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कब व्यक्ति साइबर अपराध करता है और साइबर अपराध के पीछे क्या कारण हो सकते है

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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में आप सभी को " साइबर अपराध के पीछे कारणों " के बारे में बताने जा रहा हु। जब कोई व्यक्ति कार्य करता है तो उस कार्य को करने का कोई न कोई कारण होता है। साइबर अपराधियों द्वारा भी साइबर अपराध करने के पीछे भी कई कारण हो सकते है। क्या कारण होते है आज इन्ही के बारे में विस्तार से जानेंगे। 

Cyber Crime ke reason ( Causes of Cyber Crime)

साइबर अपराध क्या है ?
साइबर अपराध जिसका सीधा सम्बन्ध कम्प्पूटर, मोबाइल या अन्य इलेट्रॉनिक उपकरणों से है जहाँ इन सभी उपकरणों के इस्तेमाल से ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को क्षति पहुँचाने के उद्देश्य से किया गया ऐसा कार्य जिसके परिणामस्वरूप ऐसे कार्य से उस व्यक्ति को अपूरणीय क्षति होती है, तो ऐसे किया गया प्रत्येक कार्य जो कंप्यूटर मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से किया जायेगा वह सभी कार्य साइबर अपराध की श्रेणी में आएगा जिसे साइबर अपराध कहा जाता है। साइबर अपराध जैसे कि:-
  1. हैकिंग,
  2. मानहानि,
  3. डाटा की चोरी,
  4. साइबर स्टाकिंग,
  5. क्रेडिट कार्ड फ्रॉड,
  6. डेबिट कार्ड फ्रॉड,
  7. दस्तावेज की चोरी, कूटरचना आदि यानी नकल करना ,
  8. देश की आर्थिक स्थिति को नुकसान पहुँचाना,
  9. देश की राजनैतिक अर्थ वयवस्था को नुकसान पहुँचाना,
उपरोक्त सभी अपराधों के पीछे कोई न कोई कारण अवश्य होता है।

साइबर अपराध के पीछे क्या कारण हो सकते है ?

साइबर अपराध होने के पीछे कई कारण हो सकते इनकी कोई गिनती नहीं है क्योकि जैसे समय समय पर लोगो की आवश्यकता बदलती रहती है वैसे भी साइबर अपराध के कारण भी बढ़ते रहते है। साइबर अपराध के निम् कारणों हो सकते है जैसे कि :-
  1. मनो वैज्ञानिक कारण,
  2. द्वेष की भावना,
  3. अधिक रुपयों का लालच,
  4. लापरवाही या असावधानी,
  5. सामाजिक कारण। 
इन्ही सभी कारणों को विस्तार से समझते है। 

 1. मनोवैज्ञानिक कारण। 

साइबर अपराध के घटित होने का एक कारण मनोवैज्ञानिक कारण भी हो सकता है। नवयुवक हो या फिर बड़े दोनों ही अपनी उम्र के लोगो के मध्य अपने को उनसे अच्छा, बुद्धिमान और चालाक दिखाने की कोसिस करा करते है। अपनी मित्र मंडली में अपने को कुछ अलग दिखाने में लगे रहते है। जब बात कंप्यूटर और इंटरनेट के सम्बन्ध में आती है तो एक दूसरे अपने को अधिक जानकार या कुछ अलग साबित करने में लग जाते है। जाने में या अनजाने में इनसे साइबर अपराध हो ही जाता है। 

खासकर 13 से 19 साल की उम्र के नवयुको में अपने को एक दूसरे से अलग, कुछ नया कर दिखाने की होड़ लगी रहती है। इनको थोड़ा भी कंप्यूटर व् इंटरनेट का ज्ञान हो जाता है तो ये अपने को गुरु मानने लग जाते है। जाने या अनजाने में इनसे भी कही न कहि अपराध हो जाता है। 

2.  द्वेष की भावना। 

साइबर अपराध के घटित होने का एक कारण द्वेष भावना भी हो सकता है। व्यक्ति का एक दूसरे के प्रति द्वेष की भावना, इर्षा , क्रोध, गुस्सा आदि का होना की वह क्या न कर दे की दूसरे व्यक्ति को से बदला ले ले या उसको क्षति पंहुचा दे। ऐसे में व्यक्ति साइबर अपराध कर बैठता है जैसे कि:-
  1. किसी व्यक्ति को बदनाम करने के लिए उसके निजी पलो की चोरी छुपे तस्वीर निकालना वीडियो बनाना और प्रकाशित करना। 
  2. किसी स्त्री की लज्जा को भंग करने के इरादे से उसकी फोटो व् वीडियो बनाना। 
  3. किसी स्त्री की फोटो व् वीडियो को किसी अश्लील वेबसाइट पर प्रकाशित करना। 
  4. बॉस से किसी कार्य को लेकर झगड़ा हो जाने पर उससे बदला लेने की भावना में उसे बदनाम करने के इरादे से कोई गलत कार्य करना। 
  5. आईटी कंपनी में जहाँ कर्मचारियों को कंप्यूटर पर कार्य करने की पूर्ण स्वतंत्रता मिली हुई है वहाँ इस स्वतंत्रता का दुरूपयोग करना। 
  6. कंपनी के गोपनीय डाटा बेस, दस्तावेज या प्रोग्राम को हैक करना या उसकी कॉपी बना कर किसी अन्य प्रतिद्वंदी कम्पनी को बेचना अदि। 
  7. सरकारी कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा एक दूसरे से बदला लेने की भावना या क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से गलत कार्य करना, दस्तावेजों की कॉपी, अनधिकृत प्रवेश अदि। 
3.  अधिक रुपयों का लालच। 

