानकारी नहीं होती है। यदि आप ऐसे ई-मेल पर कोई भी प्रक्रिया करते है जैसे ओपन कर उसका जवाब देना तो आप साइबर अपराध शिकार हो सकते है और अपूरणीय क्षति भी हो सकती है जैसे कि :-
  1. ई-मेल के जरिये वायरस भेज कंप्यूटर हैक करना,
  2. लाटरी सम्बंधित ई-मेल भेज आपसे पैसो की मांग,
  3. निजी डाटा की चोरी, बदलाव व् मिटा सकते है,
  4. कंप्यूटर में स्टोर बैंक से सम्बंधित जानकारी की चोरी,
  5. आपके निजी फोटो की चोरी कर गलत वेबसाइट पर प्रकाशित करना। 
  6. अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए कम्यूटर का इस्तेमाल कर सकते है। 
3. सट्टेबाजी व् ऑनलाइन पेड गेम न खेले। 

ऑनलाइन की इस आधुनिक दुनिया में हर चीज ऑनलाइन हो गयी यहाँ तक गेम भी अब ऑनलाइन खेले जा सकते है। यह गेम सट्टेबाजी से लेकर ऑनलाइन पेड गेम तक होते है, जहाँ आपको अधिक इनाम व् राशि जितने का प्रोलभन देकर आपको गेम खलेने के लिए उत्तेजित किया जाता है। इन सट्टेबाजी और पेड गेम का मुख्य उद्देश्य आपसे केवल पैसे ऐठना होता है। 
                                                                       ऑनलाइन सट्टेबाजी व् पेड गेम के लिए आपको अपनी तरफ से पैसा लगाना होता है उसके लिए आप अपने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते है। अब यही से साइबर अपराधियों का काम शरू होता है। ये साइबर अपराधी सट्टेबाजी व् पेड गेम में ऐसा कोड प्रोग्राम कर देते है जो आपके कार्ड से सम्बंधित प्रत्येक जानकारी को एकत्रित करता रहता है और अचानक आपका बैंक अकाउंट पूरा खाली कर देते है। 

4. पेड सॉफ्टवेयर फ्री में डाउनलोड न करे। 

अक्सर जब भी हमे किसी सॉफ्टवेयर की जरुरत पड़ती है तो वह सॉफ्टवेयर इतना महंगा होता है की खरीदने के बजाय उसे फ्री में डाउनलोड करने की सोचते है। ऐसा करने के लिए इंटरनेट में उस सॉफ्टवेयर को खोजते है और कही न कही किसी वेबसाइट में सॉफ्टवेयर फ्री में मिल जाता है और उसे बिना सोचे समझे डाउनलोड कर लेते है। जिसका परिणमा बहुत हानिकारक हो सकता है जैसे कि :-
  1. पेड सॉफ्टवेयर के फ्री डाउनलोड करने पर आपका कंप्यूटर हैक हो सकता है,
  2. क्योकि ऐसे सॉफ्टवेयर में हैकर वायरस प्रोग्राम कर उसे फ्री में उपलब्ध करा देते है,
  3. एक बार सॉफ्टवेयर के आपके कंप्यूटर में इनस्टॉल हो जाने पर उनका पूरा कब्ज़ा आपके कम्यूटर पर होता है,
  4. ये हैकर आपके कंप्यूटर में स्टोर की चोरी, उसमे बदलाव और डिलीट कर सकते है,
  5. आपके कंप्यूटर पर स्टोर आपकी निजी फोटो को चुरा कर उसका गलत जगह इस्तेमाल कर सकते है। 
  6. अन्य आपराधिक गतिविधियों में आपके कंप्यूटर का इस्तेमाल कर सकते है। 
5. अन्य उपाय। 
  1. अनजान व्यक्ति के द्वारा फ़ोन करने पर उस काल को न उठाये यदि उठा भी लेते है तो कोई जानकारी न दे। 
  2. कोई व्यक्ति बैंक कर्मचारी होने का दावा कर आपको फ़ोन कर आपसे आपके बैंक सम्बंधित जानकारी मांगे तो ऐसे फ़ोन का जवाब न दे। 
  3. कोई व्यक्ति टेलीकॉम कंपनी कर्मचारी होने का दावा कर आपसे आपके आधार कार्ड सम्बंधित जानकारी मांगे तो कोई जवाब न दे। 
  4. डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड के समाप्त होने को लेकर कोई कॉल आये तो कोई भी जानकारी न दे। 
  5. लाटरी जीतने से सम्बंधित कोई ई-मेल, मैसेज या फ़ोन कॉल प्राप्त हो तो कोई प्रतिक्रिया न करे। 
  6. सिम स्वैप को लेकर कोई कॉल आये तो कोई प्रतिक्रिया न करे। 
  7. अनचाहे जॉब को लेकर कोई कॉल आये तो कोई प्रतिक्रिया न करे। 
  8. WHATSAPP पर किसी अनजान व्यक्ति के मैसेज का रिप्लाई न दे। 
  9. फसेबूक मैसेंजर पर अनजान व्यक्ति द्वारा रूपये की मांग को लेकर कोई प्रतिक्रिया न करे। 
  10. अनजान व्यक्ति से फेसबुक, whatsapp, इंस्टाग्राम में न जुड़े। 
  11. बाकि आप समझदार है। 

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