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लोक अदालत क्या है और लोक अदालत द्वारा किस प्रकार के मामले निपटाये जाते है ? What is lok-adalat and which types of cases are settled by the lok adalat

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नमस्कार दोस्तों,
आज के इस लेख में आप सभी को लोक अदालत क्या है और लोक अदालत द्वारा किस प्रकार के मामले  निपटाये जाते है इसके बारे में बताने जा रहा हु।

लोक अदालत क्या है और लोक अदालत द्वारा किस प्रकार के मामले निपटाये जाते है

  1. लोक अदालत क्या है ?
  2. लोक अदालत के लाभ क्या है ?
  3. लोक अदालत द्वारा किस प्रकार के मामले निपटाये जाते है ?
  4. लोक अदालत द्वारा दिया गया निर्णय क्या फाइनल निर्णय होगा ?
  5. क्या लोक अदालत के द्वारा दिए गए निर्णय के खिलाफ अपील की जा सकती है ?
आपके मन में उठने वाले ऐसे ही कई सवालो के जवाब आज हम आपको इस लेख के माध्यम से देने जा रहे है, ताकि आपको हम संतुष्ट कर सके जो की हमारा पूरा प्रयाश है।

लोक अदालत क्या है ?
विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम-1987 की धारा 19 में लोक अदालत के आयोजन (गठन ) का प्रावधान किया गया है। प्रत्येक राज्य प्राधिकरण या जिला प्राधिकरण या सर्वोच्च कानूनी सेवा समिति या प्रत्येक उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति या जैसा भी हो, तालुक कानूनी सेवा समिति ऐसे अंतराल या स्थानों पर लोगो के लिए लोक अदालत का आयोजन कर सकती है। लोक अदालत ऐसे क्षेत्रों के लिए इस तरह के क्षेत्राधिकार का इस्तेमाल कर सकती है जैसा की वह उचित समझती है। 

लोक अदालत एक ऐसी अदालत / मंच है जहाँ पर न्यायालयों में विवादों / लंबित मामलो या मुकदमेबाजी से पहले की स्थिति से जुड़े मामलो का समाधान समझौते से और सौहार्दपूर्ण तरीके से किया जाता है। इसमें विवादों के दोनों पक्ष के मध्य उत्त्पन हुए विवाद को बातचीत या मध्यस्ता के माध्यम से उनके आपसी समझौते के आधार पर निपटाया जाता है।

लोक अदालत की शक्तियां क्या है ?
विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 22 उपधारा (1) के तहत लोक अदालत को इस अधिनियम के अधीन कोई अवधारण करने के प्रयोजन के लिए, वही शक्तियां प्राप्त होंगी जो सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 के अधीन सिविल न्यायालय में है।
  1. किसी साक्षी को समन कराना, हाजिर कराना और शपथ पर उसकी परीक्षा कराना। 
  2. किसी दस्तावेज को मगवाना या उसको पेश किया जाना। 
  3. शपथ पत्र पर साक्ष्य ग्रहण करना। 
  4. किसी न्यायालय या कार्यालय से किसी लोक दस्तावेज या अभिलेख या ऐसे दस्तावेज या अभिलेख की प्रति की अध्यपेक्षा करना।  
  5. ऐसे अन्य विषय जो न्यायालय द्वारा विहित किया जाये। 
लोक अदालत के लाभ क्या है ?
  1. अधिवक्ता / वकील पर होने वाला खर्चा नहीं लगता है। 
  2. न्यायालय शुल्कः नहीं लगता है। 
  3. पक्षकारों के मध्य उतपन्न हुए विवादों का निपटारा आपसी सहमति और सुलह से हो जाता है। 
  4. मुआवजा व् हर्जाना आदेश के बाद जल्द मिल जाता है। 
  5. यहाँ तक कि पुराने मुकदमें में लगा न्यायालय शुल्क वापस मिल जाता है। 
  6. किसी भी पक्षकार को दण्डित नहीं किया जाता है। 
  7. लोक अदालत द्वारा पक्षकरों को न्याय आसानी से मिल जाता है। 
  8. लोक अदालत का अवार्ड (निर्णय ) अंतिम होता है जिसके खिलाफ किसी न्यायालय में अपील नहीं होती। 
लोक अदालत में किस प्रकार के मामलो का निपटारा होता है ?
  1. दीवानी सम्बंधित मामले। 
  2. बैंक ऋण सम्बंधित मांमले। 
  3. वैवाहिक एवं पारिवारिक झगड़े। 
  4. राजस्व सम्बंधित मामले। 
  5. दाखिल ख़ारिज भूमि के पट्टे। 
  6. वन भूमि सम्बंधित मामले। 
  7. बेगार श्रम सम्बंधित मामले। 
  8. भूमि अर्जन से सम्बंधित मामले। 
  9. फौजदारी सम्बंधित मामले। 
  10. मोटर वाहन दुर्घटना मुआवजा सम्बंधित दावे। 
लोक अदालत में भेजे जाने वाले मामलो की प्रकृति कैसे होती है ?
  1. लोक अदालत के क्षेत्र के न्यायालय का कोई भी मामला जो किसी भी न्यायालय के समक्ष लंबित है। 
  2. ऐसे विवाद जो लोक अदालत के क्षेत्रीय न्यायालय में आते हो,  लेकिन जिसे किसी भी न्यायालय में उसके वाद के लिए दायर न किया गया हो और न्यायालय के समक्ष दायर किये जाने की संभावना है। 
लोक अदालत में न भेजे जाने वाले मामले कौन से है ?
लोक अदालत के समक्ष ऐसे कोई भी मामले नहीं भेजे जायेंगे जिसमे लोक अदालत को ऐसे किसी मामले में या वाद पर अधिकारिता प्राप्त नहीं। 
लोक अदालत में ऐसे कोई भी मामलो या वदो के समझौते के लिए नहीं भेजे जायेंगे जो की गंभीर प्रकृति के अपराध होते है जिसमे समझौता या सुलह करने का कोई सवाल नहीं उठता और न ही ऐसे अपराधों में  समझौता या सुलह किया जा सकता है। 