साइबर अपराध के घटित होने का एक कारण लोगो में अधिक लालच का होना भी हो सकता है। जहाँ व्यक्ति अधिक रूपये पाने का लालच रखता है तो कही न कही उस व्यक्ति से कोई न कोई अपराध तो अवश्य हो सकता है। यदि कोई ऐसा व्यक्ति जिसे कंप्यूटर व् इंटरनेट की अधिक अच्छी जानकारी है तो वह अधिक रूपये कमाने के लिए किसी भी तरह से कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल गलत काम में कर सकता है जैसे:-
  1. सरकारी विभाग के कर्मचारियों द्वारा कंप्यूटर में स्टोर गोपनीय जानकारी की चोरी करना व् अनधिकृत प्रवेश करना। 
  2. निजी कंपनी व् संस्था के कर्मचारियों द्वारा कंप्यूटर में स्टोर गोपनीय जानकारी, प्रोग्राम व् आवश्यक दस्तावेजों की चोरी कर प्रतिद्वंदी कंपनी व् संस्था को बेचना। 
  3. प्रतिद्वंदी कंपनी द्वारा प्रतिस्पर्धा की दौड़ में प्रोफेशनल हैकर को बुला कर प्रतिद्वंदी कम्पनी को क्षति पहुँचाने के इरादे से उनके सिस्टम को हैकर करवाना। 
  4. बैंक कर्मचारी होने का दावा कर लोगो से उनके बैंक से सम्बंधित, डेबिट / क्रेडिट कार्ड की जानकारी प्राप्त कर उनको ठगना।
  5. नौकरी दिलवाने का दावा कर लोगो से रूपये की मांग कर धोखा देना आदि। 
4. लापरवाही / असावधनी। 

साइबर अपराध के घटित होने का एक कारण लापरवाही व् असावधानी भी हो सकती है। कंप्यूटर पर इंटरनेट के साथ काम करने वाले व्यक्ति द्वारा यदि सावधानी नहीं बरती गयी तो इस असावधानी व् लापरवाही का परिणाम साइबर अपराध हो सकता है। जैसे :-

आजकल प्रत्येक व्यक्ति सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग अपनों से जुड़े रहने के लिए कर रहा, अपनी बात को लोगो तक पहुँचाने के लिए अपने विचारों को लेखनी व् चित्र के माध्यम से पंहुचा रहा है। ऐसे में आप यदि आप सावधानी नहीं बरतते और कोई ऐसी चीज बिना सोचे समझे प्रकाशित कर देते है जिससे किसी व्यक्ति की छवि ख़राब होती है या उसको नुकसान पहुँचता है।  तो भी आप साइबर अपराध की श्रेणी में गिने जायेंगे। 
5. सामाजिक कारण। 

साइबर अपराध के घटित होने का एक कारण सामाजिक कारण भी हो सकता है। समाज में रहना एक दूसरे से बात करना और कभी कभी उनकी बातो पर नाराज होना और इतना नाराज होना या उन बातो का इतना बुरा लगना की एक दूसरे के प्रति द्वेष की भावना या बदला लेने की भावना या लज्जित करने की भावना का जगना ही कभी कभी साइबर अपराध का कारण बन जाता है जैसे कि:-
  1. सॉफ्टवेयर इंजीनियर द्वारा अपने कर्मचारी मित्र के कंप्यूटर का पासवर्ड हैक कर उसके नाम से किसी अन्य कर्मचारी को अश्लील संदेश, चित्र आदि भेजना। 
  2. किसी भी पुरुष व् महिला को लज्जित करने के इरादे से उसके फोटो को किसी अश्लील वेबसाइट पर प्रकाशित करना। 
  3. कॉलेज व् स्कूल में छात्रों के झगड़ जाने पर एक दूसरे से बदला लेने व् बदनाम करने के लिए उसने सम्बंधित सवेदनशील फोटो को लीक कर वायरल करना। 
  4. समाज के किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति की छवि को बिगाड़ने के लिए उसने सम्बंधित झूठी खबर प्रकाशित करना।
  5. पडोसी से झगड़ा होने पर उसके विरुद्ध ऑनलाइन कोई अनैतिक कार्य करना। 

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