लोक अदालत द्वारा मामलो का संज्ञान। 
विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 20 में लोक अदालत द्वारा मामलों के संज्ञान (विचाराधिकार) का  प्रावधान किया गया है। अधिनियम की धारा 19 की उपधारा (5) खंड (i) में संदर्भित मामले जो किसी न्यायालय के समक्ष लंबित है। पक्षकारों के आग्रह पर न्यायालय ऐसे मामलो के समाधान के लिए लोक अदालत में भेजेगा जहाँ पक्षकार :-
  1. जहाँ पक्षकार लोक अदालत में विवाद को सुलझाने के लिए सहमत है। 
  2. जहाँ पक्षकारों में से कोई एक पक्ष न्यायालय में आवेदन करता है। 
  3. यदि न्यायालय को यह संज्ञान हो जाता है कि विवादित मामला लोक अदालत में समाधान करने के लिए उपयुक्त है। 
  4. लेकिन सम्बंधित मामले को न्यायालय द्वारा पक्षकारो के आग्रह पर विवाद के निपटारे के लिए लोक अदालत में भेजने से पहले न्यायालय उभय पक्षों को सुनवाई का पूरा अवसर देगी। 
यदि इन प्रयासों के बाद भी पक्षकार के मध्य अपने विवादों के निपटारे के लिए लोक अदालत समझौता या राजीनामा नहीं होता तो वह मामल पुनः उस न्यायालय को प्रेषित कर दिया जाता है जहाँ से वह मामला प्राप्त हुआ था। उस न्यायालय द्वारा उस मामले में फिर उसी स्तर से अग्रिम कार्यवाही प्रारंभ हो जाती है , जिस स्तर से वह मामला लोक अदालत में भेजा गया था।

लोक अदालत का निर्णय। 
विधक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 21 में लोक अदालत के द्वारा निर्णय दिए जाने का प्रावधान किया गया है। 
  1. लोक अदालत द्वारा दिए गए प्रत्येक अवार्ड (निर्णय ) को सिविल न्यायालय की डिक्री मानी जाएगी जैसा भी मामला हो।  न्यायालय का आदेश जहाँ किसी मामले के समझौते के लिए लंबित मामले को लोक अदालत में भेजा जाता है और उस मामले में समझौता हो जाता है, तो ऐसे मामले में न्यायालय में मूल रूप से पहले भुगतान किये गए न्यायालय शुक्ल को वादकारी को वापस कर दिया जाता है। 
  2. लोक अदालत द्वारा दिया गया प्रत्येक अवार्ड अंतिम होगा और यह अवार्ड (निर्णय) विवादों के सभी पक्षकारों पर बाध्यकारी होगा। 
  3. लोक अदालत के द्वारा दिए गए निर्णय के खिलाफ किसी भी न्यायालय में अपील नहीं की जाएगी। 
लोक अदालत  के अवार्ड (निर्णय) के खिलाफ क्या अपील होती है ?
लोक अदालत को विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के तहत लोक अदालत को वैधानिक दर्जा दिया गया है। जिसके तहत लोक अदालत के अवार्ड (निर्णय) को सिविल न्यायालय का निर्णय माना जाता है, जो कि दोनों पक्षकारों पर बाध्यकारी होता है। लोक अदालत के अवार्ड (निर्णय) के विरुद्ध किसी भी न्यायलय में अपील नहीं की जा सकती है।

39 comments:

  1. My name Suresh kumar Mera ek sarkari case chal raha that us cesh main dusre parti ke vakil ne compound application lagwa de kya main us case of dobara chalwa sakta Hun ya nahi

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  2. क्या आपने समझौता किया ?

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  3. Nameste sir mera Naam Kamal jamodiya hai me ek retaired sainik Hun meri patni ne kuch logo se udhar paisa Liya tha our badle me in logo ne meri patni se kore cheque avam kore stamp rakhwaye the jiski muze jankari nahi thi jab bad me mere jyada paisa khali hone Laga to maine apni patni se sakhtai se pucha to usne bola ki ye log muzase 5 aur 10 pratisat ka byaz le rahe hai tab maine patni Ko bolkar un logo ke khilaf so karyalaya Mai Avadan diya Avadan chouki par pahuchane ke bad police ne pahle un logo ke bayan liye aur takriban 1 maah bad hame bulaya Gaya jabki police Ko tatkal karwai karni chahiye thi nahi ki Gaye unme se ek vyakti ne mera check Laga diya 175000 ka jabki meri patni ne usase 100000 Liya tha aur byaz ke rup mai84000 de chuki hai cheque mere ladke ka 1 meri patni ka 1 aur mere naam ka cheque jo kora diya tha me us samay Sena Mai service kar Raha thhaa his vyakti ne mera cheque lagaya usane 18 mahine pahle mere account Mai paise dale the aur 30 dec 2019 Ko lagaya aur cheque bounce karwa diya agar police sakhtai se puchtach Karti to ye sab Kabul karte lakin chai aisaa nahi hua Mai kya karu maine cm cm help line Mai bhi 29 Dec 2019 Ko complineec Dali hai aur ab Mai kya karu

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  4. प्रणाम सर !
    मेरा नाम अमन कुमार है। मेरे घर के बगल में रोड का जमीन है उस पर पड़ोसी ने घर बना लिया है और रास्ते के लिए जमीन नहीं दे रहा है हमने शिकायत भी की है अंचल में कागजी पूरी प्रक्रिया हो गई है लेकिन सीईओ अतिक्रमण मुक्त नहीं करवा रहा है 2 साल से ज्यादा हो गया है हम क्या करे।

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  5. Mere bare bhai me nam se pata ki jamin hai to air bhaio ka ho sakta hai ki nahi

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  6. सर जी नमस्कार
    मैं यह राय लेना चाहता हूँ कि गोद नामां का आदेश शिविल न्यायालय से कैसै ले नाओलाद है दतक पुत्र लिया ।

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  7. सर
    मैंने लोक अदालत में राजी नामा मकान खाली कराने के लिए किया था।12/4/18को तीन साल के लिए। यानी 12/4/21 तक जो दस दिन बाद आने बाली है ।उससे पहले निचली अदालत में ईजराय का केस चल रहा था। जिसमें मुझे किरायेदार से मकान खाली कराने की कुर्की के आदेश मिले ।नाजिर मकान खाली कराने आया झगरे करके भगादिया गया । और हाईकोर्ट जयपुर से नवम्बर 19 को स्टे आर्डर ले आया । और आज तक स्टे नहीं हटा ।12/4/21 दस दिन बाद है ।मैं क्या करूं।
    लोक अदालत का मामला है राजीनामा हुआ है।
    उचित सलाह दें।
    धन्यवाद।
    सूरज कपूर
    9460895077
    अजमेर राजस्थान

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  8. आदेश मे क्या लिखा है ?

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  9. Sir लोकआदलत में राजीनामा होने के बाद other पार्टी उसको खारिज करते हैं तो वो खारिज होता है क्या

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    1. लोक अदालत में वही वाद जाते है जिनमे दोनो पक्षों की रज़ामंदी होती है । एक बार लोक अदालत में रज़ामंदी हो गयी तो फिर ख़ारिज कैसे होगा ।

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    2. जिन लोगो राजीनामा दिया वो लोग अपनी बहिनो को आगे कर बोल रहे हमे यह राजीनामा मंजूर नही है।

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    3. कहाँ राजीनामा, किस संबंध मे दिया ?

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    4. लोक अदालत में जमीन आदान प्रदान हुई है पैर बहिनो नाम से मुख्तियार नामा लगा उस राजीनामा खारिज करा दिया है

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    5. क्या मुखतारनामा पंजीकृत है ?

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  10. Namaste sir mera naam Virendra hai aur mera ek cheque bounce ka case hai jisme cheque amount ka 70% amount court me jama hai lekin isle baad me 2 - 4 tarik per upsthith nahi hua to mera girftari warant nikal gaya lekin ab me bacha hua amount 30% jama krwana chata hu to kya iske baad bhi mujhe saja ho sakti hai case 2017 ka hai

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  11. सर नमस्ते मेरा नाम वीरेन्द्र है मेरा एक चेक बाउनस का केस है जिसमें सामने वाले ने चेक में ग़लत राशी भरकर २००००० रूपये का चेक लगा दिया चेक राशी का ७०% १४०००० रूपये मेने काेट मे भर दिये है शेष ३०% ६०००० रूपये जमा करने है लेकिन मे २ - ३ तारीक पर काेट नहीं गया जिससे मेरा गिरफ़्तारी वारंट निकल गया कल मेरी तारीक है अगर मे चेक की बाक़ी राशी ६०००० रूपये जमा करवा देता हु ताे क्या तब भी मुझे सज़ा हाे सकती है या सामने वाली पार्टी ने समझाेता नहीं किया ताे क्या हाेगा सर

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    1. अपने वकील से बोलो वॉरंट रिकॉल के लिए आवेदन करे और तुम हाज़िर हो बकाया धन राशि जमा करो ।

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  12. Sir 36 sal pahle berojgari kon k tahat 25000 ka lon liya thha bina kisi chaq ya no garnti par aaj tak 36 sal ho gaye koi nitish nahi aaya aaj lok adalat se notis aaya h kaya karna h

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  13. Sir jilashkari bank ka lon h Jo lon liya uski mrityu ho gayi h unke Ghar me koi Anya sadasya nhi h kewal unki patni h koi lon bharne Wala nahi h kya hoga

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    1. कोई नोटिस आए तो बताना ।

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  14. Sir meri 11 thousands ke traffic chalan kat gye kya ye amount kam ho satka h lok adlat me plz help

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  15. Sir agr me Ae pese na du to
    Kiya hoga

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  16. क्या धारा 354 का राजीनामा लोक अदालत में हो सकता है

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  17. Meri bahan ko Sadi 10 sal ho gaya h ladka mar pit barabar karta tha kes karne par koi solve nahi huwa h aaj mere pas notice aaya h Aab kya kare

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  18. सर मेरी गाड़ी के टैक्स की आरसी आ गई है सर इसको लोक अदालत में लगाना है कृपया करके लोक अदालत में लगाने का उपाय बताइए मैं सदा आपका आभारी बना रहूंगा

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    1. अपने जिले के अधिवक्ता से संपर्क करे ।

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  19. सर क्या लोक अदालत में इलेक्ट्रिसिटी फेटल एक्सीडेंट केस दायर किए जा सकते है

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  20. ये दुर्घटना कहाँ हुई ?

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  21. किस्त देने के wad notice aye ky kr

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  22. सर नमस्कार मैं पंकज कुमार एक राजकीय कर्मचारी हूं मेरा विवाह 1995 ईस्वी में हुआ था उससे दो बेटियां हैं जो क्रमशः 26 और 22 साल की है दोनों का विवाह होना बाकी है पत्नी से लंबे समय से विवाद था मैं पिछले 10 12 साल से उनके खाते में पैसे डालता था वर्तमान में ₹20000 डालता हूं इसके अलावा उनकी पढ़ाई लिखाई दवाई आदि पर खर्च करता हूं मैं पिछले 10 साल से लिव इन में किसी के साथ रहता हूं उनके दो बच्चे भी हैं जो 7 और 3 साल के हैं पहले वाली पत्नी मुझ पर तनख्वाह आधी करने का दबाव डाल रही है मैं उनको नियमानुसार कितनी राशि देने का और उनकी किस किस तरह से भरपाई करने का अधिकारी हूं

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    1. ये किसकी सलाह से करते आए है ?

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  23. Sir hume apse kuch jankari chaiye ki waha kaise hum apeel kar sakte hai aur lok adalat me aperl karne me kitna karcha vagera ata hai, mai uski janakari apse lena chahti hun

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  24. लोक अदालत में अपील नही होती है ।

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